हम कभी खुद को अपने नीरस अस्तित्व के बोझ तले दबा महसूस करते हैं? क्या आपको यह लगता है कि आपको नौकरी छोड़कर इस ज़िंदगी से कुछ दूर चले जाना चाहिए। यहां तक कि आप उम्मीद का दामन भी छोड़ने की स्थिति में आ जाते हैं। इस स्थिति में ही बैचेनी, थकान या उदासीनता हमारी उस इच्छाशक्ति को रोक देती है, जिसके दम पर हम ज़िंदगी में कुछ पाने की कोशिश कर रहे थे। धीरे-धीरे यह भावना एक बड़ा आकार ले लेती है, जो हमारा पीछा नहीं छोड़ने वाली।
इस बुरी स्थिति में दुनियादारी के कुछ नियम अपना तड़का लगाते हैं। मसलन, जिंदा रहने के लिए खाना, कमाने के लिए काम करना, स्वस्थ रहने के लिए वर्जिश करना और सीखने के लिए पढ़ाई करना। दुनिया के बनाए इस रास्ते पर चलते हुए यदि हम थोड़ी देर के लिए भी भटके तो सब कुछ उथल-पुथल हो जाता है।
तो हम क्या करते हैं। हम डटे रहते हैं। डटे रहने की वजह से ही हमारा रोज़मर्रा का जीवन हम पर हावी हो जाता है। इसका परिणाम है तनाव। तो इससे बचें कैसे?
आइए, आपका परिचय एक रिफ्यूजी से करवाते हैं। यह किसी से छुपी नहीं और पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।
संगीत सुनना हमारी थकान मिटाता है (Sangeet sunna hamri thakan mitata hai)
संगीत सुनना (Listening Music) हमारे तनावग्रस्त मस्तिष्क को राहत प्रदान करता है। यह हमें प्रेरणा देता है, रुलाता है, लोरी की तरह शांति से सुलाता है, नचाता है और ऐसे-ऐसे भाव जगाता है, जिनके बारे में हमें कभी पता ही नहीं था। बेशक यह हमें थकान से उबारता है और हम पूर्ण रूप से इसकी शरण में चले जाते हैं।
चिकित्सकीय परिणाम
संगीतीय चिकित्सा संगीत के माध्यम से हमारे संज्ञानात्मक, शारीरिक, सामाजिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को ठीक करती है। अमेरिकन म्यूजिक थेरेपी एसोसिएशन की वेबसाइट के अनुसार, संगीतीय चिकित्सा स्वास्थ्यवर्धक, तनाव प्रबंधन, भावना व्यक्त करने, स्मरण शक्ति बढ़ाने, संवाद बढ़ाने और शारीरिक पुनर्वास को बेहतर करने में सहायक है।
संगीत हमारे एक्सपीरिएंस को बदल सकता है (Sangeet hamare experience ko badal sakta hai)
हमारा मस्तिष्क विभिन्न प्रकार के संगीत पर अलग-अलग प्रतिक्रिया देता है। हम दुनिया को किस तरह से देखते हैं यह इस पर निर्भर करता है कि हम क्या महसूस करते हैं। कुछ संगीत रचनाएं हमें खुशी देती हैं, तो कुछ उदास करती हैं। ग्रोनिंगेन विश्वविद्यालय के एक अध्ययन में लोगों को तरह-तरह के संगीत सुनाए गए। इसमें पाया गया कि लोगों की अनुभूति और संवेदना संगीत के प्रकार के अनुसार प्रभावित हुई। उदाहरण के लिए उदासी भरा संगीत सुनने वाले को एक सामान्य सी बात भी उदास करने लगी।
संगीत सुनना मनोदशा को प्रभावित करता है (Sangeet sunna manodasha ko prabhavit karta hai)
आमतौर पर हम कौन सा संगीत चुनेंगे यह हमारी मनोदशा पर निर्भर करता है। हालांकि बहुत से लोगों को यह पता ही नहीं है कि संगीत हमारी मानसिक स्थिति को परिवर्तित कर सकता है। उदाहरण के लिए काम करते समय शास्त्रीय संगीत सुनना रचनात्मकता को बढ़ाता है। साथ ही संगीत हमारी उत्पादकता को भी बढ़ाता है।
संगीत सुनना तनाव से लड़ने में सहायक है (Sangeet sunna tanav se ladne main sahayak hai)
यह हमारी हृदय गति, रक्तचाप को कम कर श्वसन क्रिया को नियंत्रित करता है और व्यक्तिगत तनाव विनाशक के रूप में काम करता है। संगीत हमारी मांसपेशियों का तनाव कम कर उन्हें आराम भी देता है।
संगीत सुनना हमारे रोज़मर्रा के कार्यों को मज़ेदार बनाता है। हमारे मस्तिष्क में व्याप्त कोलाहल को हम गीत सुनकर शांत कर सकते हैं। संगीत से हमारे साधारण से काम जैसे कि सफाई, खाना बनाना, मीठी नींद से जागना और यहां तक कि दौड़ पर जाने के लिए ताकत जुटाना भी सरल हो जाता है।
गुस्सा, हताशा, शोक, संकट या चाहे कोई और परेशानी हो- संगीत सुनना आपको इन सबसे निपटने में मदद करेगी।
सबसे अच्छी बात यह है कि इसके लिए आपको बहुत दूर देखने की जरूरत नहीं है। संगीत तो हमारे आसपास हर जगह मौजूद है। ज़रूरत है तो सिर्फ संगीत सुनने की।