प्यार क्या है

क्या यही प्यार है?

डेट अच्छी चल रही थी, लेकिन उसे अचानक कुछ गलत लगने लगा। उसने मन ही मन कहा, सिर्फ एक चुंबन ही तो था। सिर्फ एक चुंबन। ज़रूरी तो नहीं कि बात आगे बढ़ ही जाए।

अपने दरवाज़े पर पहुंची ईशा ने पलटकर अपने डेट से शर्माते हुए कहा, ‘डिनर के लिए शुक्रिया, कल मिलते हैं 

रोहन ने कहा, ‘ज़रूर। वह अपने दोस्तों के साथ बने कार्यक्रम को पहले ही ईशा के लिए रद्द कर चुका था।

उसने गुडनाइट कहा और घर चला आया। रास्ते में उसे एक फलों का ठेला दिखा। वह अगली रात के लिए मैंगो स्मूदी बनाने के लिए आम खरीदना चाहता था। जैसे ही वह वहां रुका, उसने देखा कि एक पुरानी कार आगे खड़ी थी, जिसके पीछे कुछ नाम लिखे थे। उसने सोचा यह एक मूर्खतापूर्ण आदत है। उसे हमेशा से कार के पीछे बच्चों के नाम लिखना उबाऊ लगता था। कार पर अखिलऔर अवनिलिखा था। 

अवनि… 

देख वह असहज महसूस करने लगा, उसके दिल और पेट में भारीपन का एहसास (Feeling of heaviness) होने लगा। रोहन ने अपनी कार की कांच नीचे की और ताज़ा हवा लेने के लिए सिर बाहर निकाला। वह फिर से वही नाम नहीं देखना चाहता था। आम भूलकर वह हां से निकल गया। 

उसे याद नहीं कि वह कैसे ड्राइव करते हुए अपने घर पहुंचा और कैसे गुस्से में अपने अपार्टमेंट की चाबी से उसने दरवाज़ा खोला। वह सोफे पर लेट गया और अपनी तेज़ चलती सांसों को सामान्य करने की कोशिश करने लगा। 

डेट अच्छी चल रही थी, लेकिन उसे अचानक कुछ गलत लगने लगा।  उसने मन ही मन कहा, सिर्फ एक चुंबन ही तो था। सिर्फ एक चुंबन। ज़रूरी तो नहीं कि बात आगे बढ़ ही जाए। 

रोहन ने खुद को सामने दीवार पर लगी हुई तस्वीर को देखने के लिए मजबूर किया। उस पर लगी माला बदली हुई थी। अवनि की मुस्कान हमेशा की तरह सौम्य थी। उसकी आंखें जैसे उसे संकेत दे रही हो। उसकी तस्वीर देखते हुए वह सोफे से उठा और उसके पास चला गया।

आई एम सॉरी, अवनि 

उसने अपनी जेब से अपना मोबाइल निकाला। ईशा को एक संदेश लिखना शुरू किया, ‘आई एम सो सॉ..। उसे दरवाज़ा खुलने की आवाज़ आ। उसकी सास जाग ग थीं। 

तुम्हारी डेट कैसी रही?’ 

रोहन को समझ नहीं आया कि वह क्या कहे। उसने तो सासू मां को बताया ही नहीं था कि वह कहां जा रहा है। वह केवल इतना कह सका, ‘क्या’? 

मां ने अपनी भौहें ऊपर उठाई, ‘रोहन, अब चार साल हो गए हैं। 

मां ..उसके मुंह से शब्द नहीं निकल रहे थे। 

वह उसके पास ग और उसके गालों को अपने कोमल हाथों में लेकर बोली, ‘रोहन, अवनि हमेशा से ही तुम्हें खुश देखना चाहती थी। फिर एक बार खुश होने से डरो मत। 

उसने अपने आंसुओं को रोकने की कोशिश करते हुए अपनी सास को कसकर गले लगा लिया। 

सासू मां ने पीठ पर थपथपाकर रसोई में जाते हुए कहा, ‘मैं तुम्हें एक स्मूदी बनाकर देती हूं। मैंने आज आम खरीदे थे। इसे बनाते वक्त तुम मुझे अपनी डेट के बारे में बता सकते हो। 

रोहन के गाल पर एक आंसू बह निकला। उसे साफ करते हुए उसने अवनि की तस्वीर की तरफ देखा और मुस्कुराया। उसने अपने पिछले संदेश को मिटा दिया और इसकी बजाय यह टाइप करके भेजा, कल नाश्ते और बैडमिंटन के बारे में क्या विचार है?’

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