अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस: शिक्षा का महत्व दुनिया में है सबसे ऊपर

शिक्षा और शिक्षित होने के संदर्भ में बहुत से महान लोग सम य-समय पर अपने विचारों से आम लोगों को शिक्षा की खूबियां और ज़रूरत के बारे में बताते रहे हैं। शिक्षा एक आम नागरिक को खास बनाने का काम करती है।

“शिक्षित बनो, संगठित रहो, संघर्ष करो”

संविधान के निर्माता डॉ बी.आर अंबेडकर जी के इस नारे में उन्होंने आम नागरिकों को पढ़-लिख कर शिक्षित बनने के लिए कहा है।“शिक्षा से ही एक इंसान महान नागरिक बनता है और देश और दुनिया को ऐसे महान नागरिकों की ज़रूरत है।” ये विचार हैं पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के। शिक्षा और शिक्षित होने के संदर्भ में बहुत से महान लोग समय-समय पर अपने विचारों से आम लोगों को शिक्षा की खूबियां और ज़रूरत के बारे में बताते रहे हैं। शिक्षा एक आम नागरिक को खास बनाने का काम करती है। सही शिक्षा मिलना सभी वर्ग के लिए बहुत ज़रूरी है। शिक्षा गरीबी और अमीरी, जात-पात और धर्मों का भेद नहीं करती। दुनिया का हर नागरिक समान शिक्षा का अधिकार रखता है। शिक्षा लैंगिक समानता के महत्व को समझने के लिए सभी का शिक्षित होना बहुत ज़रूरी है।

पढ़-लिख कर काबिल बनने से ही देश में फैली गरीबी को दूर किया जा सकता है। आज के वक्त में भी 250 मिलियन बच्चे और युवा स्कूल से बाहर हैं और 763 मिलियन वयस्क पढ़े-लिखे नहीं हैं। वो लोग अपने शिक्षित होने के हक से दूर हैं और हमारे देश की तरक्की के लिए ये बिल्कुल भी ठीक नहीं है। अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य दुनिया में शिक्षा के महत्व के लिए जागरूकता लाना है। किसी भी व्यक्ति के जीवन में शांति और विकास सबसे ज़रूरी चीजें हैं और इसे हासिल करने का एकमात्र तरीका शिक्षा ही हो सकती है। हर व्यक्ति और बच्चों तक मुफ्त और सही शिक्षा जल्द से जल्द पहुंचना बहुत ज़रूरी है। क्योंकि शिक्षा में किसी की भी ज़िंदगी को बदलकर, बेहतर भविष्य की तरफ मोड़ने की शक्ति है। शिक्षा के मायने दुनिया की हर चीज़ से ऊपर हैं। तो चलिए हम और आप मिलकर हर एक इंसान को शिक्षा की ज़रूरत और महत्व के बारे में बताएं ताकि हर घर और हर परिवार शिक्षित बनकर अपने बेहतर भविष्य की तरह बढ़ सके।

शिक्षित होना है ज़रूरी (Shikshit hona hai zaroori)

जीवन में सफल होने के लिए और कुछ अलग करने के लिए शिक्षित होना बहुत ज़रूरी है। शिक्षा हमें जीवन के कठिन वक्त में चुनौतियों से सामना करने में मदद करती है। आज का युग तरक्की के शिखर पर है। हर तरफ उच्च शिक्षित लोगों का दब-दबा है। शिक्षा जीवन के बेहतर रास्तों पर ले जाने का काम करती है और हमें शिक्षित बनाकर समाज में खुद की एक अलग पहचान बनाने में मदद करती है। जीवन में तरक्की और सफलता पाने के लिए पढ़ना बहुत ज़रूरी है। आज के वक्त में शिक्षित होना उतना ही ज़रूरी है, जितना कि हवा और पानी।

