क्या है ये ज़िंदगी और क्या है मेरे जीवन का उद्देश्य?

मैं अक्सर ही ज़िंदगी को लेकर कंफ्यूज रहती थी। अक्सर अपने दोस्तों और करीबियों से ज़िंदगी की बुराई करती रहती थी। ऐसा मेरे साथ इसलिए होता था क्योंकि मैं ज़िंदगी की असलियत को समझने में नाकाम थी।

ये ज़िंदगी क्या है? इसका मतलब क्या है? थोड़ी-सी परेशानी आने पर ऐसे बहुत से सवाल अक्सर ही मेरे अंदर घूमने लगते थे। मैं छोटी-छोटी बातों को लेकर इतनी ज़्यादा परेशान हो जाती थी कि मुझे ज़िंदगी से चिढ़ होने लगती थी। मैं अक्सर ही ज़िंदगी को लेकर कंफ्यूज रहती थी। अक्सर अपने दोस्तों और करीबियों से ज़िंदगी की बुराइयां करती रहती थी। ऐसा मेरे साथ इसलिए होता था क्योंकि मैं जिदंगी की असलियत को समझने में नाकाम थी।

इसके बाद मैंने ज़िंदगी को समझने की कोशिश की और मुझे समझ आने लगा कि मेरे जीवन का उद्देश्य क्या है। इस आर्टिकल में मैंने पूरी कोशिश की है कि मेरी तरह आप भी समझ पाएं कि मानव जीवन का उद्देश्य या फिर आपके जीवन का उद्देश्य क्या है।

क्या है ये ज़िंदगी? (What is life?)

ज़िंदगी का सही मतलब समझने के लिए मैंने “मेरे जीवन का उद्देश्य क्या है” से संबंधित बहुत-सी किताबें पढ़ीं। आखिर में, इस नतीजे पर पहुंची कि खुद को एक्सेप्ट कर लेना और खुद को प्यार करना ही ज़िंदगी है। हर किताब में शब्द भले ही अलग हों पर उनका सार यही था कि, जो आप हैं, जैसे भी हैं, उसे एक्सेप्ट कर के खुश रहना ही ज़िंदगी का दूसरा नाम है।

इस जीवन में किसी इंसान को बिना मेहनत किए सब कुछ मिल जाता है और किसी को मेहनत के बाद भी उतना नहीं मिलता, जितना उसे चाहिए था। किसी को ज़्यादा तो किसी को कम, कभी खुशी तो कभी गम, इसी संगम से ही दुनिया बनी है और यही जीवन है।

किसी हार‌ का दुख मनाने की बजाय हमें पहले से अधिक मेहनत करनी की ज़रूरत है। जिस तरह मुझे ज़िंदगी में एक मकसद की ज़रूरत थी, जो मुझे डटे रहने को प्रेरित करें। उसी तरह आपको भी अपनी ज़िंदगी में एक ऐसा उद्देश्य तलाशना होगा।

मुझे ये समझ आया कि, अगर हम अच्छे पहलुओं को ध्यान से देखें तो ज़िंदगी बहुत खूबसूरत है। मगर, अफसोस हम अक्सर ही ज़िंदगी के नाकारात्मक पहलुओं को देखने में व्यस्त रहते हैं।

मेरी तरह अगर आप भी सोचते हैं कि ‘मेरी ज़िंदगी का उद्देश्य क्या है’ और मानव जीवन का महत्व समझना चाह रहे हैं तो खुद को स्वीकार करना सीख लें। इस वक्त आप जो भी कर रहे हैं, उसमें सबसे ज़्यादा ज़रूरी है, खुश रहना।

मेरे जीवन का उद्देश्य क्या है? (What is the objective of my life?)

