जॉन एलिया

मशहूर शायर जौन एलिया की दिल छू लेने वाली 8 शायरियां

जॉन एलिया की शायरी में एक अनोखा दर्द और बेबाकी होती थी। उनकी शैली में कड़क मिजाजी और कड़वी सच्चाई होती थी, जो उनके चाहने वालों को खूब भाती है। उनकी ऐसी शैली शायद इसलिए भी है क्योंकि जॉन एलिया का जीवन बहुत दर्द और अकेलेपन से भरा हुआ था।

हर जवान और टूटे दिल की जुबान पर छाये रहने वाले मशहूर शायर जॉन एलिया को भला कौन नहीं जानता। उनकी बहुत- सी दर्द भरी शायरियां अक्सर मेरे इंस्टाग्राम फीड पर गुमती रहती हैं। जॉन एलिया ने अपनी हर शायरी से चाहने वालों के दिलों को थामे रखा है। जॉन एलिया की शायरी आज भी उर्दू साहित्य में एक अनमोल धरोहर मानी जाती है। उनके शेर उनके पाठकों के दिलों में हमेशा ज़िंदा रहेंगे।

जॉन एलिया की शायरी में एक अनोखा दर्द और बेबाकी होती थी। उनकी शैली में कड़क मिजाजी और कड़वी सच्चाई होती थी, जो उनके चाहने वालों को खूब भाती है। उनकी ऐसी शैली शायद इसलिए भी है क्योंकि जॉन एलिया का जीवन बहुत दर्द और अकेलेपन से भरा हुआ था, जिसने उनकी शायरी को और भी भावुक बना दिया। उनकी शादी भी असफल रही और यह दर्द उनके लेखन में साफ नज़र आता है।

इतनी मशहूर और ज़िंदादिल शख्सियत अपने शब्दों से हमें अंदर तक सोचने पर मजबूर कर देती है। तो आइये हम आज सोलवेदा पर जॉन एलिया (Jaun Elia Shayari in hindi) की कुछ मशहूर दिल छू जाने वाली शायरियां पढ़ते हैं।

कौन थे जॉन एलिया साहब? (Kaun the Jaun Elia shahab?)

जॉन एलिया उर्दू के मशहूर शायर, लेखक, अनुवादक और विचारक थे, जिन्हें उनकी खास शैली, भाव और दर्द भरी शायरी के लिए जाना जाता है। उनका जन्म 14 दिसंबर 1931 को अमरोहा, उत्तर प्रदेश, भारत में हुआ था और 1947 के बंटवारे के बाद वह पाकिस्तान चले गए।

जॉन एलिया का लेखन अन्य शायरों से बिल्कुल अलग था, क्योंकि उनकी शायरी में विद्रोह, मोहब्बत, दर्द, और अस्तित्ववादी विचारों की झलक मिलती है। वे एक गहरे दार्शनिक थे और उनके लेखन में इस्लामिक दर्शन, यूनानी दर्शन, और पश्चिमी साहित्य की झलक भी देखने को मिलती है।

जौन एलिया की 8 मशहूर शायरी जो दिल को छू जाएंगी (Jaun Elia ki 8 mashhoor shayari jo dil ko chhoo jayengi)

जॉन एलिया शायरी (John aliya shayari) में मोहब्बत, दर्द, अकेलापन और गहरी सोच की झलक मिलती है। उनकी शायरी सीधे दिल को छू जाती है।

यहां उनकी कुछ मशहूर शायरियां हैं जो आपके दिल को छू लेंगी:

अब नहीं कोई बात ख़तरे की, अब सभी को सब से ख़तरा है!

इस शायरी में जॉन साहब ने ये दिखाने की कोशिश की है कि अब ऐसा वक्त आ गया है कि जब हर आदमी एक-दूसरे से नफरत करता है। इंसान ही इंसान का दुश्मन बन चुका है। कब कौन किसको धोखा दे दे, मार दे, कहा नहीं जा सकता। दुनिया ऐसी बन चुकी है जहां हर इंसान खुद को दूसरे इंसान से सुरक्षित रखने में लगा हुआ है।

वो जो अपने हैं क्या वो अपने हैं, जो नहीं हैं वो कब पराए हैं!

इस शायरी में जॉन एलिया ने अपने और परायों को ध्यान में रख के शायरी लिखी है। इस शायरी से समझा जा सकता है कि कई बार अपने भी अपनों की तरह नहीं होते और पराए अपने बन जाते हैं।

मेरे होने में क्या बुराई थी, तुमने ये बात क्यों नहीं सोची!

ये शायरी शायर के दर्द और प्रेमी से अलगाव को दिखाती है। यह शायरी एक प्रेमी से सवाल कर रही है कि अगर मैं होता तो मेरे होने में क्या बुराई थी।

मेरा जी चाहता है कि मैं रोऊं, वरना आंखों में क्या रखा है!

जॉन इसमें अपनी आंखों के महत्त्व को बताने की कोशिश कर रहे हैं। एक तरह से उनका कहना है कि आंखें खासतौर पर रोने के और अपना दर्द बाहर निकालने के ही काम आती हैं। इसके अलावा आंखें ऐसा कुछ खास करती नहीं।

उसे पाना भी नहीं, खोना भी नहीं, उसकी यादों का अब होना भी नहीं!

ये शायरी बिछड़े प्रेमी की यादों से आज़ाद होने पर लिखी गयी है। प्रेमी अब अपनी प्रेमिका को न पाना चाहता है और न खोना चाहता, वो उससे यादों में फंसा भी नहीं रहना चाहता। बस प्रेम के दर्द से आज़ाद होना चाहता है।

मैं भी बहुत अजीब हूं इतना अजीब हूं कि बस, खुद को तबाह कर लिया और मलाल भी नहीं!

इस शायरी में शायर के जज़्बात दिख रहें हैं, उसका खुद के लिए दर्द दिख रहा है। ज़िंदगी में कई बार ऐसी स्थिति आ जाती है, जब मन हारा हुआ महसूस करता है। मगर हमें उस हालात से फर्क पड़ना भी बंद हो जाता है।

जो गुज़ारी न जा सकी हम से, हम ने वो ज़िंदगी गुज़ारी है।

इसमें जॉन ने अपनी मुश्किल ज़िंदगी को जीने की बहादुरी दिखाई है। वो कह रहें कि जिस ज़िंदगी को वो जी नहीं पा रहें थे, उसे उन्होनें जी कर दिखाया है।

ज़िंदगी किस तरह बसर होगी, दिल नहीं लग रहा मोहब्बत में!

जॉन कहना चाह रहें हैं कि अब वो मोहब्बत से भी उकता गये हैं, अब उन्हें ज़िंदगी जीने का कोई और रास्ता नज़र नहीं आ रहा। और अगर मोहब्बत नहीं हुई तो फिर ज़िंदगी जी नहीं जाएगी, क्योंकि मोहब्बत यानी इश्क ही ज़िंदगी की सांसे हैं।

आपको जौन एलिया की कौन-सी शायरी सबसे ज़्यादा पसंद है, हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं। ऐसे ही और आर्टिकल सोलवेदा हिंदी पर बनें रहें।

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