कितनी ज़रूरी है कार्य संतुष्टि

कितनी ज़रूरी है कार्य संतुष्टि, समझें इसके महत्व को

आज कॉरपोरेट की दुनिया का एक अहम और पावरफुल हिस्सा बने रहने के लिए आपके पास प्रेरणा शक्ति और जुनून का होना बहुत ज़रूरी है। अगर आपमें इन दो चीज़ों की कमी है तो आप अपने कार्यस्थल पर भी लंबे समय तक नहीं टिक पाएंगे।

कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद हम सबकी ख्वाहिश रहती है कि हमें कोई बेहतर नौकरी मिल जाए, जहां काम करने का माहौल काफी अच्छा हो और अच्छी सैलरी भी मिले। साथ ही नए कार्य से आपको संतुष्टि भी मिले। करियर की शुरुआत में गजब का उत्साह भी रहता है और हम पूरी शिद्दत के साथ काम करने के लिए भी तैयार रहते हैं। लेकिन, जैसे-जैसे हम अपनी नौकरी में आगे बढ़ते चले जाते हैं, वैसे-वैसे काम से जुड़ी चुनौतियां भी बढ़ जाती हैं। इस स्थिति में अधिकतर लोग अपने काम से संतुष्ट नहीं होते हैं।

अच्छी सैलरी और पद के बावजूद मन में असंतोष पैदा हो जाता और कार्य संतुष्टि न होने के चलते कई बार लोग अपने फील्ड को बदलने के बारे में भी सोचते हैं। लेकिन, यह भी सच्चाई है कि हर क्षेत्र की अपनी-अपनी चुनौतियां होती हैं और ऐसे में नौकरी बदलना कोई समाधान नहीं है। सोलवेदा के इस आर्टिकल में जानें आखिर क्यों ज़रूरी है कार्य संतुष्टि और इसका क्या महत्व है। साथ ही वे कौन-सी वजहें हैं, जिनसे हमारी कार्य संतुष्टि यानी जॉब सैटिस्फैक्शन प्रभावित होती है।

आज कॉरपोरेट की दुनिया का एक अहम और पावरफुल हिस्सा बने रहने के लिए आपके पास प्रेरणा शक्ति और जुनून का होना बहुत ज़रूरी है। अगर आपमें इन दो चीज़ों की कमी है तो आप अपने कार्यस्थल पर भी लंबे समय तक नहीं टिक पाएंगे। यही वजह है कि कई लोग काबिल होने के बाद भी करियर के मोर्चे पर इसलिए सफल नहीं हो पाते, क्योंकि उन्हें काम से संतुष्टि नहीं मिलती है। अगर आप अपनी मौजूदा नौकरी के सभी पहलुओं से संतुष्ट और खुश हैं, तो आपके काम में भी क्वालिटी देखने को मिलेगी।

कार्य संतुष्टि के प्रमुख फायदे (Karye santushti ke pramukh fayde)

बेहतर उत्पादकता

जब कोई कर्मचारी अपनी नौकरी से संतुष्ट होता है, तो वह अपने काम पर अधिक ध्यान देता है। साथ ही वह अपना सर्वश्रेष्ठ देने का प्रयास करता है। ऐसे कर्मचारियों में समर्पण की भावना पैदा होती है, जो उन्हें बदलाव लाने और कंपनी के उद्देश्यों को हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित करती है।

बेहतर टर्नओवर

जिन कंपनियों के कर्मचारी अपने कार्य से संतुष्ट और खुश होते हैं, ऐसे कर्मियों द्वारा अपनी मौजूदा नौकरी छोड़ने की संभावना बहुत कम होती है। कार्यस्थल पर वे जितना ज़्यादा संतुष्ट महसूस करते हैं, अपनी नौकरी, सहकर्मियों और कंपनी के प्रति उनका लगाव उतना ही मजबूत होता है। जब कोई कंपनी अपने कर्मचारियों की भावनाओं को महत्व देती है और उनकी समस्याओं को सुनती है और उनकी संतुष्टि बढ़ाने का प्रयास करती है, तो वे उस कंपनी के साथ हमेशा बने रहना चाहते हैं।

कंपनी के प्रति वफादार

कार्य संतुष्टि मिलने से, कर्मचारी के मन में कंपनी के प्रति वफादारी का भावना पैदा होती है। जिन कर्मचारियों को लगता है कि उनकी नौकरी काफी संतोषजनक है और कंपनी के लोग उन्हें अहमियत देते हैं, वे कंपनी के लक्ष्यों का पूरा समर्थन करते हैं। अक्सर वफादार कर्मचारी अपनी कंपनी की खूब तारीफ करते हैं, जिससे कंपनी की इमेज अच्छी बनती है और फिर नए टैलेंट्स भी उस कंपनी के साथ जुड़ते हैं।

कार्य संतुष्टि प्रभावित होने के कारण (Job satisfaction prabhavit hone ke karan)

