विजय दिवस

विजय दिवस: 16 दिसंबर 1971 को भारत की जीत के बाद कैसे अलग हुआ बांग्लादेश?

माना जाता है कि मार्च 1971 के अंत में भारत सरकार ने मुक्तिवाहिनी, (बांग्लादेश को आज़ाद कराने वाली एक सेना) की मदद करने का फैसला लिया और भारतीय सेना ने अपनी तरफ से तैयारी शुरू कर दी।

1971 का साल, भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के इतिहास में काफी अहमियत रखता है। उसी साल भारत ने पाकिस्तान को वह जख्म दिया था, जिसकी टीस पाकिस्तान को हमेशा महसूस होती रहेगी। 1971 में पाकिस्तान से पूर्वी पाकिस्तान अलग होकर एक देश बना था जो अब बांग्लादेश के नाम से जाना जाता है। बांग्लादेश की आज़ादी में भारत का अहम योगदान था। 1971 की बात करें तो यह वही साल था, जब दुनिया के नक्शे पर बांग्लादेश एक स्वतंत्र देश के रूप में उभरा। 1971 के उस इतिहास बदलने वाले युद्ध की शुरुआत 3 दिसंबर, 1971 को हुई थी।

आइए, आज हम सोलवेदा के साथ पाकिस्तान के दो टुकड़े होने और बांग्लादेश के अस्तित्व में आने की पूरी कहानी जानते हैं। जब पूर्वी पाकिस्तान में आज़ादी का आंदोलन तेज होता जा रहा था, तब पाकिस्तान की सेना ने आंदोलनकारियों के खिलाफ अत्याचार करना शुरू कर दिया। पाकिस्तान ने पूर्वी बंगाल पर बहुत अत्याचार किए। बहुत से मासूमों की हत्या और रेप हुए। उस समय के स्वतंत्रता सेनानी मुजीब को गिरफ्तार कर लिया गया और तभी गिरफ्तारी और टॉर्चर से बचने के लिए बहुत से लोग भागकर भारत आ गए। शुरू में पाकिस्तानी सेना की चार इन्फैंट्री ब्रिगेड, अभियान में शामिल थी, लेकिन बाद में इसकी गिनती बढ़ती चली गई। भारत में शरणार्थियों की संख्या बढ़ने लगी। एक साल से भी कम समय के अंदर बांग्लादेश से करीब 1 करोड़ शरणार्थियों ने भागकर भारत के पश्चिम बंगाल में शरण ली। इससे भारत पर पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव बढ़ गया।

माना जाता है कि मार्च 1971 के अंत में भारत सरकार ने मुक्तिवाहिनी, (बांग्लादेश को आज़ाद कराने वाली एक सेना) की मदद करने का फैसला लिया और भारतीय सेना ने अपनी तरफ से तैयारी शुरू कर दी। 3 दिसंबर, 1971 को पाकिस्तान की वायु सेना ने भारत पर हमला कर दिया। भारत के अमृतसर और आगरा समेत कई शहरों को निशाना बनाया गया। इसके साथ ही 1971 के भारत-पाक युद्ध की शुरुआत हो गई। 16 दिसंबर, 1971 को पाकिस्तान की सेना के आत्मसमर्पण और बांग्लादेश के जन्म के साथ युद्ध का समापन हुआ। भारत की जीत के साथ बांग्लादेश को अपनी एक अलग पहचान मिली।

क्या है विजय दिवस? (Kya hai Vijay Divas?)

1971 में पाकिस्तान ने भारत पर हमला किया और उसी युद्ध में भारत के जांबाज़ वीरों की मदद से भारत को विजय मिली। बांग्लादेश को पाकिस्तान से मुक्ति मिली और‌ वो नया देश बनकर सबके सामने आया। इस युद्ध का अंत 16 दिसंबर, 1971 को हुआ और ये दिन पूरे भारतवर्ष में विजय दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।

बांग्लादेश का इतिहास (Bangladesh ka itihas)

बांग्लादेश दक्षिण एशिया का एक राष्ट्र है। इस देश की उत्तर, पूर्व और पश्चिम सीमाएं भारत से और दक्षिणपूर्व सीमा म्यान्मार देशों से मिलती हैं। दक्षिण में बंगाल की खाड़ी है। बांग्लादेश और भारतीय राज्य पश्चिम बंगाल, बांग्लाभाषी है, जिसका ऐतिहासिक नाम ‘बंग’ या ‘बांग्ला’ है। इसकी सीमारेखा उस समय तय हुई, जब 1947 में भारत के बंटवारे के वक्त इसे ‘पूर्वी पाकिस्तान’ के नाम से पाकिस्तान का पूर्वी भाग बना दिया गया।

बांग्लादेश विश्व में आठवां सबसे ज़्यादा आबादी वाला देश है, जिसकी आबादी 16.4 करोड़ से अधिक है। सन् 1930 में शायर मुहम्मद इक़बाल ने भारत के उत्तर-पश्चिमी चार प्रान्तों, सिन्ध, बलूचिस्तान, पंजाब और अफ़गान को मिलाकर एक अलग राष्ट्र बनाने की मांग की थी। 1947 अगस्त में भारत की आज़ादी और विभाजन की वजह से पाकिस्तान का जन्म हुआ। उस समय पाकिस्तान में वर्तमान पाकिस्तान और बांग्लादेश दोनों सम्मिलित थे।

सन् 1971 में भारत के साथ हुए युद्ध में पाकिस्तान का पूर्वी हिस्सा (जिसे उस समय तक पूर्वी पाकिस्तान कहा जाता था) बांग्लादेश के रूप में आज़ाद हो गया और अब हम सब उसे बांग्लादेश के रूप में ही जानते हैं। भारत देश के स्वतंत्रता सेनानियों ने जी जान लगाकर बांग्लादेश को आज़ाद कराया था। हम सभी वीरों को सलाम करते हैं।

आप सभी को विजय दिवस की शुभकामनाएं। ऐसी ही और जानकारी वाले आर्टिकल पढ़ने के लिए सोलवेदा से जुड़े रहें।

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