प्यार नहीं भूलता

प्यार कभी नहीं भूलता

जैसे ही राहिला अपनी नियुक्ति की सारी औपचारिकताएं पूरी करने की प्रतीक्षा कर रही थी, तो उसी वक्त उसे अपने कंधे पर किसी थपथपाहट जैसा अहसास हुआ।

राहिला डर से थरथराती हुई जंग लगे लोहे के गेट से घुसकर अंदर चली गई। जैसे ही जर्जर भवन से निकलकर विशाल मैदान में उसने अपने कदम रखे, तो राजशाही औपनिवेशिक बिल्डिंग का खाका दिखा। जैसे किसी पुरानी पेटिंग में बिल्डिंग को देखने पर लगता है। वह पुराने इमारत को देखकर आश्चर्यचकित थी और सोचने लगी कि न जाने काई लगीं इन दीवारों ने कितने प्रेम, अपनापन और बिछड़न के किस्से देखे और सुने होंगे। आगे बढ़ते-बढ़ते राहिला बिल्डिंग के हॉल में प्रवेश की और धीरे-धीरे रिसेप्शन काउंटर की तरफ गई। रिसेप्शन काउंटर पर पड़े रजिस्टर पर उसकी नज़र पड़ी, जिस पर मोटे अक्षरों में ‘सेक्रेड हार्ट केयर सेंटर’ अंकित था। दरअसल, राहिला किसी लोकल एनजीओ के लिए काम करने आई थी। शहर के ओल्ड एज होम में बतौर एक वॉलेंटियर के रूप में आज उसका फर्स्ट डे था।

राहिला अपनी नियुक्ति की सारी औपचारिकताएं पूरी करने की प्रतीक्षा कर रही थी, तो उसी वक्त उसे अपने कंधे पर किसी थपथपाहट जैसा अहसास हुआ। उसने पीछे मुड़कर देखा, तो उसके सामने एक 70 साल की अधेड़ महिला खड़ी थी। अबतक की ज़िंदगी में उसे शायद ही इतनी निर्मल आंखों वाली किसी महिला से वास्ता पड़ा था। वहां सभी लोगों में एक गजब का उत्साह और दया का भाव मौजूद था।

“आपकी मुस्कान बेहद ही प्यारी है,” बड़े ही नरम आवाज़ में एक महिला ने कहा। राहिला उस वक्त तो कुछ कह न सकी, लेकिन उनकी आवाज़ से प्रभावित होकर वह खुद को उनसे जुड़ाव महसूस करने लगी। देखने में वह महिला बड़ी खुशमिजाज़ और स्वस्थ लग रही थीं। इसके बावजूद उसके आसपास एक अजीब तरह की गहरी उदासी झलक रही थी। एक यंग वॉलेंटियर के रूप में राहिला उनके सम्मान में सीट से खड़ी हो गई। उस महिला ने राहिला को तपाक से गले लगा लिया। यह देखकर राहिला आश्चर्यचकित रह गई। उस दौरान महिला के शरीर से मुरझा चुकी किसी जैस्मिन के फूल और बुजुर्गियत की अजीब-सी महक आ रही थी।

“आपके बाल बेहद ही खूबसूरत हैं, बिल्कुल आपके नयन जैसे”, राहिला ने कहा।

“आपको मालूम है, मेरे पति मुझे ले जाने के लिए यहां आने वाले हैं। उन्हें भी मेरे ये बाल बहुत पंसद हैं। हम लोगों की शादी हुए करीब 40 साल से अधिक समय हो गए हैं। इसके बावजूद वे रोजाना मेरे इन बालों को लेकर ज़रूर प्रशंसा करते हैं। मैंने भी उनके लिए उनका सबसे प्रिय कस्टर्ड बनाकर रखा है। वे इसे देखकर कितना खुश होंगे, इसका अंदाज़ा भी नहीं लगा सकती हो तुम”, उस बुजुर्ग महिला ने एक सांस में ये सारी बातें कह डाली।

राहिला यह सुनकर खुशी से उछल पड़ी। उसे इस तरह की जगह पर ऐसा प्रेम और आपसी वचनबद्धता जैसी चीज़ देखने-सुनने को मिलेगी, उसने ऐसा सोचा भी नहीं था।

इसी बीच वहां मौजूद एक नर्स महिला के लिए दवा लेने के लिए आई। उस महिला को पकड़कर डॉक्टर के पास ले गई। थोड़ी देर बाद नर्स कुछ पेपर लेकर बाहर निकली। परेशान राहिला ने नर्स से उस महिला और उसके पति के बारे में जानकारी ली।

नर्स की बात सुनकर राहिला थोड़ी देर के लिए सदमें पड़ गई। दरअसल, वह महिला अल्जाइमर से पीड़ित थी। तीन साल पहले एक सड़क हादसे में उसके पति की मौत हो गई थी। इसकी वजह से वह अपनी यादाश्त खो चुकी थी। किसी तरह उसे बचाकर यहां ओल्ड एज होम में लाया गया था। तब से वह तैयार होकर उनका इंतजार करती है, जो कभी लौटकर आ हीं नहीं सकते।

लेकिन, उसने अब तक हार नहीं मानी है। उसकी यादों में उसके पति अभी भी जिंदा थे, जो हर दिन उसे गाइड करते हैं और आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

वास्तव में राहिला को अपनी ज़िंदगी में ऐसे प्रेम और वचनबद्धता का कभी अहसास तक नहीं हुआ था।

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