सकारात्मक कैसे सोचें?

नेगेटिविटी को भूलकर अच्छा और सकारात्मक कैसे सोचें?

पॉज़िटिव सोच का मतलब यह नहीं है कि आप गलत चीज़ों को अनदेखा करें। सकारात्मक सोच आपको खराब स्थिति में भी अच्छा सोचने के लिए प्रेरित करती है।

पानी से आधा भरा ग्लास, आपको आधा खाली दिखाई देता है या आधा भरा, यह पूरी तरह से इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस तरह से सोचते हैं। हर सुबह उठने के बाद आप पूरे दिन के बारे में किस तरह से सोचते हैं? क्या आप हर चीज़ के सकारात्मक पहलू को दखते हैं? अगर आप ऐसा करते हैं, तो आप एक ऐसे इंसान हैं, जिसकी सोच पॉज़िटिव है। लेकिन, अगर आप किसी भी पहलू को नेगेटिविटी के साथ देखते हैं, तो यह सही नहीं है।

दुनिया में दो तरह के विचार होते हैं पॉज़िटिव और नेगेटिव। पॉज़िटिव विचार का फायदा यह होता है कि जब आप किसी भी चीज़ को पॉज़िटिव नज़रिए से देखते हैं, तो आप हमेशा कुछ अच्छा होने की उम्मीद में रहते हैं। वहीं, अगर आप किसी भी चीज़ को नेगेटिव नज़रिए से देखते हैं, तो आपको अच्छाई में भी बुराई नज़र आने लगती है। 

आज हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि अपने अंदर सकारात्मक विचार कैसे लाएं और नेगेटिविटी को छोड़कर पॉज़िटिविटी को आप कैसे अपना सकते हैं। 

क्यूं ज़रूरी है पॉज़िटिव रहना? (Kyun zaruri hai positive rahna?)

किसी भी काम या रिलेशन के साथ हम जब पॉज़िटिव थॉट्स के साथ अटैच रहते हैं, तो उसमें हमेशा कुछ न कुछ नया करने का चांस रहता है। लेकिन, जैसे ही हमारे अंदर नेगेटिविटी आती है, तो हम हर उस रिश्ते से दूर हो जाते हैं, जो हमें पसंद है। मुश्किल समय में अच्छे विचार ही हमें उस स्थिति से बाहर निकलने में मदद करते हैं।

पॉजिटिव सोच का मतलब यह नहीं है कि आप गलत चीज़ों को अनदेखा करें। सकारात्मक सोच आपको खराब स्थिति में भी अच्छा सोचने के लिए प्रेरित करती है। कुछ लोग प्राकृतिक रूप से ही पॉज़िटिव सोच रखते हैं, लेकिन कुछ लोगों को इसके लिए प्रयास करना पड़ता है।

सकारात्मक विचार कैसे लाएं? (Sakaratmak vichar kaise laayein?)

अगर आप सोच रहें हैं कि सकारात्मक विचार कैसे लाएं तो हम आज आपकी मदद करेंगे। नीचे दिए गए तरीकों से आप खुद के अंदर सकारात्मक विचार विकसित कर सकते हैं।

नेगेटिविटी के कारण को पहचानें

ज़िंदगी में हमेशा ऐसी चीज़ों और क्षेत्रों के बारे में जानने की कोशिश करें, जहां आप नेगेटिव सोच रखते हैं। जब आप इनके बारे में सोचेंगे तो आपको पता चलेगा कि आखिर आपके नेगेटिव सोच के पीछे का कारण क्या है। एक समय में एक ही चीज़ पर ध्यान देने की कोशिश करें। जब आप अपने आस-पास चल रही व्यवस्थाओं से नेगेटिविटी को दूर कर लेंगे, तो आप खुद ही पॉज़िटिव सोच के साथ आगे बढ़ने लगेंगे। 

पॉज़िटिव लोगों के साथ रहें

जीवन में हमेशा यह ध्यान रखें कि आपके आस-पास जो भी लोग हैं, वो पॉज़िटिव सोच वाले हों। अगर आपके आसपास नेगेटिव सोच वाले लोग रहेंगे, तो कहीं न कहीं आप पर उसका असर होगा और आप भी उसी तरह से सोचने लगेंगे। लेकिन, अगर आप पॉज़िटिव लोगों के साथ रहते हैं, तो आप खुद ही पॉज़िटिव सोचने लगेंगे। कोशिश करें कि आप सबसे पहले खुद के दोस्त बनें और खुद की तुलना किसी और के साथ न करें। 

खुश रहने का प्रयास करें

सभी की ज़िंदगी में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। इसलिए हर परिस्थिति में मुस्कुराने की कोशिश करें। चुनौती का सामना बहादुरी से करें। जब आप अपने जीवन को इस तरह से जिएंगे, तो ज़िंदगी की सभी चुनौतियों का सामना आप आासनी से कर पाएंगे और कभी भी नेगेटिविटी आपको नहीं घेरेगी और न ही आपको खुद से कभी कोई शिकायत रहेगी। 

पॉज़िटिव चीज़ें लिखें

जर्नल ऑफ रिसर्च इन पर्सनेलिटी की एक आर्टिकल के अनुसार जो लोग पॉज़िटिव चीज़ों के बारे में लिखते हैं, उनका मानसिक स्तर बेहतर होता है। ऐसे लोग परेशानियों से घबराते नहीं हैं और मानसिक तनाव का शिकार भी नहीं होते। पॉजिटिव कोट्स पढ़ें, जिससे आपको हमेशा आगे बढ़ते रहने की प्रेरणा मिलेगी।  

खुद के फैसले लेना सीखें

आपके मन में चाहे कितने भी नेगेटिव विचार आ रहे हों, लेकिन अपना फैसला खुद लें। शुरुआत छोटे-छोटे फैसले लेने से करें और जब लगे कि ये फैसले सही हो रहे हैं, तो बड़े फैसले लेना शुरू करें। जब आप खुद अपने फैसले लेने लगेंगे, मुश्किल समय में खुद पर यकीन करने लगेंगे, तो ये आपको नेगेटिविटी से बाहर निकलने में आपकी मदद करेगा। 

हमने इस आर्टिकल में आपके बताने का प्रयास किया कि आप कैसे नेगेटिविटी से बाहर निकल कर पॉज़िटिविटी को अपना सकते हैं। इसी तरह और भी ज्ञानवर्द्धक आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़ें रहें सोलवेदा हिंदी से।

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