मदर्स डे पर इन 5 तरीकों से लाएं अपनी मां के चेहरे पर मुस्कान

मदर्स डे पर इन 5 तरीकों से लाएं अपनी मां के चेहरे पर मुस्कान

दुनिया की सारी मां ही ऐसी होती हैं, जब बच्चा नज़रों से थोड़ी दूर भी चला जाए, तो उसके इंतज़ार में सारी रात जगी रहती हैं। मां तो मां होती है, फिर वो एक पंछी हो या कोई अन्य जानवर, मां बनने की भावना सब में एक जैसी ही होती है।

‘मां’ सिर्फ एक रिश्ता नहीं, बल्कि एक एहसास है, जो दो दिलों को एक ही तार से जोड़े रखता है। मेरा और मेरी मां का रिश्ता भी कुछ ऐसा ही है। मां अक्सर मेरी खामोशी की वजह जान लेती हैं, मेरे बिना कहे, समझ जाती हैं कि मुझे क्या चाहिए? खुद चाहे लाख थकी हुई हों, पर मुझे थका हुआ देखकर, उनमें जैसे अचानक से ताकत आ जाती है। ऐसी ही तो होती है मां। बच्चे के लिए अपनी थकान, भूख और प्यास, सब भूल जाती है। मां के होते हुए, मुझ पर कोई मुसीबत आ ही नहीं सकती, मेरी मां मेरे लिए पापा से भी लड़ जाती हैं।

मुझे लगता है कि दुनिया की सारी मां ही ऐसी होती हैं, जब बच्चा नज़रों से थोड़ी दूर भी चला जाए, तो उसके इंतज़ार में सारी रात जगी रहती हैं। मां तो मां होती है, फिर वो एक पंछी हो या कोई अन्य जानवर, मां बनने की भावना सब में एक जैसी ही होती है। मां की कोई उम्र नहीं होती, मां तो मां होती है, और उसके लिए उसका बच्चा हमेशा छोटा होता है। तो चलिए मां नाम के इस प्यार भरे रिश्ते को संभाल कर रख लेते हैं। इस मातृ दिवस यानी मदर्स डे (Mother’s Day) को खास बनाने के लिए अपनी मां के चेहरे पर मुस्कान ले आते हैं।

अंतरराष्ट्रीय मातृ दिवस है खास (Antarashtriya Matri Divas hai khash)

अंतरराष्ट्रीय मातृ दिवस की तारीख को लेकर यूं तो सदियों से विभिन्नता रही है। कुछ लोग किसी अन्य तारीख को मातृ दिवस के रूप में मनाते थे और कुछ लोग किसी अन्य दिन को मदर्स डे के रूप में जानते हैं। मगर फिर एक दिन जो अंतरराष्ट्रीय मातृ दिवस के रूप में दुनियाभर में स्वीकारा गया है, वो है मई महीने का दूसरा रविवार। श्रीमती एना जार्विस ने सबसे पहले मदर्स डे की स्थापना की थी। 1914 में मई के दूसरे रविवार को अंतरराष्ट्रीय मातृ दिवस के रूप में मान्यता मिली और पूरे अमेरिका के साथ-साथ बहुत से अन्य देशों में भी इसी दिन मदर्स डे मनाया जाने लगा। ऐसा कहा जाता है कि मई के दूसरे रविवार को उनकी मां की बरसी के दिन उन्होंने मातृ दिवस की नींव रखी थी। मां की बरसी उनके लिए बहुत खास दिन था, इसलिए यह दिन मातृ दिवस कहलाया। तभी से इस दिन को हर मां के नाम समर्पित किया जाता है, और उनके सम्मान में उन्हें फूल और उपहार दिए जाते हैं।

कब है मदर्स डे? (Kab hai Mother’s day?)