आपके साथ काम करने वाले लोगों का व्यवहार

कार्यस्थल पर आपके साथ काम करने वाले लोग भी आपकी कार्य संतुष्टि को प्रभावित करते हैं। आप जहां भी काम करते हैं, वहां दो तरह के लोग देखने को मिलेंगे। एक जो काफी मिलनसार होते हैं, जो अपनी क्षमताओं से बखूबी जानते हैं और ज़रूरत के समय मदद करने के लिए तैयार रहते हैं। ऐसे लोगों के साथ काम करना न सिर्फ आसान बल्कि मजेदार भी होता है। ऑफिस में ऐसे लोग सिर्फ सहकर्मी नहीं रह जाते बल्कि परिवार जैसे लगने लगते हैं। वहीं, दूसरी तरफ कुछ जगहों पर ऐसे भी लोग होते हैं, जो इतने असुरक्षित होते हैं कि वे आगे बढ़ने के लिए किसी का भी नुकसान कर सकते हैं। इस तरह के नकारात्मक लोगों के साथ काम करना काफी मुश्किल होता है।

बॉस और उनके काम का तरीका

ऑफिस में आपकी कार्य संतुष्टि को प्रभावित करने में आपके बॉस और उनकी कार्यशैली भी बड़ी भूमिका निभाती है। अगर आपके बॉस ऐसे इंसान हैं, जिनके साथ आप खुलकर अपने मन की बात कर सकते हैं और वो आपकी हर समस्या को सुनते हैं, तो आप बड़े भाग्यशाली हैं। ऐसे लोगों के साथ काम करना वाकई सुखद होता है। वहीं, दूसरी तरफ अगर आपका बॉस ऐसा व्यक्ति है, जो आपके मुसीबत के समय में आपके साथ रहने को तैयार नहीं है, तो उसके साथ काम करना बहुत मुश्किल होता है। इसका असर आपकी कार्यसंतुष्टि पर भी पड़ेगा। इसके अलावा, आप जिन लोगों के साथ काम करते हैं, उनके काम करने का तरीका भी आपकी कार्य संतुष्टि को प्रभावित करता है।

आपके ऑफिस का माहौल

कई ऐसी कंपनियां हैं, जहां ऑफिस में माहौल काफी अच्छा होता है। ऐसी कंपनियों का मानना होता है कि अगर माहौल काम करने के लिए अनुकूल नहीं है, तो कर्मचारी अच्छा परफॉर्म नहीं कर पाएंगे। वहीं, दूसरी तरफ कई ऑफिस में अधिक पॉलिटिक्स और नकारात्मक माहौल के कारण कर्मचारी काम पर ध्यान लगा ही नहीं पाते। ऐसी कंपनियां न खुद आगे बढ़ पाती हैं और न ही दूसरों को आगे बढ़ने देती हैं। इसीलिए कर्मचारियों को ऑफिस में सुरक्षित महसूस कराना चाहिए। अगर ऑफिस में सुरक्षित और खुशनुमा माहौल नहीं मिलेगा, तो कर्मचारियों को कभी भी कार्य से संतुष्टि नहीं मिलेगी।

काम के बदले मिलने वाली सैलरी

हम सभी की चाहत होती है कि हमें काम के बदले बेहतर सैलरी मिले, ताकि हम खुद भी खुश रहें और अपने परिवार की ज़रूरतों को भी पूरा कर सकें। आज कल पैसे की अहमियत कितनी है, हम सभी इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हैं। अगर आपके पास पैसा नहीं है, तो जीवन चलाना ही एक चुनौती है। आपकी कार्य संतुष्टि को प्रभावित करने वाला एक प्रमुख कारक, सैलरी भी है।

ऐसे कर्मचारी, जिन्हें लगता है कि उनसे बहुत अधिक काम लिया जाता है, फिर भी उन्हें कम वेतन मिलता है। वे कभी भी कंपनी के लिए दिल से मेहनत नहीं कर पाएंगें। अच्छी कंपनियां अपने कर्मचारियों को काफी अहमियत देती हैं और वे अपने कर्मचारियों को कभी इस तरह महसूस नहीं होने देंगी। वे इस बात का ख्याल रखती हैं कि उनके कर्मचारी खुश रहें और उनको कार्य से संतुष्टि भी मिले।

आपको ऑफिस से मिलने वाली सुविधाएं

कई ऐसी कंपनियां हैं, जो अपने कर्मियों को मोटी सैलरी नहीं दे रही हैं, मगर वे उन्हें संतुष्ट रखने के लिए पर्याप्त सुविधाएं और लाभ देकर इसकी कमी को पूरा करती हैं। कर्मचारियों की कार्यसंतुष्टि को प्रभावित करने में इस बात का अहम रोल है। लोगों को इस बात का एहसास नहीं है कि यहां-वहां छोटी-छोटी सुविधाएं भी बहुत मायने रखती हैं। इससे कर्मियों को पता चलता है कि कंपनी उनका ख्याल रखती है। छोटी-छोटी सुविधाएं मिलने से कर्मचारी भी अपना बेस्ट देने के लिए तैयार रहते हैं।

ऑफिस में काम का दबाव

अगर किसी ऑफिस में काम का दबाव अधिक होता है, तो वहां के कर्मचारियों का न सिर्फ जुनून फीका पड़ जाता है बल्कि कर्मचारियों की नौकरी से संतुष्टि भी कम हो जाती है। आपके ऊपर अधिक काम का दबाव, सीधे तौर पर आपकी कार्य संतुष्टि को प्रभावित करता है। इसलिए अच्छी कंपनियां इस बात का हमेशा ख्याल रखती हैं कि जबरन किसी कर्मचारी पर काम का अधिक बोझ न डाला जाए।

इस आर्टिकल में हमने बताने का प्रयास किया कि कार्य संतुष्टि क्या है और यह क्यों ज़रूरी है। इसी तरह के और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए सोलवेदा हिंदी पर बनें रहें।

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