वर्ल्ड डायबिटीज डे

वर्ल्ड डायबिटीज डे: क्यों बन रहा है मधुमेह देश के लिए खतरा?

डायबिटीज उन खतरनाक बीमारियों से एक है, जो इंसान का पीछा कभी नहीं छोड़ती है। एक बार इस बीमारी से पीड़ित होने के बाद, इसे सिर्फ कंट्रोल किया जा सकता है। इसे पूरी तरह से क्योर करने के लिए अब तक कोई दवा नहीं बनी है।

आज की भाग-दौड़ वाली ज़िंदगी और तनाव के कारण लोग खतरनाक बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। इसमें से एक बीमारी है डायबिटीज। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हर साल डायबिटीज के कारण करीब 40 लाख मरीज़ो की मौत हो जाती है। इसलिए इस बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक रहना बहुत ज़रूरी है। डायबिटीज उन खतरनाक बीमारियों से एक है, जो इंसान का पीछा कभी नहीं छोड़ती है। एक बार इस बीमारी से पीड़ित होने के बाद, इसे सिर्फ कंट्रोल किया जा सकता है। इसे पूरी तरह से क्योर करने के लिए अब तक कोई दवा नहीं बनी है।

डायबिटीज के मरीज़ो की संख्या विश्व में बढ़ने के साथ ही भारत में भी बढ़ती जा रही है। यहां तक की भारत को ‘डायबिटीज का राजधानी’ तक कहा जाता है। डॉक्टरों के अनुसार डायबिटीज के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी का एक मात्र कारण गलत लाइफस्टाइल है। सोलवेदा हिंदी के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि वर्ल्ड डायबिटीज डे (World Diabetes Day) कब मनाया जाता है और यह कैसे देश के लिए खतरा बन गया है। साथ ही हम इस आर्टिकल में यह भी बताएंगे कि इससे बचाव के लिए आप क्या कर सकते हैं।

वर्ल्ड डायबिटीज डे कब और क्यों मनाया जाता है? (World Diabetes Day kab aur kyon manaya jata hai?)

वर्ल्ड डायबिटीज डे हर साल 14 नवंबर को मनाया जाता है। इसको सर फ्रेडरिक बैटिंग के जन्मदिन के अवसर पर मनाया जाता है। सर फ्रेडरिक बैटिंग ने ही 1921 में चार्ल्स बेस्ट के साथ इंसुलिन की खोज की थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से 1991 से हर साल लोगों को जागरूक करने के लिए वर्ल्ड डायबिटीज डे मनाया जाता है। इस दौरान अलग-अलग तरह से कई अभियान चलाए जाते हैं, जिससे लोग डायबिटीज के प्रति जागरूक हों और स्वास्थ्य की सही तरीके से देखभाल करते हुए हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं।

भारत को कहा जाता है डायबिटीज का राजधानी (Bharat ko kaha jata hai diabetes ka rajadhani)

भारत को डायबिटीज का राजधानी कहा जाता है, क्योंकि मधुमेह के यहां सबसे ज्यादा मरीज़ हैं। साल 1980 में पूरे विश्व में डायबिटीज के मरीजों की संख्या 108 मिलियन थी, जो साल 2014 में बढ़कर 422 मिलियन हो गई। हाई इनकम वाले देशों की तुलना में कम और मीडियम इनकम वाले देशों में इसका प्रकोप काफी तेज़ी से बढ़ रहा है। साल 2009 और 2019 के बीच उम्र के हिसाब से, डायबिटीज के कारण मृत्यु दर में तीन प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई।

डायबिटीज की वजह से हो सकती हैं कई बीमारियां (Diabetes ki wajah se ho sakti hain kai beemariyan)

डायबिटीज का हाई लेवल, इंसान को अंदर ही अंदर कई बीमारियों का शिकार बना देता है। इससे अंधा होने के खतरा के अलावा, किडनी फेल होने का भी डर बना रहता है। साथ ही हाई ब्लड शुगर के कारण हार्ट फेल तक हो सकता है। इसके अलावा डायबिटीज का मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। यह मूड स्विंग का कारण बनता है। इससे सोचने की क्षमता भी प्रभावित होती है और डिप्रेशन का भी खतरा मंडराता रहता है। डायबिटीज के कारण ओरल हेल्थ की समस्या भी हो सकती है। इससे दांत संबंधी परेशानी हो सकती है।

डायबिटीज से बचाव के उपाय (Diabetes se bachav ke upay)

रिसर्च के अनुसार हेल्दी खाना नहीं खाने से, डायबिटीज का खतरा ज़्यादा होता है। साथ ही वेजिटेरियन डाइट और पत्तेदार सब्जियों के नहीं खाने से भी, इसका खतरा अधिक बना रहता है। इससे बचाव के लिए हेल्दी खाना खाएं। वहीं, एक्सरसाइज नहीं करने के कारण भी डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए नियमित तौर पर एक्सरसाइज करें, जिससे आप शारीरिक रूप से स्वस्थ रहेंगे। इसके अलावा डायबिटीज का एक मुख्य कारण है एक्टिव नहीं रहना। इसलिए कोशिश करें कि दिनभर एक्टिव रहें। इसके अलावा, मधुमेह से बचने के लिए योगा और प्राणायाम करें, जिससे आप शारीरिक रूप से ऊर्जावान बने रहेंगे और डायबिटीज आपसे दूर रहेगी।

डायबिटीज एक बहुत ही खतरनाक बीमारी है। इसलिए इस वर्ल्ड डायबिटीज डे पर खुद को स्वस्थ रखने का शपथ लें और खुद को स्वस्थ रखने के लिए एक्सरसाइज करें। इसी तरह के और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए सोलवेदा हिंदी से जुड़ें रहें।

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