साल 2024 में मातृ दिवस या मदर्स डे (Mothers Day) 12 मई को मनाया जाएगा। यह दिन हर साल मई महीने के दूसरे रविवार को मनाया जाता है।

मदर्स डे पर मां ऐसे मुस्कुरायेंगी (Mothers day par Maa aise muskurayengi)

एक बच्चे की ज़िंदगी में मां की जो अहमियत होती है, उसकी कीमत इस दुनिया की महंगी से महंगी चीज़ भी नहीं चुका सकती, क्योंकि इस दुनिया में  मां के मातृत्व के बराबर कुछ भी नहीं है। यूं तो मां के प्यार और बलिदान को किसी एक दिन की तारीफ या तोहफे की ज़रूरत नहीं होती, पर जैसे सबको एक-एक दिन समर्पित किया गया है, वैसे ही मातृ दिवस पर मां की अहमियत और बलिदान को सराहा जाता है। अपनी मां के इतने सारे प्यार और अपनेपन के बदले हम उनके चेहरे पर एक प्यारी-सी मुस्कान तो ला ही सकते हैं ना। तो चलिए अपनी मां के चेहरे पर मुस्कान ले आते हैं, इस पांच तरीके के साथ।

जो मां को हो पसंद वही काम करें (Jo Maa ko ho pasand wahi kaam karein)

हम अक्सर अपनी भाग-दौड़ भरी ज़िंदगी में ये भूल जाते हैं कि कोई है जो हमारे पीछे हमारा थोड़ा-सा वक्त पाने के लिए भाग रहा है। जी हां, वो मां ही तो है। अक्सर मां हमसे महंगे तोहफे नहीं, बल्कि हमारा थोड़ा-सा वक्त चाहती हैं, वो चाहती हैं कि हम उनके पास बैठ कर उनसे बातें करें या उनकी कोई बात मान लें। हालांकि, अगर बात ऐसी है, जिसको मानने से हमारी ज़िंदगी पर कोई गहरा प्रभाव नहीं पड़ता और इसमें हमारा फायदा ही है, तो हम कभी-कभी उन्हें खुश करने के लिए उनकी बात मान सकते हैं।

मां को ले जाएं डेट पर (Maa ko le jayein date par)

‘डेट’ शब्द को हम अक्सर किसी प्रेमी जोड़े के लिए ही बना हुआ मानते हैं, पर ऐसा नहीं है। हम इस मदर्स डे पर अपनी मां को उनकी किसी पसंदीदा जगह पर ले जा सकते हैं, या उनके किसी पसंदीदा रेस्तरां में उनके साथ खाना खा सकते हैं। ऐसा करना, न केवल उन्हें खास महसूस कराएगा, बल्कि उनके चेहरे पर खुशियां लेकर आएगा।

हाथ से बने कार्ड दें (Hath se bane card dein)

एक ज़माना था, जब हम हर त्योहार पर अपने हाथों से कार्ड्स बनाकर, अपने शिक्षकों और मां-बाप को दिया करते थे। आज जब हर चीज़ डिजिटल और रेडीमेड हो गई है, तो हाथ से बनाई गई चीज़ों की अहमियत भी बहुत कम हो गई है। ऐसे में हम फिर से उन्हीं बचपन वाले दिनों को ताज़ा कर सकते हैं और अपने हाथों से अपनी मां के लिए एक प्यारा-सा कार्ड बना सकते हैं। उसमें उनके लिए अपनी भावनाएं लिख सकते हैं, जिन्हें पढ़कर, मां की खुशियों का तो कोई ठिकाना ही नहीं रहेगा।

मां से उनके सपनों की बातें करें (Maa se unke sapnon ki batein karein)

कहते हैं, “लोग जब अपने सपनों के बारे में बात करते हैं, तो और भी ज़्यादा खूबसूरत लगते हैं।” ये बात बहुत हद तक सच भी है। अपने सपनों को दूसरे के साथ बांटना किसे पसंद नहीं होता? यह तो सबको अच्छा लगता है कि कोई हमसे पूछे कि हमें क्या बनना है या क्या बनना था? हमें ज़िंदगी से क्या चाहिए? हमारे सपने क्या हैं, जिन्हें हम सच करना चाहते हैं? आप भी मेरी तरह अपनी मां से उनके सपनों और ख्वाहिशों की बातें कर सकते हैं और अपनी मां के चेहरे पर वो प्यारी-सी मुस्कान ला सकते हैं।

