International Charity Day: मदर टेरेसा की याद में अंतरराष्ट्रीय चैरिटी

देश-भर में कई छोटे-बड़े संस्थान चलते हैं, जिनका उद्देश्य है एक ऐसा प्लेटफॉर्म बनाना जहां मदद करने वाला और मदद चाहने वाला, एक साथ खड़ा हो सके। खाना, कपड़ा, शिक्षा जैसी कई चीज़ों से लोग दूर हैं, जिन्हें दान करने अगर लोग आगे बढ़कर आएं, तो गरीबी का खात्मा ज़ल्द से ज़ल्द करने में मदद मिलेगी।

अंतरराष्ट्रीय चैरिटी दिवस यानी एक ऐसा दिन जब हर ज़रूरतमंद इंसान को दान दिया जा सके। भारत देश में चैरिटी यानी दान की प्रथा वर्षों से चली आ रही है। लेकिन, इसे वैश्विक रूप से पहचान मिली 5 सितंबर 2012 को, जब संयुक्त राष्ट्र संघ ने इस दिन पर अंतरराष्ट्रीय दान दिवस मनाने की घोषणा की। तब से हर साल 5 सितंबर के दिन अंतरराष्ट्रीय चैरिटी दिवस मनाया जाता है। भारत में इसी दिन टीचर्स डे भी मनाया जाता है।

वैसे तो चैरिटी दिवस दुनियाभर में मनाया जाता है, लेकिन, भारत में इसे मनाया जाना बेहद ज़रूरी है। भारत एक विकासशील देश है यानी भारत अभी भी विकास के रास्ते पर है। देश की एक बड़ी आबादी अभी भी गरीबी रेखा के नीचे है, कई लोग आज भी भूख से मर जाते हैं और कई लोग पीढ़ियों तक गरीबी से अपना पीछा नहीं छुड़ा पाते। न जाने कितने ही लोग हैं जिनके पास जीने के लिए मूलभूत चीजों की भी कमी है। ऐसे में भारत में दान देना एक बड़ी मदद करने जैसा है। देश में कई लोग और संस्था हैं जो असहाय लोगों की मदद कर रहें हैं। लेकिन, विश्व में आबादी के मामले में दूसरे नंबर पर आने वाला यह देश, अभी भी कई ऐसे लोगों को समेटे हुए है, जिन्हें मदद की सख्त ज़रूरत है।

दान दिवस मनाने के पीछे का कारण और इतिहास क्या है, इसके बारे में हम आगे जानेंगे। इसके साथ हम ये भी समझेंगे कि इस दिन का महत्व क्या है और आप इस दिन पर क्या कर सकते हैं।

क्या है इंटेरनेशनल चैरिटी दिवस का इतिहास? (Kya hai International Charity Divas ka itihas?)

इंटेरनेशनल चैरिटी दिवस सीधी तौर पर मदर टेरेसा से जुड़ा हुआ है। मदर टेरेसा परोपकार और दया की मूर्ति थीं। उन्होनें अपना पूरा जीवन दूसरों की मदद करने में निकाल दिया। उनके योगदान के लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्होनें कई कोट्स दिए हैं, जिनमें से एक है “यदि आप सौ लोगों को नहीं खिला सकते हैं, तो सिर्फ एक को खिलाएं।” उनका निधन 5 सितंबर 1997 को हुआ था। उनकी पुण्यतिथि को ही इंटेरनेशनल चैरिटी दिवस के रूप में मनाया जाता है।

अंतरराष्ट्रीय दान दिवस का महत्व क्या है? (Antarrashtriye daan divas ka mahtv kya hai?)

दान दिवस का महत्व है गरीबी हटाना और ज़रूरतमंदों की मदद करना है। यह इतना अहम है कि इसके लिए यूनीसेफ ने संकल्प लिया है कि 2030 तक दुनिया से गरीबी को हटाया जाए। भारत देश में देखा जाए तो, इस दिन का महत्व और भी बड़ा है। देश-भर में कई छोटे-बड़े संस्थान चलते हैं, जिनका उद्देश्य है एक ऐसा प्लेटफॉर्म बनाना जहां मदद करने वाला और मदद चाहने वाला, एक साथ खड़ा हो सके। खाना, कपड़ा, शिक्षा जैसी कई चीज़ों से लोग दूर हैं, जिन्हें दान करने अगर लोग आगे बढ़कर आएं, तो गरीबी का खात्मा ज़ल्द से ज़ल्द करने में मदद मिलेगी।

इंटरनेशनल चैरिटी दिवस का उद्देश्य क्या है? (International Charity Day ka uddeshye kya hai?)

इंटरनेशनल चैरिटी दिवस का उद्देश्य है स्थानीय, राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर दान के महत्व की तरफ लोगों को जागरूक करना। इस दिन का उद्देश्य है हर असहाय की मदद करना, दुनियाभर में चैरिटी की तरफ काम करने वाले लोगों का हौसला बढ़ाना और इस तरह की एक्टिविटी का विस्तार करना। दुनिया-भर से गरीबी को जड़ से मिटाना ही इस दिन का सबसे बड़ा उद्देश्य है।

भारत देश में दान की क्या सच में ज़रूरत है? (Bharat desh mein daan ki kya sach mein jarurat hai?)

आपके मन में सवाल ज़रूर आया होगा कि आखिर भारत देश में क्या बड़े स्तर पर दान देने की ज़रूरत है। इसका जवाब है हां, बहुत ज़रूरत है। एक आंकड़े की मानें तो देश में अभी भी 23 करोड़ से अधिक लोग गरीब हैं। बेशक, बीते कुछ सालों में कई लोग गरीबी से बाहर निकलें हैं, लेकिन, अभी भी कई लोग हैं जिन्हें दान देने की ज़रूरत है। एक दूसरा आंकड़ा है कि देश के 1 प्रतिशत लोगों के पास ही देश का 40% पैसा है। अब आप ही इन दो आंकड़ों को तौलें, बिल्कुल साफ है कि देश में दान की कितनी ज़रूरत है। हमारे देश की खास बात यह है कि हमारे देश में मदद करने वाले लोग भी बहुत है। इस दिन पर उन सभी लोगों को जागरूक होने की ज़रूरत है जो किसी की मदद कर सकते हैं।

अंतरराष्ट्रीय चैरिटी दिवस पर क्या करें? (Antarrashtriye Charity Divas par kya karein?)

ऊपर हमनें मदर टेरेसा के कई कोट्स से में एक खास कोट के बारे में बताया है जो है “यदि आप सौ लोगों को नहीं खिला सकते हैं, तो सिर्फ एक को खिलाएं।” इसका सीधा अर्थ है कि अगर आप पूरी दुनिया की मदद नहीं कर सकते तो किसी एक की करें। आपके आस-पास जो भी हो, जिसे मदद की ज़रूरत हो, उसकी मदद करें। सोचकर देखें अगर पूरी दुनिया में हर कोई किसी एक की मदद करने लगा तो शायद पूरी दुनिया में फिर किसी को मदद करने की ज़रूरत ही न पड़े। तो इस दान दिवस पर किसी ज़रूरतमंद को कुछ दान ज़रूर करें।

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