भारत की संस्कृति और विरासत का बड़ा उदाहरण है खजुराहो नृत्य महोत्सव

नृत्य की गरिमा और शास्त्रीयता को समर्पित यह आनंद उत्सव अपने 49वें वर्ष में प्रवेश कर चुका है। इस समारोह को खजुराहो मंदिर के प्रांगण में आयोजित किया जाता है।

मध्य प्रदेश के छतरपुर में स्थित खजुराहो अपने विशेष स्मारकों और मूर्ति कलाओं के लिए दुनिया भर में मशहूर है। खजुराहो कला हिन्दू और जैन धर्म के स्मारकों का एक समूह है। खजुराहो मंदिर की हर दीवार पर ऐतिहासिक चित्र कला देखने को मिलती है। दीवार पर उभरी हुई मूर्तियां और आकृतियां पुरानी संस्कृति और नृत्य मुद्राओं से हमें रूबरू कराती हैं।

खजुराहो की इसी कला को बरकरार रखने के लिए, यहां हर साल खजुराहो नृत्य समारोह आयोजित किया जाता है। नृत्य की गरिमा और शास्त्रीयता को समर्पित यह आनंद उत्सव अपने 49वें वर्ष में प्रवेश कर चुका है। इस समारोह को खजुराहो मंदिर के प्रांगण में आयोजित किया जाता है। ऐतिहासिक कला धरोहर को खुद में समेटे हुए मंच पर भारत में मौजूद हर शैली के कलाकार अपने नृत्य का प्रदर्शन करते हैं। इस महोत्सव में लोगों को सिर्फ नृत्य मुद्राएं ही नहीं दिखाई जाती बल्कि नृत्य के ज़रिए उन्हें अपने मन के हर भाव और संवाद को कह देना या व्यक्त करना भी सिखाया जाता है। 

समारोह केवल नृत्य प्रस्तुतियों तक सीमित न रहकर, नृत्य और अन्य कलाओं के बहुत से आयामों पर भी खुलकर चर्चा और विचार करने का मौका देता है। किसी भी कला प्रेमी के लिए खजुराहो नृत्य समारोह एक ऐसी जगह है, जहां उसे अपने भीतर उठने वाले हर रचनात्मक सवाल का उत्तर मिल सकता है। अगर आप भी एक ऐसे ही कला प्रेमी हैं तो एक बार खजुराहो नृत्य समारोह में ज़रूर शिरकत लें और कला संस्कृति की भव्यता को देखकर अपने मन को गदगद कर लें।

खजुराहो नृत्य समारोह का आरंभिक इतिहास (Khajuraho nritye samaroh ka aarambhik itihas) 

खजुराहो नृत्य महोत्सव की शुरुआत वर्ष 1975 में की गई थी और तब से आज तक मध्य प्रदेश शासन के संस्कृति विभाग के ‘उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत और कला अकादमी’ के द्वारा इसका सफल आयोजन किया जाता रहा है।

तब से लेकर आज तक ये नृत्य समारोह खजुराहो के सुप्रसिद्ध मंदिरों के प्रांगण में आयोजित होता आ रहा है। खजुराहो नृत्य समारोह में अब तक भारत की सभी प्रमुख शास्त्रीय नृत्य शैलियों जैसे भरतनाट्यम, ओडीसी, कथक, मोहिनीअटेम, कुचिपुड़ी, कथकली, यक्षगान, मणिपुरी आदि में निपुण युवा और वरिष्ठ कलाकार अपनी कला की आभा बिखेर चुके हैं।

खजुराहो नृत्य समारोह 2023 (Khajuraho nritye samaroh 2023)

खजुराहो नृत्य समारोह सात दिनों तक चलने वाला एक कार्यक्रम है। जिसमें देश के विभिन्न नृत्य कलाकार आकर अपने-अपने स्तर पर नृत्य की कलाएं बिखेरते हैं। 2023 में ये समारोह 20 फरवरी को आयोजित किया गया था। 

सात दिनों तक अपनी कला और रचनात्मकता से पर्यटकों को सराबोर करके इसके समापन हुआ। 2024 में 20-26 फरवरी तक इस कार्यक्रम का आयोजन होना है। ये समारोह खजुराहो नृत्य समारोह का 50वां संस्करण होगा। अगर आपको नृत्य और कलाओं से गहरा प्यार है तो इस साल आप भी मध्य प्रदेश के खजुराहो नृत्य समारोह में शामिल हो सकते हैं।

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