राधाकृष्णा पिल्लई

इंटरव्यू में सही उम्मीदवार कैसे चुनें?

सैलरी, पोस्ट और जॉब प्रोफाइल जानना जितना एक उम्मीदवार के लिए ज़रूरी है, उतना ही ज़रूरी किसी भी नौकरी के लिए उम्मीदवार की 'सोच', 'मानसिकता' और उसकी'मनोस्थिति' के बारे में जानना ज़रूरी है।

एक सही उम्मीदवार ढूंढना खुद में एक चुनौती है, जिसका सामना मानव संसाधन यानी कि एचआर विभाग रोजाना करता है। लेकिन, आज के समय में सभी क्षेत्रों में ना सिर्फ टीम को मज़बूत बनाए रखने के लिए, बल्कि कंपनी के विकास के लिए एक एचआर की ज़रुरत पड़ती है।

प्रतिस्पर्धा के इस दौर में एचआर की भूमिका तब और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाती है, जब कंपनियां मार्केट शेयर्स की तुलना में सही उम्मीदवारों के लिए लड़ रही हैं। लेकिन, इसका मतलब यह नहीं है कि आप हर दूसरे व्यक्ति को अपनी कंपनी में भर्ती कर सकते हैं। इसके लिए सभी आवेदकों का चयन काफी सावधानी से करना होगा। इसका एक मात्र उपाय इंटरव्यू है, जिसमें आप नए व्यक्ति को समझने के साथ-साथ कंपनी के भविष्य के बारे में भी सोच पाते हैं।

चाणक्य के अनुसार सैलरी, पोस्ट और जॉब प्रोफाइल जानना, जितना एक उम्मीदवार के लिए ज़रूरी है, उतना ही ज़रूरी किसी भी नौकरी के लिए उम्मीदवार की ‘सोच’, ‘मानसिकता’ और उसकी’मनोस्थिति’ के बारे में जानना है। चाणक्य का सुझाव है कि “किसी के बारे में पता लगाने के लिए, उसे अपने इरादों को ज़ाहिर करने देना चाहिए।”

तो आइए देखते हैं कि किसी के बारे में जानने के लिए इंटरव्यू में कौन से सवाल पूछने चाहिए? उसके कुछ उदाहरण यहां दिए गए हैं:

आपका रोल मॉडल कौन है?

इंटरव्यू के दौरान आमतौर पर इंटरव्यूअर पूछते हैं कि “मुझे अपने बारे में कुछ बताएं।” इसके ठीक बाद अगला प्रश्न होना चाहिए कि “आपका रोल मॉडल कौन है?” यह सवाल थोड़ा अलग होने के साथ शक्तिशाली भी है।

इस प्रश्न के उत्तर से आपको उम्मीदवार के सोचने के तरीके के बारे में जान पाएंगे। क्योंकि, कोई भी व्यक्ति जिसे अपना रोल मॉडल मानता है, अक्सर उसकी नकल करने की कोशिश करता है और उसके जैसा सोचता है।

यदि कोई उम्मीदवार बिल गेट्स को अपना रोल मॉडल मानता है, तो इससे हम यह आकलन कर सकते हैं कि वह एक बिजनेसमैन या एक आईटी प्रोफेशनल की सोच रखने वाला व्यक्ति है। जो एक अच्छे मौके को ढूंढ रहा है। वहीं, अगर कोई महात्मा गांधी या किसी आध्यात्मिक गुरु को अपना रोल मॉडल बताता है, तो वह व्यक्ति आदर्शवादी हो सकता है और अपने जीवन में ‘नैतिकता’ को सर्वोपरि रखता है।

आप अपना समय किसके साथ बिताते हैं?

हम सब जानते हैं कि ऑफिस या काम के अलावा भी हर व्यक्ति के जीवन में अपना ‘मी टाइम’ होता है। जिसमें कोई व्यक्ति अपनी रुचियों और लाइफस्टाइल के अनुसार काम करता है। एक इंटरव्यूअर को इस बारे में जानना बहुत ज़रूरी है। यदि उम्मीदवार उत्तर में “परिवार” कहता है, तो इससे आप समझ सकते हैं कि वह एक पारिवारिक व्यक्ति है।

यदि कोई व्यक्ति अपने जीवन का खाली समय ज्यादातर दोस्तों के साथ बिताता है, तो वह साहचर्य यानी कि साथियों के साथ रहना पसंद करता है।इसके अलावा यदि कोई व्यक्ति लाइब्रेरी जाता है, तो उसे शिक्षा और ज्ञान को आत्मसात करना पसंद है।

एक पुरानी कहावत है कि, “संगति मनुष्य का निर्माण करती है।” इसका मतलब है कि एक व्यक्ति अपना खाली समय जहां और जिसके साथ बिताता है, इससे उसके शौक और रुचियों के बारे में जानकारी मिलती है। उसकी संगति उसके स्वभाव का निमार्ण करती है।

मान लीजिए अगर आपको कहा गया कि…?

यह सवाल बदलाव से संबंधित है, जिसमें इंटरव्यूअर उम्मीदवार के परिवर्तनशीलता का आकलन लगाता है। इंटरव्यू के दौरान जॉब प्रोफाइल में बदलाव के बारे में प्रश्न पूछकर आप व्यक्ति की मानसिकता के बारे में जान सकते हैं। उदाहरण के तौर पर, यदि किसी का इंटरव्यू एक सीनियर फाइनेंशियल पद के लिए बतौर चार्टर्ड एकाउंटेंट के लिए हो रहा है, तो उससे पूछें कि, “मान लीजिए अगर आपको एक वर्ष बाद कहा जाए कि अब आपको मार्केटिंग डिपार्टमेंट का नेतृत्व करना है तो?”

इस प्रश्न के उत्तर से आप उम्मीदवार के ‘परिवर्तन प्रबंधन’ के लिए उसकी क्षमता का पता लगा सकते हैं। कोई व्यक्ति जितना ज्यादा बदलाव के अनुकूल होता है, उतना ही फायदा कंपनी और कर्मचारी दोनों को होता है। बदलाव के प्रति लचीलापन दोनों की सफलता के मार्ग को और अधिक प्रशस्त करता है।

एक ढर्रे पर चले आ रहे इंटरव्यू के प्रश्नों में बदलाव लाकर आप कंपनी के लिए एक अच्छे उम्मीदवार को ढूंढ सकते हैं। इसलिए इंटरव्यू को थोड़ा मज़ेदार और मानसिक तौर पर चुनौतीपूर्ण बनाना ज़रूरी है।

यदि आप मानव मन को बेहतर तरीके से समझना चाहते हैं, तो नौकरी के लिए उम्मीदवार का इंटरव्यू थोड़ा अलग ढंग से लें। इसका फायदा आपको भविष्य में अपनी कंपनी को सफल बनाने और उसे नई बुलंदियों पर ले जाने में होगा।

डॉ राधाकृष्णन पिल्लई एक भारतीय मैनेजमेंट थिंकर है, लेखक और आत्म-दर्शन और चाणक्य आंविक्षिकी के संस्थापक हैं। डॉ पिल्लई ने तीसरी सदी ईसा पूर्व के ग्रंथ कौटिल्य के अर्थशास्त्र पर रिसर्च की है और इसे माॉडर्न मैनेजमेंट में शामिल किया है ।

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