इसदुनिया में जन्म लेने केबाद,हमारासबसे पहला रिश्ता मां-बापसे जुड़ता है।उनकेबाद भाई-बहन, दादा-दादी, नाना-नानी चाचा-मामाऔरन जानेकितने रिश्ते हमसे जुड़ जाते हैं।यही रिश्ते मिलकरएक परिवार बनते हैं।इसपरिवार में रहकर हमसबसे पहलेचलना,फिरबोलना औरधीरे-धीरे लोगों में उठना-बैठना, सामाजिक कायदे-कानून, व्यवहारिक ज्ञान और मान्यताएं सीखते हैं।परिवार हमें समाज में जगहदिलाता है।हमारे व्यक्तित्व के विकास में भागीदार होता है।हमें इसदुनिया में रहने के लिए पहचानकीज़रूरत होती है, जो हमें परिवार में रहकर हीमिलती है।
हमारे कर्म और संस्कारों परभी परिवार कागहरा असर देखने को मिलता है।आपने बहुत बारकिसी बच्चे के मां-बापकोअपने बच्चे केबारे में येकहते सुना होगा कि, ‘येतो अपने चाचा परगयाहै,अपने पापा कीतरहहंसता हैयाइसकीयेआदततो बिल्कुल नानीजैसीहै।’ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बच्चे ने अपनी नानी यापिता कीतरह व्यवहार करना, उनकोदेखकर सीखाहैयाफिरआनुवंशिकताकी वजह से घरकेबड़ों काव्यवहार बच्चे में भी मौजूद होता है।
सचमें परिवार काहमारे जीवन मेंबहुत महत्व होता हैऔर परिवार का हमारे साथ होना हमारे लिए बहुत ज़रूरी है।परिवार केबिना नतो इससमाज में हमआसानी से रह पाएंगे और नही खुद को सुरक्षित महसूस कर पाएंगे।परिवार हमारासुरक्षा कवच होता है।परिवार हमें जीना सिखाता है और एक अच्छा इंसान बनाता है।जबपरिवार हमारे लिए इतना ज़रूरीहै तो हमारे जीवन में सबसे पहले परिवार कीहीजगहतो होनीचाहिए।क्या आप जानते हैं परिवार की महत्वता की तरफसबका ध्यान आकर्षित करने के लिए एक दिनसिर्फपरिवार के नाम किया गया है।उस दिन का नाम है विश्व परिवार दिवस, जिसे अंग्रेजी में ग्लोबल फैमिली डे(Global Family Day)या वर्ल्ड पीस डे (World Peace Day) भी कहते हैं।आइए इसके बारे में थोड़ा और जानते हैं।
विश्व परिवार दिवस कीशुरुआत (VishvPariwar Divas ki shuruaat)
साल की सकारात्मक शुरुआत करने और लोगों के बीच शांति, प्रेम और एकताफैलाने केलिए हर साल 1 जनवरी को वैश्विक परिवार दिवस मनाया जाता है। सबसे पहले 1 जनवरी 2000 को मनाया गया येदिनपारिवारिक संबंधों को मजबूत बनाने के लिए है।इसकाउद्देश्य दुनिया भर में लोगों के बीच धार्मिक, सांस्कृतिक और भाषाके मतभेदों के बावजूद मानवता की शक्ति पर ज़ोर देना है।संयुक्त राष्ट्र ने ‘वन डे इन पीस – 1 जनवरी 2000’ नामक पुस्तक मेंइसके बारे में लिखा है,जिसे पहली बार नवंबर 1997 में प्रस्तावित किया गया था।
इसकिताब कीकहानी एक आदर्श समाज की कल्पना करती है, जहां हरकोई एक-दूसरेकीमददकरने के लिए तैयार रहता है जहां एक शांतिपूर्ण और खुशहाल जीवन जीने कीकल्पना कीजाती है।इसके अलावा, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इसी समय विश्व के बच्चों के लिए शांति और अहिंसा की कामना की। इसके बाद, संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों को भी 1999 में 1 जनवरी के दिन आधिकारिक तौर पर ‘वैश्विक परिवार दिवस’मनाने का अवसर दिया गया।इस पर अमल करते हुए 2001 में एक वार्षिक कार्यक्रम की योजना बनाई गई औरजिसका समाज पर बहुतगहरा प्रभाव पड़ा। तभी से हरसाल 1 जनवरी को वैश्विक परिवार दिवस केरूप में मनाया जाने लगा।
क्या है मजबूत परिवार कीनींव? (Kya hai majboot pariwar ki neenv?)
एक परिवार को मजबूत बनाने में बहुत से कारकमददगार होते हैं।इसमें कोई शकनहीं कि इसमें पहला कारकप्यार है। परिवार रूपी मकान, प्यार कीनींव पर टिका होता है।प्यार का पहला एहसास हमें परिवार में रहकर ही होता है। ये हमें प्यार का मतलब सिखाता है, जिसे हम हमेशा अपने दिल में संभाल कर रखते हैं।प्यार केबाद वफादारी आतीहै।परिवार काहरसदस्य एक-दूसरे के लिए समर्पित होता है।मुसीबत में साथखड़े रहना और खुशियों मेंसाथमिलकर जश्न मनानाही एक आदर्श परिवार की परिभाषा है।
परिवार हमारे लिए दूसरों से भिड़जाता है, हमें हरचुनौती से लड़ने कीहिम्मत देता है और हरकदमपर एक-दूसरेको आगे बढ़तेदेखना चाहता है।परिवार से मिला प्यार और अपनापन हमें खुशहाल जीवन जीने के लिए प्रेरित करता है।येहमें एक दूसरेपर औरखुद पर यकीन करना भी सिखाता है।जीवन में आगे बढ़ने के लिए परिवार का साथ होना ज़रूरी है। उनका साथ हमें रिश्तों के सही मायने सिखाता हैऔरयहीसबबातें एक परिवार को बांधे रखने काकाम करती हैं।
परिवार को रखें सबसे ऊपर(Pariwar ko rakhein sabse upar)
हम अगरलाख दोस्त बना लें, सोशल मीडिया पर हज़ारों लोगों को फॉलो कर लेंया फिर किसी भीड़ में जाकर खड़े हो जाएं तो क्या वो हमारी मदद हमारे परिवार से ज़्यादा करेंगे?इसका सीधा जवाब है कभी नहीं! परिवार की जगह कोई कभी ले ही नहीं सकता। परिवार से हम हैं और हम से परिवार। ज़िंदगी में सबसे पहली जगह हमेशा परिवार की होनी चाहिए। अक्सर कहते हैं कि जब परिवार के साथ वक्त गुज़ारने का वक्त गुज़र जाता है तब हमें एहसास होता है कि हमने तो पूरी ज़िंदगी परिवार के लिए कभी ढंग से वक्त निकाला ही नहीं। दुनिया का सबसे बड़ा अफसोस यही है। इसीलिए वक्त रहते हैं परिवार के साथ वक्त बिताऐं, टेबल पर एक साथ बैठकर खाना खाएं, एक साथ टीवी देखें,गेम्स खेलें और एक-दूसरे के लिए हमेशा खड़े रहें।
आप सभी को विश्व परिवार दिवस की शुभकामनाएं। आपको आर्टिकल कैसा लगा हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं। ऐसे ही आर्टिकल पढ़ते रहें सोलवेदा हिंदी पर।