करवा चौथ

करवा चौथ से उम्र बढ़े न बढ़े, थोड़ा प्यार ज़रूर बढ़ जाता है

करवाचौथ का त्योहार पति-पत्नी के बीच की डोर को मजबूत और खूबसूरत बनाता है। इस त्योहार की शुरुआत से लेकर समापन तक बस प्रेम का एहसास होता है। साल के 365 दिनों में से एक दिन, जब हमारी दिनचर्या बाकी दिनों से काफी अलग होती है।

मेरी शादी को 2 साल होने वाले हैं और इस बार मेरा दूसरा करवा चौथ का व्रत है। जब पहली बार व्रत रखा था, तब उस दिन सुबह अपने पति के लिए लंच भी तैयार कर रही थी। दरवाजे पर जब उन्हें लंच पकड़ाया तो उन्होनें कहा “किस जमाने में तुम? अगर तुम्हारा व्रत है तो मेरा भी रहेगा।” यह सुनकर मैंने बस मुस्कुरा दिया। उस वक्त मेरे पास कहने को शब्द नहीं थे।

यूं तो मेरी लव मैरेज हुई है, मगर क्या इससे सच में फर्क पड़ता है? शायद नहीं ..बल्कि फर्क इससे पड़ता है कि आपकी ज़िंदगी में कैसा इंसान है, वो आपको कितना समझता है, आप उसके लिए जितनी मेहनत करते हैं क्या वो भी करने की कोशिश करता है?

मैं व्रत इसीलिए नहीं रखती क्योंकि मुझे लगता है कि मेरी पति की उम्र बढ़ जाएगी, न ही मेरे पति ऐसा मानते हैं। लेकिन, हम मानते हैं कि हमारी संस्कृति बेहद प्यारी है और इससे जुड़ा कोई भी त्योहार हमारे रिश्ते में एक नई जान फूंक देता है। खासतौर पर करवाचौथ का त्योहार पति-पत्नी के बीच की डोर को मजबूत और खूबसूरत बनाता है।

इस त्योहार की शुरुआत से लेकर समापन तक बस प्रेम का एहसास होता है। साल के 365 दिनों में से एक दिन, जब हमारी दिनचर्या बाकी दिनों से काफी अलग होती है। मुझे करवा चौथ मात्र एक त्योहार नहीं लगता है बल्कि शादी के सात वचनों को दोबारा याद करने का एक खास दिन लगता है। चलिए इस व्रत को ज़रा बारीकी से देखते हैं।

क्या ज़रूरी है सिर्फ महिलाओं के हिस्से में करवाचौथ का व्रत आना? (Kya zaruri hai sirf mahilaon ke hisse mein karva chauth ka vrat aana?)

कुछ साल पहले तक शायद ही ऐसा कोई घर होता होगा, जहां करवा चौथ के दिन पति भी व्रत रखते होंगे। व्रत हमेशा से महिलाओं की झोली में गिरता आया है। पुराना समय, पुराने रीति -रिवाज़ अब पहले की तरह नहीं रह गए हैं। अब पुरुषों की तरह महिलाएं भी बाहर काम करती हैं। देखा जाए तो अब महिलाएं दोगुनी ज़िम्मेदारी संभाल रहीं हैं। ऐसे में जो चीज़ सराहना के लायक है वो है पुरुषों का आगे बढ़कर महिलाओं की मदद करना, उनके लिए बराबर सोचना और उन्हें बराबर सम्मान देना।

वैसे भी शादी ‘मैं’ से ‘हम’ तक का सफर है। फिर सिर्फ महिलाओं के हिस्से में व्रत आना सही नहीं है। ये बात अब पुरुष समझ रहें हैं। आज कल इंस्टा भरा होता है उन कपल की तस्वीरों से जो व्रत करते हैं एक-दूसरे के लिए, एक-दूसरे से प्यार जताने के लिए और एक-दूसरे बिना कहे ये कहने के लिए कि ‘मैं हर चीज़ में, हर स्थिति में और हर जगह तुम्हारे साथ रहूंगा या रहूंगी।

ये चलन हर उस कपल के लिए एक सीख है, जो अपने रिश्ते में मजबूती लाना चाहते हैं। अगर पत्नी, पति के पैर छू सकती है तो पति भी छू सकता है। अगर पत्नी, पति के लिए खाना बना सकती है तो पति भी बना सकता है। इसी तरह अगर पत्नी, पति के लिए व्रत कर सकती है तो पति भी कर सकता है।

भारतीय संस्कृति में क्यों खास है करवा चौथ व्रत? (Bharteeye sanskriti mein kyon khas hai karva chauth vrat?)

