स्पीड रीडिंग

स्पीड रीडिंग कला में महारत हासिल करनी है, तो अपनाएं ये तरीकें

भागदौड़ भरी ज़िंदगी में किसी के पास ज्यादा पढ़ने का समय नहीं है, चाहे वह काम के लिए हो या अपनी व्यक्तिगत रुचि के लिए। स्पीड रीडिंग करने की कई तकनीक हैं, जिससे आप अपनी रीडिंग स्पीड बढ़ा सकते हैं।

कल्पना करें कि आपको अपने ऑफिस की एक रिपोर्ट दो दिन में तैयार करनी है, जिसके लिए आपको एक व्यापक रिसर्च भी करनी है। समय बहुत कम है और आपको काफी ज्यादा पढ़ना है। आपके पास समय बढ़वाने का या और मोहलत मांगने का भी विकल्प नहीं है, तो आप विचलित हो जाएंगे। घड़ी की टिक-टिक से मानसिक दबाव बन रहा है और आप कोशिश करने के बावजूद भी अपना काम पूरा नहीं कर पा रहे हैं। समय पर रिपोर्ट न जमा कर पाने पर आपको तनाव, क्रोध और हताशा का सामना करना पड़ेगा। फिर ये सब आपकी उत्पादकता को प्रभावित करेंगे। लेकिन, ज़रा सोचिए कि आपकी इस असफलता के पीछे कौन जिम्मेदार है? कहीं आपकी धीमी रीडिंग स्पीड तो नहीं!

आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में किसी के पास ज्यादा पढ़ने का समय नहीं है, चाहे वह काम के लिए हो या अपनी व्यक्तिगत रुचि के लिए। वैज्ञानिकों ने बताया है कि एक स्वस्थ वयस्क में औसत रीडिंग स्पीड लगभग 300 शब्द प्रति मिनट (WPM) होती है। लेकिन, अगर आप अपने पढ़ने की स्पीड को बढ़ा सकते हैं, तो आप अपना बहुत सारा समय बचा सकते हैं। आप जितना ज्यादा पढ़ेंगे, उतना ज्यादा जानकारी पा सकेंगे। इसलिए सभी को अपने रीडिंग स्पीड पर काम करना चाहिए। ये आपको कम समय में ज्यादा पढ़ने में मदद करेगी।

स्पीड रीडिंग का कॉन्सेप्ट 1950 के दशक में अमेरिकी मूल के शिक्षक एवलिन वुड के द्वारा ईजाद किया गया था। एवलिन का प्रयास धीमी गति से पढ़ने वाले पाठकों की गति बढ़ाने के लिए था। जिसके लिए उन्होंने तकनीक विकसित की। ब्रिटैनिका के अनुसार, 1958 तक वह यूटा यूनिवर्सिटी में छात्रों को “प्रति मिनट कई हजार शब्दों की स्पीड से कैसे पढ़ें” सिखा रही थीं। जिसके बाद धीरे-धीरे स्पीड रीडिंग प्रचलित होने लगी और स्पीड रीडिंग करने की कई तकनीक प्रकाश में आई, जिससे पाठक अपनी रीडिंग स्पीड बढ़ा सकते हैं।

अगर आपकी भी रीडिंग स्पीड कम है और आप अपनी रीडिंग स्पीड बढ़ाना चाहते हैं, तो आप इस लेख को अंत तक पढ़ें और कम समय में ज्यादा पढ़ने की आदत को विकसित करें।

