विश्व कला दिवस

विश्व कला दिवस: आइए मनाएं दुनियाभर की कलाओं का उत्सव

विंची एक महान कलाकार थे। उन्होनें कई ऐसी पेंटिंग बनाई हैं, जो विश्वभर में जानी जाती हैं। इन सब में ‘मोना लिसा की पेंटिंग’ के बारे में बच्चे-बच्चे को पता है। लेकिन, विंची ने मोना लिसा के अलावा भी कई विख्यात पेंटिंग बनाई हैं, जिनमें से कुछ हैं - लास्ट सपर, सेल्फ पोट्रेट, द वर्जिन ऑफ द रॉक्स, हेड ऑफ अ वुमेन आदि।

अपने अंदर छिपी भावनाओं और रचनात्मकता को कलात्मक रूप में पेश करना सबके बस की बात नहीं है, पर सब लोग किसी न किसी कला में उस्ताद ज़रूर होते हैं। जैसे मैं एक लेखक हूं, ये मेरी कला है और इसके अलावा खाना बनाना भी मेरी कलाओं में से एक है। आज के युवा बहुत-सी कलाओं को दुनिया के सामने ला रहे हैं, जो सबको अचंभे में डाल देती है। दुनिया भर की इन्हीं कलाओं को बढ़ावा देने और जो लोग कला का महत्व नहीं समझते, उन्हें कला के अलग-अलग रूपों से मिलवाने के लिए भी विश्व कला दिवस मनाया जाता है। लेकिन, विश्व कला दिवस को मनाने का सबसे खास कारण है पेंटिंग्स के बारे में दुनिया को जागरूक करना और पेंटिंग्स की हमारी ज़िंदगी में क्या भूमिका, इसके बारे में लोगों को समझाना। आइए हम जानते हैं कि कला क्या है और विश्व कला दिवस (World Art Day) की शुरुआत कैसे हुई। इसके साथ हम जानेंगे दुनियाभर की विचित्र कलाओं के बारे में।

कला क्या है? (Kala kya hai?)

मन में आए भावों को रचनात्मक रूप में ज़ाहिर करना ही कला है। हम सब में एक कलाकार छिपा है और हम सभी किसी न किसी कला में माहिर होते हैं। ये ज़रूरी नहीं कि सिर्फ चित्र बनाने, कविताएं और कहानियां लिखने या संगीत गाने को ही कला कहते हैं। इन सब के अलावा भी बहुत सी ऐसी कलाएं हैं, जिनमें हम सब माहिर होते हैं। जैसे- किसी से बात करना और किसी पर अपनी बातों का प्रभाव छोड़ना भी तो एक कला ही है। जैसे मूर्ति बनाने वाला एक कलाकार है, वैसे ही उस मूर्ति को बेचने वाला भी तो कलाकार ही है, क्योंकि उसे मूर्ति को अच्छी और सही कीमत पर बेचने का हुनर आता है। हम सब अपनी-अपनी कलाओं में माहिर हैं और दुनियाभर की कलाओं से घिरे हुए हैं। 

लेकिन, जब हम कला दिवस की बात करते हैं तो यहां कला का अर्थ है पेंटिंग्स। यह दिन की विश्व के एक जाने-माने पेंटर के जन्मदिन पर मनाया जाता है। इस दिन पर दुनियाभर की सभी तरह की पेंटिंग्स का सेमीनार लगता है। इस दिन पर लोग पेंटिंग्स के बारे में बारीकी से समझते हैं। रचनात्मकता को रूप देना ही पेंटर्स की सबसे बड़ी खूबी है। पेंटर्स के इसी हुनर का जश्न मनाने के लिए, हर साल विश्व कला दिवस मनाया जाता है।

विश्व कला दिवस कब मनाया जाता है? (Vishv Kala Divas kab manaya jaata hai?)

विश्व कला दिवस हर साल 15 अप्रैल को मनाया जाता है, क्योंकि 15 अप्रैल 1452 को इटली के महान चित्रकार लिओनार्दो दा विंची (leonardo da vinci) की जयंती होती है। लिओनार्दो दा विंची इटली के महान चित्रकार, मूर्तिकार, वास्तुशिल्पी, संगीतज्ञ, कुशल यांत्रिक, इंजीनियर और वैज्ञानिक थे। लिओनार्दो अपनी कला की वजह से दुनिया भर में मशहूर थे, इसलिए कला में उनके योगदानों को देखते हुए, हर साल उनके जन्मदिन को विश्व कला दिवस के रूप में मनाया जाता है। 

विंची एक महान कलाकार थे। उन्होनें कई ऐसी पेंटिंग बनाई हैं, जो विश्वभर में जानी जाती हैं। इन सब में ‘मोना लिसा की पेंटिंग’ के बारे में बच्चे-बच्चे को पता है। लेकिन, विंची ने मोना लिसा के अलावा भी कई विख्यात पेंटिंग बनाई हैं, जिनमें से कुछ हैं – लास्ट सपर, सेल्फ पोट्रेट, द वर्जिन ऑफ द रॉक्स, हेड ऑफ अ वुमेन आदि। उनकी बनाई गई पेंटिंग्स आज भी दुनियाभर के म्यूजियम में रखी हुईं हैं, जिन्हें देखने हर साल कई लाख लोग आते हैं।