मां के बालों की मालिश (Maa ke baalon ki maalish)

मेरी मां जब मेरे बालों की मालिश करती हैं, तो मेरी सारी थकान और सारा तनाव खत्म हो जाता है। ऐसी ही एक मालिश तो मां को भी मिलनी चाहिए ना, ताकि उनकी भी थकान दूर हो जाए और वो अपनी सारी फिक्र

‘मां’ सिर्फ एक रिश्ता नहीं, बल्कि एक एहसास है, जो दो दिलों को एक ही तार से जोड़े रखता है। मेरा और मेरी मां का रिश्ता भी कुछ ऐसा ही है। मां अक्सर मेरी खामोशी की वजह जान लेती हैं, मेरे बिना कहे, समझ जाती हैं कि मुझे क्या चाहिए? खुद चाहे लाख थकी हुई हों, पर मुझे थका हुआ देखकर, उनमें जैसे अचानक से ताकत आ जाती है। ऐसी ही तो होती है मां। बच्चे के लिए अपनी थकान, भूख और प्यास, सब भूल जाती है। मां के होते हुए, मुझ पर कोई मुसीबत आ ही नहीं सकती, मेरी मां मेरे लिए पापा से भी लड़ जाती हैं। 

मुझे लगता है कि दुनिया की सारी मां ही ऐसी होती हैं, जब बच्चा नज़रों से थोड़ी दूर भी चला जाए, तो उसके इंतज़ार में सारी रात जगी रहती हैं। मां तो मां होती है, फिर वो एक पंछी हो या कोई अन्य जानवर, मां बनने की भावना सब में एक जैसी ही होती है। मां की कोई उम्र नहीं होती, मां तो मां होती है, और उसके लिए उसका बच्चा हमेशा छोटा होता है। तो चलिए मां नाम के इस प्यार भरे रिश्ते को संभाल कर रख लेते हैं। इस मातृ दिवस यानी मदर्स डे (Mother’s Day) को खास बनाने के लिए अपनी मां के चेहरे पर मुस्कान ले आते हैं।

अंतरराष्ट्रीय मातृ दिवस है खास (Antarashtriya Matri Divas hai khash)

अंतरराष्ट्रीय मातृ दिवस की तारीख को लेकर यूं तो सदियों से विभिन्नता रही है। कुछ लोग किसी अन्य तारीख को मातृ दिवस के रूप में मनाते थे और कुछ लोग किसी अन्य दिन को मदर्स डे के रूप में जानते हैं। मगर फिर एक दिन जो अंतरराष्ट्रीय मातृ दिवस के रूप में दुनियाभर में स्वीकारा गया है, वो है मई महीने का दूसरा रविवार। श्रीमती एना जार्विस ने सबसे पहले मदर्स डे की स्थापना की थी। 1914 में मई के दूसरे रविवार को अंतरराष्ट्रीय मातृ दिवस के रूप में मान्यता मिली और पूरे अमेरिका के साथ-साथ बहुत से अन्य देशों में भी इसी दिन मदर्स डे मनाया जाने लगा। ऐसा कहा जाता है कि मई के दूसरे रविवार को उनकी मां की बरसी के दिन उन्होंने मातृ दिवस की नींव रखी थी। मां की बरसी उनके लिए बहुत खास दिन था, इसलिए यह दिन मातृ दिवस कहलाया। तभी से इस दिन को हर मां के नाम समर्पित किया जाता है, और उनके सम्मान में उन्हें फूल और उपहार दिए जाते हैं।

कब है मदर्स डे? (Kab hai Mother’s day?)