करोड़ों सालों से भारत में करवा चौथ व्रत रखने का प्रचलन है। मान्यता है कि पतिव्रता सावित्री ने यमराज से बुद्धिमता दिखाकर अपने पति सत्यवान की जान वापस मांग ली थी। उसी दिन से भारत में लोग करवा चौथ का व्रत करते हैं। लेकिन, आज के वक्त में बात सिर्फ इस पौराणिक कहानी पर खत्म नहीं होती है।

आज करवा चौथ के मायने इस कहानी से भी कहीं आगे हैं। भारत तेजी से प्रगति कर रहा है, लेकिन अभी भी यहां के लोग अपनी संस्कृति को आगे बढ़ा रहें हैं। देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी लोग करवा चौथ का व्रत रख रहें हैं।

ये दिन ही इतना खास होता है कि पति-पत्नी इसे मनाने के लिए पहले से उत्साहित रहते हैं।

करवा चौथ व्रत की शुरुआत होती है सूर्योदय से पहले सरगी (sargi karwa chauth) खाने से। इसके बाद शाम के वक्त अच्छी तरह तैयार होना, लाल साड़ी पहनना, कथा सुनना, पूजा करना और फिर चांद का इंतज़ार करना। एक बार जब चांद नज़र आ जाएं फिर पति के साथ व्रत खोलना और फिर साथ बैठकर डिनर करना। आप खुद ही सोचें, कितना प्यारा है ये व्रत। कितना प्यारा लगता है जब पत्नी सज-धज कर लाल साड़ी पहनती है। अपनी पत्नी को इस तरह देखकर हर बार पतियों को उनकी शादी का दिन याद आ जाता है। पूरे दिन जब पति अपनी पत्नी की फिक्र में रहते हैं तो भला ये किस पत्नी को पसंद नहीं होगा। सुबह से लेकर शाम तक दोनों साथ रहते हैं। ये व्रत वैवाहिक रिश्ते में मिठास खोलता है।

पति अपनी पत्नी के लिए करवा चौथ में खास क्या करें? (Pati apni patni ke liye karva chauth mein khas kya karein?)

सबसे अच्छी बात तो होगी अगर आप भी अपनी पत्नी के साथ व्रत रखें। लेकिन, अगर किसी कारण से आप ऐसा नहीं कर सकते हैं तो भी आप उनके दिन को खास बना सकते हैं। आप चाहे तो डिनर में उनकी मनपसंद डिश अपने हाथों से कुक कर सकते हैं। उन्हें कोई प्यारा-सा तोहफा दे सकते हैं। उनके लिए कोई स्पेशल वीडियो बना सकते हैं। अगर आपको गाना आता है या कविता लिखनी आती है तो आप उन्हें ये डेडिकेट कर सकते हैं। आज के समय में उनके तैयार होने के बाद, आप एक फोटो सेशन बुक करेंगे तो भी वो काफी खुश हो जाएंगी। इन सबसे ज़रूरी है उनका हमेशा सम्मान करें और उन्हें प्यार दें

करवा चौथ 2023 कब है? (Karva chauth 2023 kab hai?)

करवा चौथ 2023 1 नवंबर को है। यह व्रत हर साल कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन रखा जाता है।

उम्मीद है ये करवा चौथ का व्रत आपकी वैवाहिक ज़िंदगी में एक नया और खूबसूरत मोड़ लेकर आएगा। सोलवेदा की तरफ से आप सभी को करवा चौथ की शुभकामनाएं। कमेंट करके हमें ज़रूर बताएं कि आप व्रत पर क्या खास करते हैं और ऐसे ही आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़ें रहें सोलवेदा हिंदी से।

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