विश्व कला दिवस का इतिहास (Vishv Kala Divas ka itihaas)

कला के विकास, अभिव्यक्ति और आनंद को बढ़ावा देने के लिए 2019 में संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) ने विश्व कला दिवस की नींव रखी। हालांकि, सबसे पहले विश्व कला दिवस साल 2012 में 15 अप्रैल को मनाया गया था, पर इसको अधिकारिक मान्यता 2019 में मिली। तभी से हर साल विश्व कला दिवस, महान चित्रकार और वैज्ञानिक लियोनार्दो दा विंची के जन्म तारीख के दिन मनाया जाने लगा। आइए अब जानते हैं विश्वभर की लोकप्रिय कलाओं के बारे में।

कला दिवस पर जानें दुनिया के कुछ अद्भुत आर्ट फॉर्म्स के बारे में (Kala Divas par jaanein duniya ke kuch adhbhut art forms baare mein)

पॉप आर्ट (Pop Art)

Pop Art

पॉप आर्ट एक खास तरह का आर्ट फॉर्म है, जो सदियों से लोगों का पसंदीदा रहा है। इस तरह के आर्ट फॉर्म में पेंटिंग को एक कल्पना के तहत बनाया जाता है। समाज में हो रही घटनाओं से प्रेरणा लेते हुए, इस तरह की पेंटिंग्स बनाई जाती हैं। इसमें पेंटिंग्स के पारंपरिक तरीकों का प्रयोग किया जाता है।

कंटेम्पर्री आर्ट (Contemporary Art)

Contemporary Art
कंटेम्पर्री आर्ट का सीधा मतलब है, ऐसा आर्ट जो हाल के समय में बनाया गया हो। इतिहास के कई पेंटर्स मानते हैं कि जो आर्ट 1960 से लेकर 1970 के सालों में बनाया गया हो, या फिर 20वीं सदी की शुरुआत से लेकर 21वीं सदी के अंत तक, जो भी आर्ट बनाए गए हैं, वो कंटेम्पर्री आर्ट की कैटेगरी में आते हैं। इस तरह के आर्ट में हाल में हुई घटनाओं पर फोकस किया जाता है यानी जो भी हाल के समय में घट रहा हो, उसपर बनीं पेंटिंग्स।

मॉडर्न आर्ट (Modern Art)

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कई लोग मानते हैं कि कंटेम्पर्री आर्ट और मॉडर्न आर्ट एक ही हैं। मगर ऐसा नहीं है, कंटेम्पर्री आर्ट के उलट कंटेम्पर्री आर्ट के पेंटिंग्स में पारंपरिक तरीकों को फॉलो नहीं किया जाता है। इस तरह के आर्ट फॉर्म में पेंटर्स को छूट होती है, अपनी कल्पना के तहत पेंटिंग्स बनाने की।

एब्सट्रैक्ट आर्ट (Abstract Art)

Abstract Art

एब्सट्रैक्ट आर्ट की पेंटिंग्स बनाना एक बहुत मुश्किल और उलझा हुआ काम है। इसे समझ पाना आसान नहीं होता। ऐसा इसलिए है, क्योंकि एब्सट्रैक्ट आर्ट में सीधे तौर पर कोई आकृति नहीं होती। इस तरह के आर्ट में रंगों और अलग-अलग तरह आकृतियों का इस्तेमाल किया जाता है, जो एक दूसरे में घुली-मिली सी होती हैं। एब्सट्रैक्ट आर्ट में कलर्स का इस्तेमाल खासतौर पर भावनाओं को व्यक्त करने के लिए किया जाता है।

स्पिरिचुअल आर्ट (Spiritual Art)

Spiritual Art

जैसा कि नाम से ज़ाहिर है स्पिरिचुअल आर्ट में आध्यात्म और भक्ति से जुड़ी हुई पेंटिंग्स बनाई जाती हैं। कई बार कलाकार पूरी तरह से भक्ति और आध्यात्म में डूबकर ही इस तरह की पेंटिंग्स को पूरा कर पाते हैं। हर देश में वहां के कल्चर, आध्यात्म, आस्था और भगवान के अनुसार स्पिरिचुअल आर्ट्स बनाए जाते हैं।

इसके अलावा भी विश्वभर में कई आर्ट फॉर्म्स फेमस हैं, जिन्हें लोग काफी पसंद करते हैं। आर्टिकल पर अपना फीडबैक ज़रुर दें। ऐसे ही आर्टिकल पढ़ने के लिए सोलवेदा हिंदी से जुड़ें रहें।

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