अंगुलियों का करें इस्तेमाल

आपकी अंगुलियां एक पेसर की तरह हैं, जो एक विजुअल गाइड की तरह काम करती है। जब आप किसी किताब को पढ़ें, तो लाइन के लिए अपनी अंगुली को रखते जाएं, जिससे पढ़ते समय आपकी आंखें शब्दों पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगी। अगर आप मोबाइल, टैबलेट या कंप्यूटर पर कुछ पढ़ रहे हैं, तो आपको पॉइंटर की मदद से पढ़ना चाहिए। पढ़ने की यह तकनीक आपको एक शब्द या वाक्य से दूसरे पर फोकस के साथ तेजी से लेकर जाती है। इससे आपके पढ़ने की स्पीड काफी हद तक बढ़ जाती है। अगर आप कोई ऑनलाइन मैसेज, ब्लॉग, रिसर्च पेपर, पीडीएफ या वर्ड डॉक्यूमेंट पढ़ रहे हैं, तो हाइलाइट टूल का इस्तेमाल एक पेसर की तरह काम कर सकते हैं। जब आप पढ़ने के दौरान पेसर्स का इस्तेमाल शुरू कर देते हैं, तब आपके पढ़ने की स्पीड अपने आप ही बढ़ जाती है। इसके साथ ही आप ध्यान केंद्रित कर के भी पढ़ना सीख जाते हैं।

सबवोकलाइजेशन में लाएं कमी

जब हम छोटे थे और रीडिंग कर रहे थे, तब हमारे उच्चारण को ठीक करने के लिए हमें बोल-बोल कर पढ़ने के लिए कहा जाता था। जो धीरे-धीरे हमारी आदत बन जाती है। फिर एक बार जब हम पढ़ना सीख जाते हैं, तब उसके बाद हमें मन में पढ़ने की सलाह दी जाती है। इसे सबवोकलाइजेशन कहा जाता है। अगर, आपको अपनी रीडिंग स्पीड बढ़ानी है, तो आपको सबवोकलाइजेशन कम करने की कोशिश करनी चाहिए। आप लाख सोच लें कि मैं मन में पढ़ूंगा, लेकिन एक बार जब आप पढ़ना शुरू करते हैं, तब कुछ समय के बाद आपके मुंह से हल्की आवाज़ या फुसफुसाहट निकलने लगती है। इसलिए धीमी आवाज़ में बोलकर पढ़ने से आप अपना ध्यान बखूबी केंद्रित कर सकेंगे। अपने दिमाग को तेजी से बोलकर पढ़ने के लिए ट्रेनिंग दें।

ध्यान एकाग्र करें

जब आप कुछ भी पढ़ रहे हो, तो आप उस वक्त कोई दूसरा काम न करें। जैसेदूसरों से चैटिंग करना या मोबाइल पर सोशल मीडिया चेक करना। इससे आप ध्यान केंद्रित नहीं कर पाएंगे। अगर, आप वर्क फ्रॉम होम जॉब करते हैं और उसके तहत आपको लंबी रिपोर्ट पढ़नी व रिव्यू करनी पड़ती है, तो एक शांत जगह पर काम करें। ऐसा करने से आपको डिस्टर्ब नहीं होगा और आप अपना काम तेजी से कर पाएंगे। इसके अलावा कुछ भी पढ़ना शुरू करने से पहले अपने दिमाग को सभी तरह के विचारों से दूर कर लें। क्योंकि पढ़ते समय जब आपका मन कहीं और होता है, तब आपकी रीडिंग स्पीड अपने आप कम हो जाती है। अगर, आप अपना मन शांत और ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं, तो आप माइंडफुलनेस मेडिटेशन भी कर सकते हैं। एक बार आप अपना ध्यान केंद्रित करना सीख जाते हैं, तो आप अपना बहुत सारा समय बचा सकते हैं।