एक बच्चे के जन्म से ही माता-पिता को उसकी शिक्षा की चिंता सताने लगती है। वो अपने बच्चे को बढ़िया से बढ़िया स्कूल में भेजने की कोशिश करते हैं ताकि उनके बच्चे का भविष्य बेहतर हो सके, फिर इसके लिए उन्हें अपनी बहुत सी इच्छाओं को मारना ही क्यों न पड़े, पर वो अपने बच्चे की बेहतर शिक्षा के लिए शुरुआत से ही सेविंग करना शुरू कर देते हैं। जानते हैं क्यों? क्योंकि उन्हें पढ़े-लिखे होने के महत्व के बारे में पता है। वो लोग जानते हैं कि दुनिया में अगर कुछ हासिल करना है तो पढ़-लिख कर शिक्षित होना बहुत ज़रूरी है। पर यहां ऐसे ही बहुत से लोग हैं जो बहुत-सी वजहों से पढ़-लिख नहीं पाते या उनके पास इतना धन नहीं है कि वो अपने बच्चों को शिक्षित बना सकें। ऐसे लोगों की मदद के लिए सरकारें आगे आ रही हैं और उन्हें मुफ्त या कम संसाधनों में भी उच्च शिक्षा दे रही हैं, ताकि देश का हर नागरिक पढ़ा-लिखा बन सके।

2024 में कब है अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस? (2024 mein kab hai Antarrashtriya Shiksha Divas?)

विश्व में शांति और लगातार विकास लाने में शिक्षा की अहमियत का जश्न मनाने के लिए हर साल 24 जनवरी को अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस (International Day of Education) मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 2024 भी 24 जनवरी के दिन ही मनाया जाएगा। किसी भी देश के विकास को उस देश के शैक्षिक एवं बौद्धिक विकास से मापा जा सकता है। विश्व शिक्षा दिवस को अलग-अलग देशों में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। इस दिन हर व्यक्ति को शिक्षित होने की ज़रूरत और फ़ायदे बताने के लिए अलग-अलग तरीके अपनाए जाते हैं। बहुत से समारोह और संगठनों की बैठक होती है और शिक्षा के महत्व पर चर्चा की जाती है। हर व्यक्ति को कैसे पढ़ाया जा सकता है, इसके लिए नई योजनाएं बनाई जाती हैं।

अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस क्यों मनाया जाता है? (Antarrashtriya Shiksha Divas kyon manaya jata hai?)

अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाने की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2018 में 24 जनवरी से की। इसके बाद 50 से ज़्यादा देशों ने इस फैसले को अपना लिया था। तभी से पूरे विश्व में इस दिन को अंतराष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य विश्व में शिक्षा के महत्व और विकास के बारे में जागरूकता लाना है। दुनियाभर में शिक्षा को घर-घर तक पहुंचाने का लक्ष्य अब भी दूर दिखाई पड़ता है।

करोड़ों बच्चों तक अब भी अच्छी शिक्षा नहीं पहुंच पाई है। ऑनलाइन शिक्षा देकर कुछ हद तक ऐसे बच्चों की मदद की तो गई है, लेकिन अब भी ऐसे कई स्थान हैं जहां इंटरनेट से लोग अब भी अंजान हैं। विभिन्न आंकड़ों के मुताबिक दुनिया के करोड़ों बच्चे अब भी स्कूल नहीं जाते हैं। करोड़ों बच्चे ऐसे हैं जो स्कूल पहुंचते हैं, लेकिन वहां उन्हें वो शिक्षा नहीं मिल पाती जो उन्हें सच में शिक्षित बना सके। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उन स्कूलों के शिक्षकों के पास भी उपयुक्त शिक्षा नहीं है। वहीं कुछ बच्चों को आधे रास्ते में ही पढ़ाई छोड़नी पड़ती है। इन सभी परेशानियों से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में हल खोजना ही सभी का मकसद है।

आर्टिकल पर अपना फीडबैक कमेंट में ज़रूर दें। ऐसे ही और आर्टिकल पढ़ने के लिए सोलवेदा हिंदी से जुड़ें रहें।

टिप्पणी

टिप्पणी

X

आनंदमय और स्वस्थ जीवन आपसे कुछ ही क्लिक्स दूर है

सकारात्मकता, सुखी जीवन और प्रेरणा के अपने दैनिक फीड के लिए सदस्यता लें।