उत्पादकता में सुधार

काम में थोड़ा आराम है ज़रूरी: उत्पादकता सुधारने के लिए लें ब्रेक

आप जब काम से सही तरीके से ब्रेक लेते हैं, तो इससे अपने फोकस, उत्पादकता और स्वास्थ्य में व्यापक बदलाव ला सकते हैं।

जब आपकी थाली बहुत भरी हुई होती है, तो काम से ब्रेक लेने का ख्याल मूर्खतापूर्ण लग सकता है। लेकिन कई घंटों तक लगातार काम करने से आपका दिमाग पूरी तरह थक सकता है। इसका नतीजा यह होगा कि आपका दिमाग फोकस करना बंद कर देगा। इसका असर आपके काम पर भी पड़ने लगेगा। आप बार-बार गलतियां करने लगेंगे। गलत फैसले लेना शुरू कर देंगे, जो आप सामान्य तौर नहीं करते हैं। अगर आप इसे अपनी रोज़मर्रा की आदत बना लेंगे, तो यह आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करने लगेगा।

इसलिए आपको थोड़े-थोड़े अंतराल पर अपने काम से ब्रेक लेने की भी ज़रूरत है। ब्रेक आपके काम और शारीरिक गतिविधियों के बीच का एक छोटा-सा ठहराव होता है। इसे एक मेंटल डाउनटाइम के रूप में सोचें। यह एक ऐसा समय होता है, जब आप किसी भी तरह के काम के बोझ से पूरी तरह निफिक्र रहते हैं। जब आप अपने दिमाग को थोड़ा आराम देते हैं, तो उसे फिर से सक्रिय होने का समय मिल जाता है। इसके बाद फोकस, क्रिएटिविटी और आपकी उत्पादकता में सुधार (Productivity Improvement) आता है। इसका मतलब है कि आप बिना ब्रेक लिए जिन कामों को पूरा कर सकते थे, आराम करने के बाद उससे कहीं ज्यादा करने के लिए खुद को तैयार कर चुके होते हैं। इससे आपकी उत्पादकता में सुधार होता है।

अगर आप किसी काम पर फोकस नहीं कर पा रहे हैं। तय समय में उसे पूरा नहीं कर पा रहे हैं, तो ऐसे में अपने काम से ब्रेक लेने के तरीके या उसकी कमी को देखें। ब्रेक के दौरान आप जो करते हैं, वह उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना कि ब्रेक लेना। यदि आप अपने ब्रेक का इस्तेमाल सही ढंग से करते हैं, तो आप फोकस और उत्पादकता में सुधार के साथ-साथ स्वास्थ्य की अच्छी देखभाल कर सकते हैं।

जानें काम के दौरान मिलने वाले ब्रेक के सही इस्तेमाल के कुछ तरीकों और उससे होने वाले फायदों के बारें में।

अपने डेली प्लान में ब्रेक के लिए समय तय करें (Apne daily plan main break ke liye samay tay karen)

डेली का प्लान बनाते वक्त ब्रेक के लिए अलग से समय तय करना बेहद ज़रूरी है। पूरे दिन के समय में 10 से 15 मिनट ब्रेक के लिए अवश्य निकालें। इससे कम समय में अधिक काम पूरा करने में काफी मदद मिल सकती है। ब्रेक लेने से न सिर्फ आपको फोकस और क्रिएटिविटी में मदद मिलेगी, बल्कि इससे बर्नआउट को भी रोक सकते हैं। साथ ही इससे उत्पादकता में भी सुधार होगा। ‘द 4-आवर वर्कवीक’ पुस्तक के लेखक टिम फेरिस का मानना है कि ‘लंबे समय तक जीवन जीने के लिए थोड़े-थोड़े अंतराल पर की जाने वाली गतिविधियां और आराम काफी फायदेमंद साबित हो सकती है।’ इसे खुद-ब-खुद विकसित होने दें। जीवन में कैपिसिटी, इच्छाएं और मानसिक सहनशक्ति मोम की तरह खत्म हो जाती है। इसलिए इन बातों को ध्यान में रखकर ही अपना कोई भी प्लान बनाएं। अगली बार जब भी आप कोई प्लान बना रहे हों, तो कुछ समय अपने ब्रेक के लिए भी ज़रूर निकालें। इससे आपकी उत्पादकता में सुधार होगा।

पोषण से भरपूर खाना खाएं (Poshan se bharpur khana khayen)

अक्सर देखते हैं कि जब किसी इंसान को अपने काम से थोड़ी देर के लिए ब्रेक मिलता है, तो वह पौष्टिक खाना खाने की बजाय कॉफी स्टॉल की ओर चल पड़ता है। ब्रेक का समय खत्म होते-होते अपनी बॉडी को बूस्ट करने के लिए काफी मात्रा में कैफिन ले चुका होता है। वह सोचता है कि कॉफी पीने से फ्रेश महूसस करेगा, लेकिन ऐसा होता नहीं है। हां, इसकी संभावना ज़रूर है कि दिमागी रूप से थके रहने के कारण कोई गड़बड़ी कर बैठेगा। अगर आप ब्रेक के बाद फ्रेश और खुद की उत्पादकता में सुधार लाना चाहते हैं, तो अपने पास हेल्दी स्नैक्स जैसे- फ्रूट्स, नट्स, ग्रीन जूस और प्रोटीन बार रखें। इन चीज़ों का ही सेवन करें। इससे आपकी बॉडी को काफी एनर्जी मिलेगी और आपका दिमाग भी चुस्त-दुरुस्त रहेगा। जो कि आपकी उत्पादकता में सुधार लाएगा।

