पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस

पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस: पर्यावरण की देखभाल है खुद की देखभाल

इंसान के सुरक्षित जीवन के लिए पर्यावरण का अच्छी स्थिति में रहना बहुत ही ज़रूरी है। पर्यावरण पर ही हमारी पूरी ज़िंदगी निर्भर है। इसी से हम सांस लेते हैं और यहीं से हमें खाना मिलता है। अगर पर्यावरण सही नहीं होगा, तो इंसान का जीवन, इस पृथ्वी पर मुमकिन नहीं है।

पृथ्वी हमारा घर है, जिसकी देखभाल करना हमारी ज़िम्मेदारी है। साथ ही पर्यावरण की देखभाल करना भी हमारी ज़िम्मेदारी है। पर्यावरण हमें ज़िंदा रहने के लिए हर चीज़ उपलब्ध कराता है, खाना से लेकर कपड़े तक, पानी से लेकर सांस लेने के लिए हवा तक। इसलिए हमें खुद को सुरक्षित रखने के लिए प्रकृति और पर्यावरण को स्वस्थ रखना बहुत ज़रूरी है।

पर्यावरण के स्वास्थ्य की देखभाल करने के लिए और इसे सुरक्षित रखने के लिए लोगों का जागरूक होना बहुत ज़रूरी है। इसी को देखते हुए साल 2011 में विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस मनाने का फैसला किया गया। पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस हर साल 26 सितंबर को मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने की पहल इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ एनवारर्नमेंटल हेल्थ (International federation of environment health) की तरफ से की गई थी।

इंसान के सुरक्षित जीवन के लिए पर्यावरण का अच्छी स्थिति में रहना बहुत ही ज़रूरी है। पर्यावरण पर ही हमारी पूरी ज़िंदगी निर्भर है। इसी से हम सांस लेते हैं और यहीं से हमें खाना मिलता है। अगर पर्यावरण सही नहीं होगा, तो इंसान का जीवन, इस पृथ्वी पर मुमकिन नहीं है।

तो चलिए सोलवेदा के इस आर्टिकल में जानते हैं कि पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस मनाना क्यों ज़रूरी है। साथ ही हम यह भी जानेंगे कि किस तरह से हम पर्यावरण को सुरक्षित रख सकते हैं।

वायु प्रदूषण से हो रहा है पर्यावरण को नुकसान (Vayu pradushan se ho raha hai paryavaran ko nuksan)

पेड़ों की कटाई और बढ़ते कार्बन उत्सर्जन के कारण धरती पर वायु प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है। वायु प्रदूषण मुख्य रुप से, ठोस सुक्ष्म कणों और कुछ गैसों के हवा में मिलने से होता है। ये कण और गैस, ज़्यादतर कार और ट्रक से निकलने वाला धुंआ या फिर कारखानों से निकलने वाले धुंआ होता है।

वायु प्रदूषण के अलावा जल प्रदूषण से भी पर्यावरण को नुकसान हो रहा है। प्लास्टिक कचरे के कारण नदियों के अलावा समुद्र भी प्रदूषित हो रहा है। साथ ही धरती के नीचे मौजूद पानी भी प्रदूषित हो रहा है। प्रदूषित पानी हमारे स्वास्थ्य पर बहुत ही विपरित प्रभाव डालता है। वहीं, कारखानों से निकलने वाले धुंआ और अपशिष्ट (waste) पदार्थों से भी पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है।

विश्व में चार में से एक मौत का कारण है पर्यावरणीय जोखिम (Vishv mein char mein se ek maut ka karan hai paryavaran jokhim)

विश्व में हर चार मौत के कारणों में से एक का कारण पर्यावरणीय जोखिम होता है। वायु, पानी और रसायनिक प्रदूषण 100 से अधिक बीमारियों के कारण हैं। इन बीमारयों से हरेक साल हज़ारों लोगों की मौत होती है।

इसलिए पर्यावरण के स्वास्थ्य की देखभाल करना बहुत ज़रूरी है। पर्यावरण सुरक्षित रहेगा, तभी हम सुरक्षित जीवन जी पाएंगे। पर्यावरण रिपोर्ट 2021 के अनुसार भारत में वायु प्रदूषण के कारण 12.5 प्रतिशत मौतें हुई हैं। रिपोर्ट के नुसार 86 प्रतिशत पानी का सोर्स गंभीर रूप से प्रदूषित हैं। इस रिपोर्ट से हम अंदाज़ा लगा सकते हैं कि हमारा पर्यावरण खतरे की खूंटी पर कितना ऊंचा टंगा हुआ है और इसके साथ हम सब भी।

हम सबकी ज़िम्मेदारी है पर्यावरण की सुरक्षा करना (Hum sabki zimmedari hai paryavaran ki suraksha karna)

पर्यावरण की सुरक्षा इंसानी जीवन के लिए बहुत ज़रूरी है। इसलिए हम सभी की ज़िम्मेदारी बनती है कि हम इसकी रक्षा करें। प्रकृति को सही रखने की ज़िम्मेदारी सिर्फ सरकार की नहीं है। पर्यावरण जागरूकता को लेकर, भारत में चिपको आंदोलन, साइलेंट वैली बचाओ आंदोलन, नर्मदा बचाओ आंदोलन, टिहरी बांध संघर्ष जैसे कई आंदोलन हुए।

ये आंदोलन सिर्फ एक इंसान के फायदे के लिए नहीं थे, बल्कि इस तरह के आंदोलन पूरे समाज के भले के लिए बहुत ही ज़रूरी है। अगर पर्यावरण के स्वास्थ्य की हम देखभाल नहीं करेंगे, तो मानव सभ्यता के लिए मुश्किल खड़ी हो जाएगी।

पर्यावरण की सुरक्षा के लिए क्या करें? (Paryavaran ki surksha ke liye kya kare?)

कुछ इस तरह रखें अपने पर्यावरण को सुरक्षित:

खरीदारी करते समय टिकाऊ सामान खरीदें, प्लास्टिक का उपयोग नहीं करें। अपने आस-पास के लोगों को भी प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने के लिए जागरूक करें।

पौधा और वृक्षारोपण को बढ़ावा दें। पेड़-पौधों की सुरक्षा करें।

रेन वॉटर हार्वेस्टिंग को बढ़ावा दें और इसे अमल में लाएं।

रोज़ संभव हो तो पैदल चलें, साइकिल चलाएं और सार्वजनिक परिवहन (public transport) का इस्तेमाल करें।

विशेष अवसर पर लोगों को गिफ्ट के तौर पर पौधे दें।

जंगली जानवरों को नुकसान नहीं पहुंचाएं।

नदी में कचरा न फेंके और लोगों को भी इसके लिए जागरूक करें।

पानी को संरक्षित करें। पानी का कम से कम इस्तेमाल करें, बिना वजह पानी को बर्बाद नहीं करें।

इंसानी जीवन के लिए पर्यावरण का स्वस्थ्य होना बहुत ही ज़रूरी है। पर्यावरण सुरक्षित रहेगा, तभी इंसान भी सुरक्षित रहेंगे। इसलिए पर्यावरण के स्वास्थ्य की देखभाल करना हमारे लिए बहुत ही ज़रूरी है। तो आइए इस पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस पर संकल्प लेते हैं कि हम पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। साथ ही पर्यावरण को स्वस्थ रखने के लिए अपनी ओर से पहल करेंगे।

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