साल 2024 में मातृ दिवस या मदर्स डे (Mothers Day) 12 मई को मनाया जाएगा। यह दिन हर साल मई महीने के दूसरे रविवार को मनाया जाता है। 

जो मां को हो पसंद वही काम करें (Jo Maa ko ho pasand wahi kaam karein)

हम अक्सर अपनी भाग-दौड़ भरी ज़िंदगी में ये भूल जाते हैं कि कोई है जो हमारे पीछे हमारा थोड़ा-सा वक्त पाने के लिए भाग रहा है। जी हां, वो मां ही तो है। अक्सर मां हमसे महंगे तोहफे नहीं, बल्कि हमारा थोड़ा-सा वक्त चाहती हैं, वो चाहती हैं कि हम उनके पास बैठ कर उनसे बातें करें या उनकी कोई बात मान लें। हालांकि, अगर बात ऐसी है, जिसको मानने से हमारी ज़िंदगी पर कोई गहरा प्रभाव नहीं पड़ता और इसमें हमारा फायदा ही है, तो हम कभी-कभी उन्हें खुश करने के लिए उनकी बात मान सकते हैं।

मां को ले जाएं डेट पर (Maa ko le jayein date par)

‘डेट’ शब्द को हम अक्सर किसी प्रेमी जोड़े के लिए ही बना हुआ मानते हैं, पर ऐसा नहीं है। हम इस मदर्स डे पर अपनी मां को उनकी किसी पसंदीदा जगह पर ले जा सकते हैं, या उनके किसी पसंदीदा रेस्तरां में उनके साथ खाना खा सकते हैं। ऐसा करना, न केवल उन्हें खास महसूस कराएगा, बल्कि उनके चेहरे पर खुशियां लेकर आएगा। 

हाथ से बने कार्ड दें (Hath se bane card dein)

एक ज़माना था, जब हम हर त्योहार पर अपने हाथों से कार्ड्स बनाकर, अपने शिक्षकों और मां-बाप को दिया करते थे। आज जब हर चीज़ डिजिटल और रेडीमेड हो गई है, तो हाथ से बनाई गई चीज़ों की अहमियत भी बहुत कम हो गई है। ऐसे में हम फिर से उन्हीं बचपन वाले दिनों को ताज़ा कर सकते हैं और अपने हाथों से अपनी मां के लिए एक प्यारा-सा कार्ड बना सकते हैं। उसमें उनके लिए अपनी भावनाएं लिख सकते हैं, जिन्हें पढ़कर, मां की खुशियों का तो कोई ठिकाना ही नहीं रहेगा।

मां से उनके सपनों की बातें करें (Maa se unke sapnon ki batein karein)

कहते हैं, “लोग जब अपने सपनों के बारे में बात करते हैं, तो और भी ज़्यादा खूबसूरत लगते हैं।” ये बात बहुत हद तक सच भी है। अपने सपनों को दूसरे के साथ बांटना किसे पसंद नहीं होता? यह तो सबको अच्छा लगता है कि कोई हमसे पूछे कि हमें क्या बनना है या क्या बनना था? हमें ज़िंदगी से क्या चाहिए? हमारे सपने क्या हैं, जिन्हें हम सच करना चाहते हैं? आप भी मेरी तरह अपनी मां से उनके सपनों और ख्वाहिशों की बातें कर सकते हैं और अपनी मां के चेहरे पर वो प्यारी-सी मुस्कान ला सकते हैं। 

मां के बालों की मालिश 

मेरी मां जब मेरे बालों की मालिश करती हैं, तो मेरी सारी थकान और सारा तनाव खत्म हो जाता है। ऐसी ही एक मालिश तो मां को भी मिलनी चाहिए ना, ताकि उनकी भी थकान दूर हो जाए और वो अपनी सारी फिक्र और चिंता से मुक्त हो  सकें। तो चलिए फिर मां को एक प्यारी-सी चम्पी देकर इस मदर्स से पर खुश किया जाए।

आपको मेरे बताए सुझाव अच्छे लगे, तो कमेंट करके ज़रूर बताइए और ऐसे ही और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए सोलवेदा हिंदी से जुड़े रहें।

सकें। तो चलिए फिर मां को एक प्यारी-सी चम्पी देकर इस मदर्स से पर खुश किया जाए।

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