भारत में क्रिसमस की सांस्कृतिक झलक

भारत में क्रिसमस का है खास महत्व, जानें कहां-कहां मनता है पर्व

दिसंबर के शुरुआत से ही भारत में क्रिसमस की तैयारी शुरू हो जाती है। जैसे-जैसे मौसम में सुहानी ठंडक का एहसास होने लगता है, ठीक वैसे ही बाजार से लेकर गिरिजाघरों में क्रिसमस की तैयारियों का एहसास होने लगता है। भारत में क्रिसमस कई मायनों में खास है। ऐसा इसलिए है क्योंकि भारत में सिर्फ ईसाई समाज के लोग ही इस पर्व को नहीं मनाते हैं, बल्कि अन्य समाज के लोग भी इस पर्व को धूम-धाम से मनाते हैं।

क्रिसमस पारंपरिक तौर पर एकजुट होकर खुशियां मनाने का पर्व है। यही वजह है कि क्रिसमस शुरू होने से पहले ही ईसाई समाज के लोग एक-दूसरे के घरों में जाकर कैरोल सिंगिंग करते हैं। इतना ही नहीं बाज़ारों में स्पेशल ऑफर की भरमार के साथ पार्टी टाइम शुरू हो जाता है। ऐसे में आम लोग इस त्योहार से जुड़ जाते हैं। यही वजह है कि बाजारों में ऑफर की भरमार के साथ कई सारे इवेंट्स भी होते हैं, जो इस खास पर्व को खुशहाल बना देते हैं।

क्रिसमस पर्व प्रभु ईसा मसीह के जन्म को लेकर मनाया जाता है। 24 दिसंबर की रात को पूरे विश्व के गिरिजाघरों में प्रभु ईसा मसीह के जन्म को लेकर विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया जाता है। जहां ईसाई समाज के लोगों की आबादी ज्यादा होती है, उन इलाकों में इस पर्व की रौनक देखते ही बनती है। वहां पर ईसाई समाज के लोग प्रार्थना सभा में ना केवल हिस्सा लेते हैं, बल्कि समाज की ओर से होने वाले पब्लिक गैदरिंग का भी हिस्सा होते हैं, ऐसा कर इस पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

क्रिसमस शब्द ज़हन में आते ही हमारे दिमाग में कुछ तस्वीरें उभरती हैं, जैसे सांता क्लॉज, क्रिसमस ट्री और सेलेब्रेशन का माहौल। वैसे तो इस पर्व को लेकर ईसाई समाज के लोग अपने घरों को रोशनी से सजाते हैं, घर में क्रिसमस ट्री रखने के साथ स्टार लगा विशेष सजावट करते हैं। वहीं, ईसाई समाज के लोग चर्च में जाकर मिडनाइट मास में हिस्सा लेकर विशेष प्रार्थना करते हैं। इस दिन दोस्तों व रिश्तेदारों को खाने पर आमंत्रित करते हैं। वहीं, बच्चों की बात करें, तो उन्हें सांता क्लॉज का खासतौर पर इंतजार रहता है। क्योंकि इस दिन सांता बच्चों को चॉकलेट देने के साथ कई प्रकार के गिफ्ट्स भी भेंट करते हैं।

क्रिसमस में बाजारों में रहती है रौनक (Christmas main bazaron me rehti hai raunak) 

मौसम सर्द होने के साथ बाजार भी क्रिसमस की खुशियों में सराबोर रहता है। दिसंबर के आने के साथ ही क्रिसमस के प्रतीक जैसे घंटियां, क्रिसमस ट्री पर सजाने के लिए छोटे-छोटे खिलौने, मालाएं, मोमबत्तियां, कैंडी, चॉकलेट्स और बहुत कुछ खरीदा जाता है।

आइए, क्रिसमस के इतिहास के बारे में जानते हैं और ये भी जानते हैं की यह इस स्वरूप में कब से मनाना शुरू हुआ।

क्रिसमस के इतिहास पर एक नज़र (Christmas ke itihas par ek nazar) 

क्रिसमस हर वर्ष विश्व भर में 25 दिसंबर को मनाया जाता है। इस दिन ईसा मसीह का जन्म हुआ था। ईसा मसीह या जीसस क्राइस्ट को ईश्वर का पुत्र माना जाता है। “क्रिसमस” शब्द मास ऑफ क्राइस्ट से आया है। वैसे तो जीसस की सही जन्मतिथि कोई नहीं जानता, पर यह 25 दिसंबर को ही मनाया जाता है। यह बात जानकर आप हैरान भी होंगे कि करीब 3 शताब्दियों तक ईसा मसीह का जन्मदिन मनाया ही नहीं गया। पहली बार इनका जन्मदिन 25 दिसंबर को 336 ईंसवी में कोंस्तांतिन में सेलिब्रेट किया गया था। वैसे भारत की ही नहीं दुनियाभर में लोगों को इस बात को लेकर काफी उत्सुकता रहती है कि ईसा मसीह का जन्मदिन 25 दिसंबर को ही क्यों मनाया जाता है।

