कैसे बनता है तेज दिमाग, जानें दिमाग तेज करने के तरीके

किसी भी मानसिक विकास या बीमारी से बचने के लिए हमें हमेशा अपने दिमाग को तेज करते रहना चाहिए। तेज दिमाग दूसरों के सामने हमारा मान बढ़ाता है। तेज दिमाग के साथ हम अपने जीवन की चुनौतियों से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं और बिना किसी की मदद के अपने कार्यों को अंजाम दे पाते हैं।

जन्म लेने से लेकर मरने तक, हमारा दिमाग हर वक्त चलता रहता है। दिमाग हर वक्त काम करता रहता है। ये तब भी काम करता है, जब हम सो रहे होते हैं। इसी वजह से तो हमें नींद में भी सपने दिखाई देते हैं। मगर, असल में दिमाग कैसे काम करता है? हमें ये कैसे पता चलता है कि हमारा दिमाग काम कर रहा है? इन सवालों का सबूत देने के लिए हमें ज़्यादा कुछ करने की ज़रूरत नहीं है, क्योंकि अगर हम किसी बात पर फोकस कर पा रहे हैं, किसी को सुन पा रहे हैं, देख कर पहचान पा रहे हैं या महसूस कर पा रहे हैं तो इसका मतलब है कि हमारा दिमाग सही से काम कर रहा है। हमारी पांचों इंद्रियां हमारे दिमाग के साथ मिलकर काम करती हैं। इंद्रियां दिमाग तक सुनने, देखने, चखने और महसूस करने का संदेश पहुंचाती हैं और तब जाकर हम इन क्रियाओं को कर पाते हैं। 

किसी भी व्यक्ति के लिए दिमाग का चलना बिल्कुल वैसा है, जैसा कि बल्ब जलने के लिए बिजली का होना। बिना दिमाग के इस दुनिया में रह पाना बहुत मुश्किल है। दिमाग में किसी भी तरह की कमी हमें मानसिक विकलांगता की श्रेणी में रख देती है। मानसिक दिव्यांगता एक ऐसी मानसिक बीमारी है जिससे उभरना बहुत मुश्किल है। इस बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति न तो कुछ सोच पाता है और न ही उसमें समझने की शक्ति होती है। इसलिए वो अपना सारा जीवन दूसरों पर निर्भर रहता है।

ऐसे में किसी भी मानसिक विकास या बीमारी से बचने के लिए हमें हमेशा अपने दिमाग को तेज करते रहना चाहिए। तेज दिमाग दूसरों के सामने हमारा मान बढ़ाता है। तेज दिमाग के साथ हम अपने जीवन की चुनौतियों से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं और बिना किसी की मदद के अपने कार्यों को अंजाम दे पाते हैं। हमारे सोचने-समझने की शक्ति, विचार, व्यवहार और सही-गलत में अंतर, हम एक स्वस्थ दिमाग से ही कर पाते हैं।

हालांकि, हमारा दिमाग कभी-कभी कुछ चिंताओं और केमिकल रियेक्शन के चलते सही से काम नहीं कर पाता। ऐसे में हम चीज़ें भूलने लगते हैं और अपनी ज़िंदगी की मुश्किलों से जूझने में नाकाम हो जाते हैं। ऐसे में अपने दिमाग की क्षमता या शक्ति बढ़ा कर, हम अपने दिमाग को तेज कर सकते हैं ताकि अपने जीवन की सारी परेशानियों का डटकर सामना कर सकें। आइए हम सोलवेदा के साथ मिलकर दिमाग को तेज करने के तरीकों के बारे में जानते हैं और अपनी ज़िंदगी को आसान बनाने की कोशिश करते हैं।

तेज दिमाग का राज़ (Tez dimag ka raaz)

कुछ लोग जन्म से ही बुध्दिमान होते हैं तो कुछ लोग बाद में खुद को तेज दिमाग वाला बना लेते हैं। इतिहास में ऐसे बहुत से नाम हैं, जिन्होंने बहुत कम उम्र में बड़े-बड़े कारनामे करके दिखा दिये, क्योंकि उनकी बुद्धि में इन कारनामों को अंजाम देने का कौशल था। वहीं ऐसे भी नाम मौजूद हैं जिनको देखकर लोग उनका मज़ाक बनाते थे, नकारा और बुद्धिहीन मानते थे, पर उन्होंने भी अपने कारनामों से दुनिया को हैरान कर दिया। जानते हैं ऐसा क्यों हुआ? ऐसा हुआ क्योंकि उन्होंने अपने दिमाग को इस काबिल बनाया कि जो लोग उनका मज़ाक बनाते थे वही उनकी कलाकारी के दीवाने बन गए। उन्होंने अपनी बुद्धि को तेज करने के रास्ते अपनाएं और अपने जीवन में सफलता हासिल की। अब सवाल ये उठता है कि क्या सच में हम अपने दिमाग को तेज कर सकते हैं? क्या सच में हमारी बुद्धि की शक्ति बढ़ सकती हैं? तो इसका जवाब है, ‘हां!’ हम अपने दिमाग को तेज कर सकते हैं। अपने दिमाग से दिमागी कसरत कराने से हमारा दिमाग तेज होता है। जो लोग मानसिक तौर पर चुनौती भरी स्थितियों का सामना ज़्यादा करते हैं, उनका दिमाग और लोगों की तुलना में ज़्यादा तेज होता है।