जीवन ईश्वर का दिया हुआ बहुत ही खूबसूरत तोहफा है। इसे ऐसे ही एक कोने में पड़े रहकर, दुखी होकर गुज़ार देना तो ठीक नहीं है। हम सब की ज़िंदगी रोज़ सुबह एक या बहुत सारे उद्देश्यों के साथ शुरू होती है। ऐसे उद्देश्य जिसकी लिस्ट हमारे दिमाग ने पिछली रात को सोने से पहले ही तैयार कर ली थी। हमारा दिन उन्हीं उद्देश्यों को पूरा करने में गुज़र जाता है। उद्देश्य हमेशा किसी पहाड़ पर चढ़ना या किसी समुद्र को पार करना ही नहीं होता। जीवन में छोटे-छोटे उद्देश्य भी उतना ही मायने रखते हैं जितना कि कोई पहाड़ चढ़ना।

उद्देश्य हमें आगे बढ़ने में मदद करते हैं। उद्देश्य से हम अपने अंदर का आलस छोड़ कर प्रोडक्टिव (productive) बनते हैं। इसलिए जीवन में उद्देश्य होना बहुत ज़रूरी है। अगर आप भी सोच रहे हैं कि ‘मेरे जीवन का उद्देश्य क्या है?’ तो इसका जबाव कहीं-न-कहीं आपके मन में ही छुपा है।

मानव जीवन का उद्देश्य क्या है, यह मानव खुद तलाश कर सकता है। आपको बस सोचना है कि आपका दिल किस काम को करने के लिए इच्छुक रहता है और किस काम को कर के आपको सच्ची शांति और खुशी मिलती है, उस काम को ही करते जाना आपके जीवन का उद्देश्य हो सकता है।

रोज़मर्रा की नौकरी के साथ भी आप अपने जीवन के उद्देश्य को पूरा कर सकते हैं। आपको पेड़-पौधों से प्यार है, तो उनकी देखभाल करें, किसी की मदद करें, किसी नज़रअंदाज़ की गई समस्या की ओर सबका ध्यान आकर्षित करें। कुल मिलाकर आपको जो भी दिल से पसंद है, वही आपके जीवन का उद्देश्य हो सकता है।

मानव जीवन का उद्देश्य कैसा होना चाहिए? (What should be the objective of life?)

हमें हमारे जीवन का उद्देश्य खुद ही बनाना पड़ता है। ये पूरी तरह हमारे ऊपर है कि हम एक लक्ष्य के साथ जीवन जीना चाहते हैं या किसी मखमली बिस्तर पर पूरे दिन सिर्फ लेटे रहकर, आलस को खुद पर हावी होने देते हैं। अगर हम उद्देश्यहीन रास्ता चुनते हैं, तो इससे बुरा कुछ भी नहीं है। हमें एक खुशहाल जीवन बिताने के लिए उद्देश्य की बहुत ज़रूरत होती है। इसलिए जीवन में उद्देश्य ज़रूर बनाएं।

हमेशा ऐसे उद्देश्य चुनें, जिनको पूरा करने में आपको खुशी मिलती हो। दूसरों की देखा-देखी उन्हीं के जैसे लक्ष्य बनाने से आपकी ज़िंदगी और उलझ जाएगी। हो सकता है जिस काम को करने में दूसरों को मजा आता हो तो वह काम आपके लिए बना ही न हो। इसलिए हमेशा अपनी पसंद का लक्ष्य तय करें। सबसे जरूरी चीज़ है कि उद्देश्य बनाने में जल्दबाजी बिल्कुल न करें। पहले छोटे-छोटे लक्ष्य बनाएं और उन्हें पूरा करें। उन्हें पूरा कर के जो खुशी मिलेगी उसका आनंद लें। फिर बड़े लक्ष्यों को तय करने के लिए तैयार हो जाएं।

हम आशा करते हैं आपको ‘मेरे जीवन का उद्देश्य क्या है’ इस सवाल का कुछ हद तक जवाब मिला होगा। आपको आर्टिकल कैसा लगा हमें कमेंट कर के ज़रूर बताएं और ऐसे ही आर्टिकल पढ़ते रहें सोलवेदा हिंदी पर।

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