रक्षाबंधन के अवसर पर भाई-बहन के रिश्ते को दें एक नई शुरुआत

रक्षाबंधन के अवसर पर भाई-बहन के रिश्ते को दें एक नई शुरुआत

भाई बहन का रिश्ता बाकी रिश्तों से थोड़ा चुलबुला और खास होता है। दोनों आपस में चाहे कितना भी लड़-झगड़ लें पर जब एक-दूसरे की ज़रूरत होती है, तो सबसे पहले साथ भी वही खड़े रहते हैं।

भाई-बहन के रिश्ते को और भी मजबूत बनाने वाला त्योहार है रक्षाबंधन। पूरे हिन्दुस्तान में जगह-जगह पर लोग रक्षाबंधन मनाते हैं। जैसा कि हर त्योहार पर होता है, त्योहार आने से कई दिनों पहले ही बाज़ारों में त्योहार की रौनक आ जाती है। रेशमी धागे में पिरोए हुए रंग-बिरंगे मोती इस त्योहार की सबसे आवश्यक कड़ी हैं। रेशमी धागे की इसी डोरी से ही तो यह त्योहार पूरा होता है। बहनें अपने भाईयों की कलाई पर राखी बांध कर उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करती हैं और भाई इसके बदले ताउम्र उनके सम्मान की रक्षा करने की कसमें खाते हैं।

भाई बहन का रिश्ता बाकी रिश्तों से थोड़ा चुलबुला और खास होता है। दोनों आपस में चाहे कितना भी लड़-झगड़ लें पर जब एक-दूसरे की ज़रूरत होती है, तो सबसे पहले साथ भी वही खड़े रहते हैं। सिर्फ भाई ही बहन की रक्षा करने का वचन नहीं लेते। भाई अगर छोटे हों तो बहनें भी हर कदम पर उनका ढाल बनकर खड़ी रहती हैं। चलिए इसी खास रिश्ते पर करते हैं और भी बातें।

राखी का त्योहार (Rakhi ka tyohar)

मामूली से रेशमी धागे में दो लोगों को प्यार और विश्वास से बांधे रखने की ताकत होती है।सिर्फ खून के रिश्ते ही नहीं, बल्कि न जाने कितने अन्य रिश्ते भी इस भरोसे और सम्मान की डोर से ताउम्र बंधें रहते हैं। सच में राखी की डोर बहुत अटूट होती है, धागा भले ही खुल जाए पर उससे बांधा गया रिश्ता हमेशा कायम रहता है। बहनें हर साल अपने भाईयों की कलाई पर राखी बांध कर उनसे अपनी रक्षा का वचन लेती हैं और भाई इस वादे को निभाने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।

रक्षाबंधन कब है? (Rakshabandhan kab hai?)

साल 2023 में रक्षाबंधन 30 और 31 अगस्त, दोनों ही दिन मनाया जाएगा।

क्यों मनाया जाता है रक्षाबंधन? (Kyun manaya jata hai rakshabandhan?)

रक्षाबंधन मनाने की शुरुआत बहुत पहले हो गई थी। कहा जाता है कि जब श्री कृष्ण को चोट लगी थी तब द्रौपदी ने अपनी साड़ी का एक टुकड़ा फाड़ कर श्री कृष्ण के हाथ पर बांध दिया था और तभी कृष्ण ने बहन द्रौपदी की रक्षा करने का वचन लिया और चीर हरण के समय उन्होनें इस वचन को निभाया भी।

रक्षाबंधन मनाने को लेकर इतिहास में ऐसी ही बहुत-सी कहानियां मौजूद हैं और सबका सार एक ही है कि रक्षाबंधन बहन और भाई के प्यारे रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए मनाया जाता है। इस रक्षाबंधन पर आप भी अपने गिले-शिकवे भूल कर, पूरे दिल से अपने भाई-बहन से प्यार जताऐं, रिश्ते में आई दरारों को भरें और इस पावन रिश्ते की एक नई शुरुआत करें।

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