किसी भी व्यक्ति के जीवन में गुस्सा सबसे बर्बाद करने वाला विचार होता है। अगर गुस्से पर जल्द काबू नहीं पाएंगे, तो यह हमारी ज़िंदगी में तबाही का सबब बन सकता है। आमतौर पर काफी दिनों से हमारे अंदर दबे हुए कुछ अनियंत्रित आवेश कभी-कभार गुस्से के रूप से बाहर आ जाते हैं। ये आवेश आपकी निजी ज़िंदगी और आपके करीबी व प्रिय लोगों की मानसिक शांति और खुशी को तहस-नहस कर सकता है। नाराज़गी का कुछ हद तक गुस्से से नज़दीकी संबंध होता है। लेकिन यह काफी उलझा हुआ और बहुआयामी विचार है। नाराज़गी का भाव अक्सर जीवन में कुछ दर्द भरे अनुभव के बाद आता है। वे कुछ हद तक सच हो सकते हैं या कुछ मनगढ़ंत भी हो सकते हैं। जैसे- अन्याय, बुरा बर्ताव और किसी की भावना से खेलकर अनुचित लाभ उठा लेना। ये नकारात्मक विचार हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए एक तरह से अभिशाप होते हैं।
आधुनिक मनोविज्ञान विशेषज्ञ गुस्से को शारीरिक और भावनात्मक पीड़ा की एक स्वभाविक व खुद से संचालित होने वाली प्रतिक्रिया के रूप में देखते हैं। एंगर एक्सपर्ट साइकोलॉजिस्ट और अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन के फेलो हॉवर्ड कैसिनोव का मानना है कि गुस्से का संबंध दो लोगों के बीच आपसी विवाद का नतीजा होता है। यह किसी दूसरे व्यक्ति के प्रति नकारात्मक मूल्यांकन करने, तबीयत ठीक नहीं होने, संपत्ति का नुकसान, कारोबार में खराब प्रबंधन, नामुनासिब जोखिम लेने, हादसे व अनचाहे शौक को पूरा करने के दौरान होने वाले नुकसान से आपसी टकराव के कारण हो सकता है। अगर आप नियमित रूप से गुस्से के मूड में रहते हैं, तो इससे हृदय संबंधी रोग, हाई ब्लड प्रेशर, अनिद्रा और पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याओं का भी खतरा बढ़ सकता है।
नाराज़गी एक तरह से मानसिक प्रक्रिया होती है, जिसमें हम बीती हुई बातों को दोबारा याद करते हैं और उसी में खोए रहते हैं। विशेष रूप से ऐसा विवाद जिनका हमने कभी समाधान करने की कोशिश ही नहीं की। बाद में यही पुराना विवाद हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को काफी नुकसान पहुंचा सकता है। साइकोथेरापिस्ट एंजेला बटिमर का मानना है कि जब हम विद्वेष और गुस्से को पकड़कर रखते हैं, तो यह एक तरह से जहर पीने जैसा है। इससे हम दूसरे व्यक्ति को रोगी बनने की ही उम्मीद कर सकते हैं। वे आगे कहती हैं कि तनाव की स्थिति गंभीर होने पर आपके शरीर का पूरा सिस्टम बिगड़ सकता है। साथ ही आपकी बॉडी में सूजन और हार्मोन कोर्टिसोल की मात्रा बढ़ सकती है।
गुस्सा और रोष हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी नुकसानदायक हो सकते हैं। क्या गुस्सा कम करने का तरीका (Way to reduce Anger) है, जिससे कि हम गुस्सा और रोष जैसे नकारात्मक विचारों पर काबू पा सकें? इसका सबसे बेहतरीन उपाय है कि जीवन को किसी प्रकार के जोखिम में डालने से पहले इन नकारात्मक विचारों को अपने जीवन से पूरी तरह निकाल दें। जानें गुस्सा कम करने का तरीका, ताकि गुस्सा, नाराज़गी और नकारात्मक विचारों को दूर करने में हम आपकी मदद कर सकें व आप तनावमुक्त ज़िंदगी (Stress free life) जी सकें।
अपने आवेश को नियंत्रित रखें (Apne aawesh ko niyantrit rakhen)
आप जब भी गुस्से में होते हैं, तो क्या आप अपने आवेश को स्वीकार करते हैं या उन्हें अपने अंदर ही दबा लेते हैं?। गुस्सा, नाराज़गी और दुख पहुंचाने वाली भावनाओं के नुकसान को स्वीकार करना अत्यंत मुश्किल काम लग सकता है। अगर इनकी उपेक्षा करेंगे, तो भी आपको कोई मदद मिलने वाली नहीं है। आप अगर इन समस्याओं का हल निकाले बिना ऐसे ही छोड़ देते हैं, तो आगे चलकर ये आपको और अधिक नुकसान पहुंचा सकता है। गुस्सा कम करने का तरीका है कि आप इसे अस्वीकार करने की बजाय स्वीकार कर लें। कुछ विशेष परिस्थितियों में जैसे- विपरीत हालात वाले ऑफिस की मीटिंग या खचाखच यात्रियों से भरी बस में यात्रा करने के दौरान आप नाराज़ हो सकते हैं। लेकिन ऐसी स्थिति में अपने आवेश को नियंत्रित रखने के लिए खुद को समझाने का प्रयास करें। इसे इनकार करने की बजाय स्वीकार करें कि आप गुस्से की स्थिति में आ रहे हैं। इसलिए गुस्सा दिलाने वाले कारणों के बारे में खुद ही विचार करें। एक बार जब आप गुस्सा दिलाने वाली वजहों को पहचान लेंगे, तो आने वाले समय में गुस्सा कम करने का तरीका सीख जाएंगे।
