अंतर्राष्ट्रीय चैरिटी दिवस

विश्व दान दिवस पर दें ज्ञान का सबसे बड़ा दान

अगर किसी इंसान को खाना दान दिया जाए, तो खाना खाने के 10 से 12 घंटे के बाद उसे दोबारा भूख लग जाएगी। पानी का दान दिया, तो पीने के 6 से 7 घंटे के बाद उसे फिर से प्यास लग जाएगी। लेकिन, अगर ज्ञान का दान दिया जाए, तो वह उसके साथ पूरे जीवन रहता है।

दान शब्द का मतलब बहुत ही विस्तृत है। हर धर्म और समाज में दान करने को सबसे पुण्य काम माना जाता है। दान करने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। दान का मतलब यह नहीं है कि सिर्फ धन का दान किया जाए। दान का मतलब है किसी भी ऐसी चीज़ का दान करना, जिससे किसी का जीवन संवर जाए या उसके जीवन में सकारात्मक बदलाव आए। भारतीय समाज और संस्कृति में भी दान करने की परंपरा दशकों से चली आ रही है। महाभारत हो या फिर रामायण सभी धार्मिक ग्रंथों में इसके बारे में बताते हुए, इसे सबसे पुण्य का काम कहा गया है। 

भारतीय समाज में हर पर्व-त्योहार और खुशी के अवसर पर दान करने की परंपरा है। ये दान किसी भी चीज़ का हो सकता है। वैसे तो अंतर्राष्ट्रीय चैरिटी दिवस (International Charity Day) पूरी दुनिया में मनाया जाता है, लेकिन भारत में इसे मनाया जाना बेहद ज़रूरी है। आज के समय में भारत में शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे कई क्षेत्रों में उम्मीद जितना विकास नहीं हुआ है, जबकि भारत की आबादी दुनिया में दूसरे नंबर पर है और भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। तो ऐसे में हमें खुद आगे बढ़कर ज्ञान के दान सहित कई और तरह के दान करने चाहिए, ताकि विकासशील से विकसित की ओर जा सके।

तो चलिए सोलवेदा हिंदी के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि दान करना क्यों ज़रूरी है, साथ ही ज्ञान और शिक्षा का दान सबसे बड़ा दान कैसे है।

अंतर्राष्ट्रीय चैरिटी दिवस कब और क्यों मनाया जाता है? (Antarrashtriya Charity Divas kab aur kyu manaya jata hai?)

अंतर्राष्ट्रीय चैरिटी दिवस पूरी दुनिया में 5 सितंबर को मनाया जाता है। यह दिवस सीधे तौर पर मदर टेरेसा से जुड़ा हुआ है, क्योंकि आधुनिक समय में मदर टेरेसा को परोपकार और दया की मूर्ति के तौर पर देखा जाता है। समाज को दिए गए उनके योगदान के लिए, उन्हें नोबेल पुरस्कार से भी नवाजा गया था। उनका निधन 5 सितंबर 1997 को हुआ था। उनकी पुण्यतिथि को ही इंटरनेशनल चैरिटी दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मुख्य मकसद है पूरी दुनिया से गरीबी मिटाना और सबको बराबर सुविधा उपलब्ध कराना। 

अंतरराष्ट्रीय चैरिटी दिवस मनाने की शुरुआत 2011 में हंगरी के संसद और वहां की सरकार के समर्थन से हुई थी। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2012 में इस दिन को मनाने की घोषणा की, जिसके बाद पूरी दुनिया में इस दिन को मनाया जाता है। 

अंतर्राष्ट्रीय चैरिटी दिवस का महत्व (Antarrashtriya Charity Divas ka mahatv)

दान करना एक महान काम है। हमारे द्वारा दान किया गया खाना, कपड़े, शिक्षा किसी की ज़िंदगी में बड़ा बदलाव लेकर आ सकती है। दान करने के इस महान दिन को मनाने का मुख्य मकसद है गरीबी हटाना और ज़रूरमंद लोगों की मदद करना। यह इसलिए भी अहम है क्योंकि यूनिसेफ ने संकल्प लिया है कि 2030 तक पूरी दुनिया से गरीबी को हटाया जाए। इसलिए इस दिन का महत्व और भी ज़्यादा बढ़ जाता है। वहीं, इस दिन का उद्देश्य यह है कि दुनिया भर में चैरिटी के लिए काम करने वाले लोगों का हौसला बढ़े।

ज्ञान का दान क्यों है सबसे बड़ा दान? (Gyan ka daan kyu hai sabse bada daan?)

किसी ने सही कहा है कि ज्ञान के दान से बड़ा कोई दान नहीं होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि अगर किसी इंसान को खाना दान दिया जाए, तो खाना खाने के 10 से 12 घंटे के बाद उसे दोबारा भूख लग जाएगी। पानी का दान दिया, तो पीने के 6 से 7 घंटे के बाद उसे फिर से प्यास लग जाएगी। लेकिन, अगर ज्ञान का दान दिया जाए, तो वह उसके साथ पूरे जीवन रहता है। कहा जाता है कि ज्ञान ही इंसान के जीवन की सबसे पहली सीढ़ी होती है। इसी से जीवन के सभी उद्देश्य को पूरा किया जा सकता है। इसलिए हमें ज्ञान का दान करना चाहिए। 

रामायण में भी जब रावण को बाण लगा था, उसके बाद भगवान राम ने लक्ष्मण को रावण के पास ज्ञान लेने के लिए भेजा था, क्योंकि रावण बहुत ही ज्ञानी व्यक्ति था। इसी तरह अलग-अलग धर्मग्रंथों में ज्ञान के दान को लेकर कई सीख दी गई है।

ज्ञान का दान करके पूरे समाज में ला सकते हैं बदलाव (Gyan ka daan karke pure samaj mein la sakte hain badlav)

जीवन जीने के लिए जो सबसे ज़रूरी चीज़ है, वो है ज्ञान का होना। अगर हमारे पास सही ज्ञान होगा, तो हमारे लिए हर मुश्किल छोटी हो जाएगी। ज्ञान एक ऐसा शस्त्र है, जिसका उपयोग करके हम अपने जीवन में सभी लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। इसलिए ज्ञान का होना बहुत ही ज़रूरी होता है। इसलिए समाज के ज्ञानी और पढ़े-लिखे लोगों को शिक्षा का दान करना चाहिए। इससे हम पूरी समाज को सही रास्ता दिखा सकते हैं। साथ अपने बच्चों को जीवन में सही दिशा दे सकते हैं। 

इस आर्टिकल में हमने दान के महत्व के बारे में बताया। साथ ही ज्ञान का दान क्यों ज़रूरी है, यह भी बताया। यह आर्टिकल आपको कैसा लगा, हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं। साथ ही इसी की और ज्ञानवर्द्धक जानकारी के लिए पढ़ते रहें सोलवेदा हिंदी।

X

आनंदमय और स्वस्थ जीवन आपसे कुछ ही क्लिक्स दूर है

सकारात्मकता, सुखी जीवन और प्रेरणा के अपने दैनिक फीड के लिए सदस्यता लें।