खंडहर, खंडहर की कहानियां

पत्थरों में दबी कहानियां

खंडहर हमेशा से कुतूहल का विषय रही है। लेकिन ये हमारे अतीत की कहानियां सुनाने के साथ-साथ हमारे भविष्य की ओर भी इशारा करते हैं।

क्या आपने सोचा है कि लोग माचू पिचू- इंका खंडहर, मेक्सिको में पलेंक खंडहर, इटली में कोलोसियम, ग्वाटेमाला में टिकल के टूटे-फूटे भवन या हमारे घर से पास हम्पी में क्यों जाते हैं? पत्थरों के ये ढेर और बीते युग के टूटे हुए स्मारक इतने आकर्षक क्यों हैं? टूटी-फूटी इमारतों ने कवियों, कलाकारों, लेखकों, पुरातत्वविदों और वास्तुकारों को प्रेरित किया है जो मनुष्य के लिए रहस्य का स्त्रोत बन गए हैं। फ्रांसीसी दार्शनिक डेनिस डिडरोट ने फ्रांसीसी कलाकार ह्यूबर्ट रॉबर्ट जो टूटे-फूटे भवनों पर अपनी पेंटिंग के लिए जाने जाते हैं से कहा, “क्या आपको पता है कि खंडहर (Ruins) अपने आप में एक कविता हैं? आप नहीं जानते कि टूटे-फूटे भवन इतना आनंद क्यों देते हैं? मैं आपको बताऊंगा। सब कुछ विलीन हो जाता है, नष्ट हो जाता है और गुज़र जाता है, केवल समय चलता रहता है। हम यह जानने की कोशिश करते हैं कि मेरा अस्तित्व इन ढहते पत्थरों की तुलना में क्या है?”

लंबे समय से टूटे-फूटे भवन आकर्षण का विषय रहे हैं। ये मानव निर्मित संरचनाएं, जिन्होंने मनुष्य के जीवन को दर्शाया है, समय के साथ अव्यवस्था की स्थिति में आ जाती हैं। सफाई, रखरखाव और मौसम के कारण खराब होने के बावजूद इन परित्यक्त और क्षयकारी स्थानों के साथ हमारा जुनून बढ़ता जा रहा है।

ये टूटे-फूटे भवन हमें अतीत की कहानियां बताते हैं और शायद हमारे भविष्य की भी। वे राजाओं, नेताओं और राज्यों का उल्लेख करते हैं और इतिहास की यादों और कल्पनाओं का आह्वान करते हैं। इतिहास को बयान करने और हमें उनके साथ जोड़ने के लिए, कभी-कभी वे हमारा एक मात्र सहारा होते हैं। अमेरिकी सामाजिक और सांस्कृतिक भूगोलवेत्ता ब्रैडली गैरेट ने कहा, “खंडहर क्षय हो सकते हैं पर वे मृत नहीं हैं। वे चमत्कारी साहसिक कार्यों, प्रेरणादायक मार्गदर्शन, शांत क्षणों, उत्साहपूर्ण चंचलता, तबाही या मनहूसियत की तैयारी और कलात्मक क्षमता के लिए संभावनाओं से भरे हुए हैं।”

टूटे-फूटे भवन का मतलब अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग हो सकता है। कवियों और कलाकारों के लिए ये प्रेरणा के स्रोत हैं, जिनके माध्यम से वे अपनी कहानियां सुनाते हैं। वास्तुकारों के लिए, खंडहर अतीत के निशान की बजाय एक संभावित भविष्य का प्रतीक होते हैं। हम्पी में एक अनुभवी टूर गाइड एम. वीरेश कहते हैं, “लोग प्रकृति के करीब होने के लिए तरसते हैं और टूटे-फूटे भवन उनके साथ न्याय करते हैं। वे समझना चाहते हैं कि उनके पूर्वज कैसे रहते थे, उनकी कहानियां क्या थी और उनसे क्या सीखना चाहिए। आप कह सकते हैं कि खंडहरों के लिए दो प्रकार के आगंतुक हैं- एक जो शहर के जीवन से दूर आनंद की तलाश में आते हैं और दूसरे वे जो कला, वास्तुकला और इन टूटी-फूटी इमारतों के पीछे की कहानियों के बारे में सीखना चाहते हैं। औसतन 80 प्रतिशत लोग वास्तुकला और कहानी में रुचि के कारण इन्हें देखने आते हैं।”

दार्शनिकों के लिए टूटे-फूटे भवन मानव जीवन की नाज़ुकता और भेद्यता की आसानी से छिपी हुई कहानियों की ओर इशारा कर सकते हैं। पी बी शेली अपनी कविता ओज़ीमंडिआस  में प्राचीन काल में एक यात्री से मिलने के बारे में बताते हैं जो उसे एक घटना बताता है। वह उस कवि को बताता है कि उसने रेगिस्तान में एक मूर्ति के अवशेषों को देखा था, जिसमें दो विशाल पैर चेहरे के बिना थे और पैरों के पास में ही उसका चेहरा क्षतिग्रस्त पड़ा हुआ था। कविता में, कवि एक ऐसी मूर्ति की बात करते हैं जो कभी महान थी लेकिन अब टूटे-फूटे भवन में बदल गई है। यह दर्शाती है कि सबसे शक्तिशाली राजा भी बर्बाद हो सकते हैं। पृथ्वी की सतह पर कुछ भी स्थायी नहीं है, चाहे वह इमारतें हों या पूरे राज्य। यह इस ग्रह पर हमारे अस्थायी अस्तित्व और हम इस पर किस हद तक अपना होने का दावा कर सकते हैं, इस बारे में बात करते हैं।

आखिरकार, हम यहां इस ग्रह पर कुछ समय के लिए एक संक्षिप्त भूमिका निभाने के लिए आए हैं।

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