माफ करने की आदत बनाएं (Maaf karne ki aadat banayen)
हम सभी कभी-न-कभी उस स्थिति से ज़रूर गुजरे होंगे, जब किसी की हरकत चाहे वह मौखिक हो या शारीरिक, उसकी वजह से बुरा लगा हो। साथ ही इससे हमारी भावनाएं भी आहत हुई होंगी। इस तरह के अनुभव हमारे अंदर निरंतर नाराज़गी, घृणा व गुस्सा का भाव उत्पन्न करते हैं। फिर भी हमेशा किसी के प्रति ईष्या भाव रखने से कोई समाधान नहीं निकलने वाला है। बल्कि यह हमारे अंदर हमेशा के लिए भ्रम और दुख पैदा कर सकता है। भले ही पहली बार आपको थोड़ा मुश्किल लग सकता है, लेकिन माफी, नाराज़गी और क्रोध की भावनाओं को दूर करने का सबसे कारगर उपाय हो सकता है। ये बात सच है कि ऐसी हरकत जो आपको अंदर से आहत करती हैं, वो हमेशा आपके साथ रहती हैं। लेकिन माफी आपको उन आपसी वैमनस्य और कड़वे अनुभवों से मुक्त कर सकती है। जो कहीं-न-कहीं आपके मन-मस्तिष्क से चिपकी हुई है। यह उपाय गुस्सा कम करने का तरीका है। ऐसे लोग जो आपको आहत करते हैं, उनके प्रति हमदर्दी और संवेदना जताकर आप नाराज़गी को बखूबी दूर कर सकते हैं। इससे आपके मन को भी काफी शांति मिलेगी।
योगाभ्यास करें या मंत्रों का जाप करें (Yogabhyas karen ya mantron ka jap karen)
गुस्सा कम करने का तरीका योगाभ्यास या ध्यान भी हो सकता है। योग के कुछ तकनीक जैसे- माइंडफुलनेस मेडिटेशन का अभ्यास कर आप अपने आवेश को पूरी तरह नियंत्रित रख सकते हैं। बौद्ध ध्यान के आचार्य थिच नट हान ने अपनी पुस्तक ‘टीचिंग ऑन लव’ में इस बात का जिक्र किया है कि सांस लेते हुए महसूस करें.. मुझे मालूम है कि मैं गुस्से में हूं। अब सांस छोड़ते हुए महसूस करें… मुझे पता है कि गुस्सा मेरे अंदर ही है। इन शब्दों को आप अपने अंदर महसूस करके गुस्से के भाव को स्वीकार करते हैं और उसके कारकों तक पहुंचने की कोशिश करते हैं। गुस्सा कम करने का तरीका अपनाने के लिए आप नियमित रूप से ‘ओम’ जैसे मंत्रों को सुन या जाप कर सकते हैं। वर्ष 2016 में ऑस्ट्रेलिया की मैक्वेरी यूनिवर्सिटी की ओर से किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि 10 मिनट के लिए आध्यात्मिक शब्दांशों का जाप करने से आपको तनाव, डिप्रेशन के लक्षणों, एंजाइटी को कम करने में मदद मिल सकती है। यह गुस्सा कम करने का तरीका है, जिससे आपका मन हल्का होगा। साथ ही आप पॉजिटिव हो जाएंगे।
ब्रेक लें (Break len)
आपको अपने जीवन में कभी-कभार किसी से अनावश्यक बहस और तर्क-वितर्क से अस्वस्थ परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। यह आपके नियंत्रण से बाहर की बात है। ऐसी स्थिति में थोड़ा ब्रेक लें और इन बातों से दूरी बनाने की कोशिश करें। आग में घी डालने की बजाय बेहतर है कि आप ऐसे माहौल बनाने की कोशिश करें, जहां शांति और संयम कायम हो सके। जब लोग शांत और संयमित होंगे, तो एक सौहार्दपूर्ण नतीजे तक पहुंचना कहीं ज्यादा आसान हो जाता है। इसलिए जब कभी ऐसी स्थिति आए, तो आप खुद को और दूसरों को सोचने-समझने के लिए थोड़ा समय दें, जिसकी वजह से आपसी टकराव पैदा हुई है। ब्रेक के बाद जब वापस लौटेंगे, तो आप पहले से अधिक सुकून और शांति महसूस करेंगे। ये गुस्सा कम करने का एक अनोखा तरीका है।
गहरी सांस लें (Gahri sans len)
आप जब भी नाराज़ हों, तो गुस्सा कम करने के तरीके में से ब्रीथिंग टेक्निक्स काफी आसान और तुरंत राहत देने वाली हो सकती हैं। आप गुस्से में होते हैं, तो आप महसूस करेंगे कि आपके हृदय और सांस लेने की गति बढ़ जाती है। यूरोपियन हार्ट जर्नल द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार जिन लोगों ने कम गुस्सा किया, उनकी अपेक्षा ज्यादा गुस्सा करने वालों में हार्ट अटैक का खतरा लगभग 5 गुना और स्ट्रोक का 3 गुना बढ़ जाता है। ऐसे में धीरे-धीरे सांस लेना और छोड़ना सीखकर आप अपने गुस्से को पूरी तरह कंट्रोल कर सकते हैं। साथ ही अपनी हृदय गति को कम कर सकते हैं। गुस्सा कम करने का तरीका यह भी है कि अपनी नाक से धीरे-धीरे और गहरी सांस लें और मुंह से धीरे-धीरे सांस छोड़ें। इसका असर देखने के लिए आप नियमित रूप से कम से कम 10-15 मिनट तक इस तकनीक का अभ्यास करें।