अपनी शब्दावली का विस्तार करें

रीडिंग स्पीड बढ़ाने के साथ वाक्यों को समझना भी बहुत ज़रूरी है। इसका सबसे आसान तरीका है, अपने अंदर एक शब्दकोश तैयार करना। जब आप कोई भी डॉक्यूमेंट या विषय को पढ़ते हैं, तब उसमें कई तरह के शब्दों का प्रयोग किया जाता है, जिसमें कई बार आप खुद को उलझा हुआ पाते हैं। इसके लिए सबसे पहले अपनी शब्दावली मजबूत करें। आजकल ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों डिक्शनरी और शब्दों के पर्यायवाची उपलब्ध हैं। आप जिस भी क्षेत्र में काम कर रहे हैं, उस क्षेत्र के खास शब्दों की शब्दावली ज़रूर जानें और उन्हें याद रखें। रोजाना नए शब्दों को सीखने की आदत अपने दिनचर्या में शुमार करें। इसका परिणाम आपको अपनी रीडिंग के दौरान देखने को मिलेगा। आप पाएंगे कि आपकी रीडिंग स्पीड बढ़ गई है।

टाइमर हो सकता है बैहतर विकल्प

जिस तरह से स्पीड को समय में मापा जाता है, उसी तरह से आप अपने पढ़ने की स्पीड को भी टाइमर से जान सकते हैं। किसी भी किताब या लेख को पढ़ने के लिए अपने फोन में टाइमर चालू कर लें और अनुमान लगाएं कि आपको उसे पढ़ने में कितना समय लगा। इस बात को उदाहरण से समझें, तो यदि आपको 50 पेज की कोई रिपोर्ट पढ़नी है, उसे पढ़ने में कितना समय लगेगा? इस बात की जांच आप टाइमर के द्वारा ही कर सकते हैं। टाइमर से पता चलेगा कि आपको एक पेज पढ़ने में कितना समय लग रहा है और उसके अनुसार आपको 50 पेज पढ़ने में कितना वक्त जाएगा। एक बार जब टाइमर के साथ पढ़ने की आदत हो जाएगी, तब आप उसके अनुसार अपनी रीडिंग स्पीड को तेज कर सकते हैं

स्कैन और समीक्षा कर सार समझें

अक्सर किसी भी लेख या विषय को स्कैन करने भर से ही उसकी समीक्षा हो जाती है। इस आधार पर हमारी धारणा बन जाती है कि हम क्या पढ़ रहे हैं। यह बिल्कुल वैसा ही है, जैसा आप किसी फिल्म का ट्रेलर देखते हैं। जब किसी भी फिल्म का ट्रेलर आता है, तब आप उससे फिल्म का एक सार या उसकी अवधारणा बना लेते हैं। लेख, किताबें या रिपोर्ट भी ऐसी ही होती हैं। अगर, आपने कुछ नया पढ़ना शुरू किया है, तो आप उसके कंटेंट को समझें, जैसे- विषय-सूची, टॉपिक, सब-टॉपिक, शीर्षक, आदि। इससे आपको उस लेख की विषय-वस्तु समझ में आ जाएगी। आपको यह समझने में समय नहीं लगेगा कि उस लेख की संरचना और सार क्या है। इस तकनीक से आप अपनी रीडिंग स्पीड बढ़ा सकते हैं और बहुत समय बचा सकते हैं।

दोहराने की आदत छोड़ें

आप समझने के लिए एक ही वाक्य को बार-बार पढ़ते हैं। इसके दो कारण हो सकते हैं या तो आपका ध्यान केंद्रित नहीं रहता है या ऐसा करना आपकी आदत में शुमार है। दोहराने की आदत आपके रीडिंग स्पीड को कम कर सकती है। किसी भी लाइन को दोहराना एक गैर-जरूरी और समय लेने वाली प्रक्रिया है। पढ़ते समय दोहराव होना एक सामान्य बात है, ऐसा भावार्थ न समझ पाने की स्थिति में होता है। लेकिन, इससे बचने का तरीका है कि आप एकाग्र मन के साथ पढ़ने बैठें। फिर, अंगुलियों या पेसर की मदद से पढ़ें, साथ ही अपनी शब्दावली को मजबूत कर लें। ऐसा करने से आपको दोबारा पढ़ने की आदत तो खत्म होगी ही, इसके साथ आपकी रीडिंग स्पीड भी बढ़ेगी।

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