बाल दिवस

बाल दिवस: देश का भविष्य बनने वाले बच्चों के नाम एक दिन

बच्चों का दिल कोरी स्लेट जैसा होता है और उसपर रंग भरना हम बड़ों का काम होता है। बच्चों को जैसे रूप में ढालना हो, हम उन्हें वैसे रूप में ढाल सकते हैं।

बचपन भविष्य की नींव का एक पड़ाव है और बच्चे एक ऐसा बीज जिसमें अगर सही खाद-पानी डाला जाये तो ही वो बड़ा होकर फल और फूल से भर पाता है, वरना वो बड़ा तो होता है लेकिन किसी काम का नहीं रहता। यहां फल और फूल का मतलब अच्छे संस्कार और व्यक्तित्व का विकास है, जो कि बच्चे को बचपन से ही सिखाये जाते हैं। बच्चों का दिल कोरी स्लेट जैसा होता है और उसपर रंग भरना हम बड़ों का काम होता है। बच्चों को जैसे रूप में ढालना हो हम उन्हें वैसे रूप में ढाल सकते हैं।

बच्चे देश का भविष्य तय करते हैं। वो कल को जब बड़े होंगे तो अपने कामों से न केवल अपने परिवार का बल्कि पूरे देश का नाम रौशन करेंगे। कोई डॉक्टर बनकर देशवासियों की सेवा करेगा, तो कोई सैनिक बनकर देश की रक्षा करेगा। कोई चित्रकार होगा और कोई अपने सुरों के तार से दिलों में कब्जा करने का हुनर रखेगा। सब ही किसी न किसी रूप से इस देश को विकसित करने में मदद करेंगे और न केवल देश का बल्कि अपने माता-पिता का भी सहारा बनेंगे।

बच्चे मन के सच्चे होते हैं और हर माता पिता के लिए ईश्वर का दिया हुआ सबसे बड़ा उपहार होते हैं। इसलिए तो बच्चे किसी दम्पत्ति की ज़िंदगी में इतने ज़रूरी होते हैं। बच्चों के इसी महत्व को समझने के लिए उन्हें एक दिन समर्पित कर दिया गया है, जो है बाल दिवस। आइए जानते हैं कि बाल दिवस क्यों मनाया जाता है और इसकी शुरुआत कैसे हुई?

बाल दिवस कब और क्यों मनाया जाता है? (Bal divas kab aur kyon manaya jata hai?)

भारत में बाल दिवस 14 नवंबर को मनाया जाता है। यह दिन पूरी तरह से हमारे देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को समर्पित है, क्योंकि 14 नवंबर उनका जन्मदिन है। नेहरू जी बच्चों से बहुत प्यार करते थे और उनको देश का भविष्य मानते थे, इसलिए उनके जन्मदिन को देश में बाल दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया गया।

चिल्ड्रेन्स डे और पंडित जवाहरलाल नेहरू (Children’s Day aur Pandit Jawaharlal Nehru)

पंडित जवाहर लाल नेहरू को सिर्फ उनके राजनीतिक कैरियर के लिए ही नहीं बल्कि बच्चों के बीच प्रसिद्धि के लिए भी जाना जाता है। वे बच्चो से उतना ही प्यार करते थे, जितना कि लाल रंग के गुलाब से। भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु को बच्चे प्यार से ‘चाचा नेहरु’ कह कर बुलाते थे क्योंकि वे उनका सम्मान और उनसे प्यार करते थे। चाचा नेहरु का भी बच्चों के प्रति काफी लगाव था और वो हमेशा उनके बीच रहना पसंद करते थे। भारत की आज़ादी के बाद बच्चों और युवाओं के लिए पंडित नेहरु ने काफी अच्छे काम किए।

जब वे प्रधानमंत्री बनें तो उनकी पहली प्राथमिकता बच्चों की शिक्षा ही थी। युवाओं के विकास और रोज़गार को बढ़ावा देने के लिए भारत में उन्होंने विभिन्न शैक्षिक संस्थानों जैसे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान और भारतीय प्रबंधन संस्थान की स्थापना की और देश को आधुनिक बनाने में अहम भूमिका निभाई।

क्यों खास है बाल दिवस? (Kyon khas hai Baal Divas)

बाल दिवस बच्चों को समर्पित एक दिन है। इस दिन स्कूलों और संस्थाओं में बच्चों के लिए बहुत सारे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। जिसमें खेल-कूद प्रतियोगिताएं, कला-साहित्य प्रतियोगिताएं और संगीत-नृत्य कार्यक्रम किए जाते हैं। जिसके बाद बच्चों को गिफ्ट्स और चॉकलेट दी जाती हैं।

यह दिन शिक्षक और बच्चों की बीच की डोर को भी मजबूत बनाता है। जिस तरह शिक्षक दिवस पर बच्चे अपने शिक्षकों के लिए कुछ खास करते हैं, उसी तरह बाल दिवस पर शिक्षक बच्चों के लिए कुछ खास करते हैं।

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