जीवन का स्कूल

जीवन संघर्ष है मगर एक अच्छा स्कूल भी

कहते हैं चुनौतियों और संघर्ष का दूसरा नाम ही ज़िंदगी है। हर मोड़ पर ज़िंदगी हमें आज़माती है, ज़िंदगी के हर मोड़ पर हमें कभी एक भी रास्ता नहीं दिखता तो कभी इतने विकल्प मिल जाते हैं कि ये तय कर पाना मुश्किल हो जाता है कि कौन-सा रास्ता चुनें?

‘ज़िंदगी हर कदम इक नई जंग है…’ गाने के बोल ज़िंदगी की परिभाषा बेहतरीन ढंग से देते हैं। बचपन से लेकर बुढ़ापे तक हमें हर चीज़ के लिए संघर्ष करना पड़ता है, क्योंकि बिना मेहनत के यहां कुछ भी नहीं मिलता। एक बच्चे को भी दूध पीने के लिए रोना पड़ता है, हाथ-पैर मारने पड़ते हैं, तब मां दूध पिलाती है। धीरे-धीरे बड़े होकर समाज के‌ कायदे-कानूनों को सीखते हैं और उन्हीं के भीतर रहकर जीवन में हर काम करना पड़ता है और हर फैसना लेना पड़ता है।

अगर हमने इन नियम-कानून से बाहर निकल कर कोई फैसला ले लिया तो हमारे जीवन का संघर्ष दोगुना हो जाता है। कहते हैं चुनौतियों और संघर्ष का दूसरा नाम ही ज़िंदगी है। हर मोड़ पर ज़िंदगी हमें आज़माती है, ज़िंदगी के हर मोड़ पर हमें कभी एक भी रास्ता नहीं दिखता तो कभी इतने विकल्प मिल जाते हैं कि ये तय कर पाना मुश्किल हो जाता है कि कौन-सा रास्ता चुनें?

ज़िंदगी इम्तिहान लेती है (Zindagi imtihaan leti hai)

ज़िंदगी के कई इम्तिहान होते हैं। जो डट कर खड़ा रहे, वो हर तूफान से गुज़र गया, और जो डर गया समझो हार गया। मगर हमें जीवन को संघर्षों की तरह नहीं बल्कि इम्तिहान की तरह देखना है। जैसे स्कूल के इम्तिहानों को देना ज़रूरी होता है, वैसे ही ज़िंदगी के इम्तिहान भी ज़रूरी है। इनसे डरे नहीं लड़ें। हर चुनौती का डटकर सामना करें। अपने इरादों को बुलंद रखें और जीवन को पाठशाला मान लें। हर हार, जीत लेकर भले ही न आए, पर सीख बहुत लेकर आती है। यही ज़िंदगी हमें सही विकल्प चुनने में भी मदद करती है। आइए जानते हैं मानव के जीवन के संघर्ष (life struggle) के बारे में।

संघर्षों में फंसा मानव जीवन (Sangharshon mein fansa manav jeevan)

जैसा कि मैंने ऊपर कहा जीवन संघर्षों का नाम है। मानव जीवन में हर कदम पर चुनौतियां और कठिनाइयां होती हैं। जीवन में हर चीज़ को पाने के लिए मेहनत करनी पड़ती है। चाहे फिर वो अपने लक्ष्य की प्राप्ति हो, नौकरी हो, सपने हों या हमारी पसंद की कोई अन्य चीज़ हो। बिना जी-तोड़ मेहनत के हम कुछ नहीं पा सकते हैं।

हालांकि, कभी-कभी बहुत मेहनत के बाद भी हम इन चीज़ों को पाने में फेल हो जाते हैं और फिर हमारा जीवन दुखों से भर जाता है। दुख मानव जीवन की कमजोरी है। ये हमारे लिए दीमक का काम करता है। धीरे-धीरे हमारे शरीर को खोखला करता रहता है और एक खूबसूरत जीवन को नष्ट कर देता है।

जीवन एक संघर्ष के साथ-साथ एक स्कूल कैसे है? (Jeevan sangharsh ke sath-sath ek school kaise hai?)

ज़िंदगी दुनिया की सबसे महंगी स्कूल है। फर्क यही है कि यहां कीमत पैसों में नहीं बल्कि अनुभवों में चुकानी पड़ती है। हम बार-बार ठोकर खाते हैं, कुछ नया सीखते हैं और इस तरह हम ज़िंदगी नामक स्कूल की फीस चुकाते हैं। लेकिन, इस फीस को देकर हम आगे के लिए बेहतर ढंग से तैयार होते हैं हम आत्मनिर्भर बनते हैं, खुद का सम्मान करना सीखते हैं, सही गलत के बीच का फर्क समझते हैं, लोगों को पहचानना सीखते हैं और तो और रिश्तों की अहमियत करना भी सीखते हैं। कितना कुछ सीखाती है ये ज़िंदगी हमें। कहते भी हैं, किताबों से ज़्यादा तो ज़िंदगी सिखाती है, तो बस सीखते रहें और अनुभव बटोरते रहें। हार ना मानें, क्योंकि जीवन संघर्ष है मगर अच्छा स्कूल भी है।

जीवन संघर्ष है मगर है बेहद खूबसूरत (Jeevan sangharsh hai magar hai behad khoobsurat)

ये बिल्कुल सच है कि मानव जीवन संघर्ष का दूसरा नाम है। मगर, मानव जीवन में भले ही कितने भी संघर्ष हैं पर इससे सुंदर भी कुछ नहीं है। हम भाग्यशाली हैं जो इस दुनिया में हमें मनुष्य जन्म मिला है, जिसे सिर्फ बुद्धि ही नहीं बल्कि विवेक भी प्राप्त है। हम संसार के अन्य जीवों से बेहतर है इस बात को अपनी खुशी का ज़रिया बनायें। भले ही हमें वो नहीं मिला जो चाहिए था पर ऐसा बहुत कुछ मिला है जिसके लिए अब भी कई लोग संघर्ष कर रहे हैं। इसलिए दुखों को जीवन में जगह देकर, जीवन को और कष्टदायक न बनाएं। लाख चुनौतियों में भी जीवन की खूबसूरती को पहचानने की कोशिश करें। जीवन में दुख-सुख, आना-जाना, जीवन-मरण और पाना-खोना लगा रहता है। ये सब तो पार्ट ऑफ दी लाइफ है (part of the life) और ज़िंदगी को मुस्कुराकर जीना आर्ट ऑफ दी लाइफ (art of the life) है।

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