हमारी पांच इंद्रियां सीखने की कुंजी हैं, इसलिए अपने दिमाग को कसरत कराने के लिए उनका इस्तेमाल करें। अगर हम दाएं हाथ से काम करते हैं, तो उसी काम को बाएं हाथ के इस्तेमाल से करने की कोशिश करें। सीधे और सरल कामों की बजाय मुश्किल कामों को करने की कोशिश करें। कभी-कभी अपनी आंखें बंद करके, देखें कि क्या हम बंद आंखों से खाने का स्वाद ले सकते हैं? वर्ग पहेली या सुडोकू भरें। कठिन सवालों को हल करने की कोशिश करने से भी धीरे-धीरे दिमाग की क्षमता बढ़ने लगती है। 

कैसे बढ़ेगा दिमाग? (Kaise badhega dimag?)

इसमें कोई शक नहीं है कि तेज़ दिमाग के बहुत से फायदे होते हैं। तेज़ और सटीक मानसिक शक्तियों के साथ, आपको कोई आगे बढ़ने से नहीं रोक सकता। मगर, इन शक्तियों को बढ़ाने के लिए कुछ प्रयास करने पड़ते हैं, जिनको अपना कर हम अपने दिमाग को तेज कर सकते हैं।

इस तरह करें अपने दिमाग को तेज:

ध्यान लगाना

मस्तिष्क को तेज और पैना रखने के लिए सदियों पुराना उपाय है ध्यान लगाना है। हमारे ऋषि-मुनि और ज्ञानी लोग ध्यान लगाते थे। यही कारण था कि वे गणित में बहुत माहिर हुआ करते थे और उन्हें बड़े-बड़े ग्रंथ जुबानी याद रहते थे। अगर विज्ञान के आधार पर बात करें तो ध्यान करने से दिमाग अच्छी में न्यूरॉन्स बनते हैं, जो हमारे दिमाग की शक्ति बढ़ाने में मदद करते हैं।

जॉगिंग करना

जॉगिंग करना शरीर पर कई तरह से अच्छा प्रभाव डालता है। ये पूरे शरीर और ब्रेन को एक साथ एक्टिव रहता है। इसके साथ ही हरी घास पर चलें और रस्सी कूदें। ये सभी शारीरिक गतिविधियां शरीर को मजबूत और दिमाग को तेज बनाती हैं।

किताबें पढ़ना

दिमाग बढ़ाने के लिए किताबों का सहारा लेना बहुत अच्छा तरीक़ा है। एक अंग्रेजी कहावत है कि, “अगर आप सिर्फ वही किताबें पढ़ते हैं जो दूसरे पढ़ते हैं तो आप सिर्फ उतना ही सीखते हैं जितना कि दूसरे। अगर आपको अपना ज्ञान और बुध्दि दूसरों से ज़्यादा करनी है तो आज से भी बहुत सारी किताबें पढ़ना शुरू कर दीजिए

आराम भी है ज़रूरी

दिन में जब भी थकान लगे तो आप 15 से 20 मिनट की एक झपकी (Nap) ले सकते हैं। इससे आपकी याददाश्त बेहतर होगी और दिमाग को आराम मिलेगा। सही से आराम करने से हमारी सही-गलत पहचानने की शक्ति बढ़ती है। जब भी आपको कोई स्मार्ट और सही निर्णय लेना होता है तो पहले सही-गलत, उचित-अनुचित की जांच करनी होती है। ये जो कैल्कुलेटिव पॉवर (Calculative Power) होती है, दिन में झपकी लेने की आदत इस पॉवर को बढ़ाने में मदद करती है। इसलिए दिन में एक बार तो आराम ज़रूर करें।

क्या खाने से दिमाग तेज होता है? (Kya khane se dimag tez hota hai?)

अपने दिमाग को तेज करने के लिए अच्छा खाना खाएं। अखरोट और बादाम इसके लिए बहुत फायदेमंद हैं। हरी सब्जियां, और फलों का जूस भी दिमाग को तेज करने में मदद करता है।

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