बाहर टहलने के लिए जाएं (Bahar tahalne ke liye jayen)

ऑफिस में पूरे दिन कुर्सी पर बैठे-बैठे कोई भी इंसान काफी थक जाता है। यह काम करने की आपकी क्षमता को भी प्रभावित कर सकता है। एक अध्ययन के अनुसार, प्रकृति के बीच थोड़ा समय बिताकर और बाहर टहलकर आप अपने दिमाग को आराम पहुंचा सकते हैं। इससे मानसिक थकान को कम करने में भी मदद मिल सकती है। प्राकृतिक माहौल में रहने से आपके मन को भी काफी सुकून मिल सकता है। ऐसे लोग अपने काम में बेहतर प्रदर्शन कर उत्पादकता में सुधार ला सकते हैं। इसलिए अगली बार जब आप ब्रेक लें, तो बाहर जाएं और ताज़ी हवा का खूब आनंद लें। अगर आपके पास बाहर टहलने के लिए समय नहीं है, फिर भी आपको को पछताने की ज़रूरत नहीं है। आप ऑफिस से ब्रेक मिलने के बाद अपना दोपहर का भोजन पास के किसी पार्क या हरे-भरे स्थान पर कर सकते हैं। ब्रेक के दौरान बाहर समय बिताने से तनाव कम कम होता है और आपकी उत्पादकता में सुधार आता है। इससे सुखद अनुभूति महसूस होती है। जो उत्पादकता में सुधार के लिए ज़रूरी है।

किसी किसी तरह का एक्सरसाइज ज़रूर करें (Kisi na kisi tarah ka exercise jarur karen)

अपने काम से ब्रेक मिलने के बाद खुद को तरोताज़ा महसूस कराने का एक और बेहतर तरीका है कि आप किसी न किसी तरह की गतिविधि में हिस्सा जरूर लें। नियमित रूप से एक्सरसाइज करके आप अपने काम के तरीके को और बेहतर बना सकते हैं। इसका आपके स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक बदलाव देखने को मिल सकता है। एक अध्ययन से पता चला है कि किसी कंपनी के 200 से अधिक कर्मचारियों को ऑफिस में मौजूद जिम में एक्सरसाइज करने की अनुमति दी गई, तो वे अपने दूसरे सहयोगियों की अपेक्षा बहुत ही एक्टिव और काम करने के मामले में बेहतर थे। अगर आप जिम नहीं जा सकते हैं या कोई एक्सरसाइज नहीं करते हैं, तो आप ब्रेक के दौरान थोड़ी देर टहलकर, लिफ्ट की बजाय सीढ़ियों का इस्तेमाल करके, मोबाइल पर बात करते-करते पैदल चलकर अपने स्वास्थ्य की देखभाल कर सकते हैं। इससे आपके फोकस और काम करने की क्षमता में काफी सकारात्मक बदलाव दिखेगा। आप किसी भी स्तर के तनाव को आसानी से सामना कर पाएंगे। इसके अलावा आगे आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए ऊर्जा हासिल कर सकते हैं, जिससे आपकी उत्पादकता में सुधार होगा।

मोबाइल का इस्तेमाल कम करें (Mobile ka istemal kam karen)

जब भी आपको काम से कुछ समय के लिए ब्रेक मिले। मोबाइल और कंप्यूटर स्क्रीन से दूर रहने की कोशिश करें। इस दौरान आप सोशल मीडिया और ईमेल चेक करने की आदतों पर थोड़ी देर के लिए विराम लगा दें और दिमाग को आराम दें। अगर आप सोशल मीडिया जैसे डिस्ट्रैक्शन से खुद दूरी नहीं बनाएंगे, तो आप तनावग्रस्त और भटकाव की स्थिति में पहुंच जाएंगे। इससे आपकी उत्पादकता भी काफी प्रभावित होगी। अगर आप बिना किसी व्यवधान के खुद को रिचार्ज करने के लिए समय निकाल लेते हैं, तो आपका दिमाग भी व्यवस्थित हो जाएगा। इस तरह फोकस होकर अपने काम को पूरा कर सकेंगे। इससे आपकी उत्पादकता में सुधार होगा।

अपने दिमाग को थोड़ा आराम दें (Apne dimag ko thoda aaram den)

अपने ब्रेक का बेहतर ढंग से उपयोग करने का एक और प्रभावी तरीका यह है कि आप उस समय आराम से बैठ जाएं और कोई काम न करें। कई अध्ययनों से पता चला है कि दिन में आंखें बंद कर थोड़ी देर के लिए चुपचाप चिंतन-मनन करके या ज़ोनिंग आउट करके अपने दिमाग को इधर-उधर भटकने से रोका जा सकता है। यह एक तरह से योगासन जितना फायदेमंद है। इसके अलावा आप खाली समय में मनपसंद म्यूजिक सुन सकते हैं या ब्रीथिंग एक्सरसाइज कर सकते हैं। यह आपके सोचने की प्रक्रिया और क्रिएटिविटी की क्षमता बढ़ाने के साथ उत्पादकता में सुधार ला सकता है।

X

आनंदमय और स्वस्थ जीवन आपसे कुछ ही क्लिक्स दूर है

सकारात्मकता, सुखी जीवन और प्रेरणा के अपने दैनिक फीड के लिए सदस्यता लें।