गोवा में पुर्तगाली स्टाइल में मनता है पर्व (Goa main Portuguese style mai manta hai parv)

यूं तो गोवा अपने समुद्री तटों और नाइट लाइफ के लिए मशहूर है। यही कारण है कि लोग यहां पार्टी करने जाते हैं। आपको बता दें कि यहां भी क्रिसमस की काफी धूम रहती है। यहां पर पुर्तगाली लोग काफी संख्या में रहते हैं और कैथोलिक आबादी भी खूब है। यहां के चर्च काफी पुराने होने के साथ-साथ इतिहास को समेटे हुए हैं। ऐसे में यहां पर क्रिसमस के दिनों में रौनक देखने को मिलती है। पूरा शहर फेस्टिवल के मूड में डूब जाता है। सिर्फ शहर के लोग ही नहीं बल्कि देश-दुनिया से लोग यहां घूमने आते हैं।

फेस्टिवल सेलिब्रेट करने के लिए दमन-द्वीव है खास (Festival celebrate karne ke liye Daman-Diu hai khas) 

दमन-द्वीव खूबसूरत टूरिस्ट स्पॉट में से एक है। ऐसे में दिसंबर के समय में यहां पर क्रिसमस सेलिब्रेट करने के लिए लाखों की संख्या में सैलानी जुटते हैं। यहां पर काफी संख्या में लोग पुर्तगाली अंदाज़ में भी इस पर्व को सेलिब्रेट करते हैं। क्रिसमस के समय में यहां पर कैरोल सिंगिंग की धूम रहती है।

केरल में कई चर्च, क्रिसमस का दिन है खास (Kerala mai kai Church, Christmas ka din hai khas) 

केरल में ईसाई समाज के काफी लोग रहते हैं। ऐसे में यहां पर काफी चर्च है। क्रिसमस के समय चर्च में लाइटिंग के साथ क्रिसमस गैदरिंग होती है। जहां पर लोग प्रभु की प्रार्थना करने के साथ परिवार व समाज के लोगों के साथ खूब इंज्वाय करते हैं। क्रिसमस के समय में तो घरों, चर्चों और गली-मोहल्लों में लाइटिंग देखते ही बनती है। यहां के लगभग सभी चर्च क्रिसमस के दिन रात-दिन खुले रहते हैं। जहां ग्रुप सांग के साथ कई प्रकार के आयोजन किए जाते हैं और लोग व्यंजनों का लुत्फ भी उठाते हैं। इस दौरान सिर्फ शहर के लोग ही नहीं बल्कि सैलानी भी जुटते हैं, जो क्रिसमस मनाने के साथ यहां के समुद्र तटों का आनंद लेते हैं और मसालों की खरीदारी भी करते हैं।

मुंबई में कई पुराने गिरिजाघर (Mumbai mai kai purana Girjaghar) 

भारत की आर्थिक राजधानी कही जाने वाली मुंबई में कई पुराने गिरिजाघर हैं। यहां के बांद्रा में ईसाई समाज के लोग पारंपरिक तौर पर इस पर्व को मनाते हैं। यहां के सबसे खास चर्च की बात करें तो सेंट थॉमस कैथेड्रल का नाम आता है, जो 2022 में 304 साल हो गया है। इसके अलावा आप चाहें तो बांद्रा में हिल रोड पर जाकर सेलिब्रेट कर सकते हैं। इस सीजन में यहां पर आकर आप बेकरी, सजावट और खास व्यंजनों का लुत्फ उठा सकते हैं। यदि आप खास अंदाज में इस त्योहार को सेलिब्रेट करना चाहते हैं तो मठारपाडी गांव जा सकते हैं। यहां पर पारंपरिक तौर पर इस त्योहार को सेलिब्रेट किया जाता है। क्रिसमस के दिनों में यहां की रौनक देखते ही बनती है।

बेंगलुरु में भी रहता है उत्सव जैसा माहौल (Bangalore mai bhi rahta hai utsav jaisa mahol) 

बेंगलुरु जिसे सिलिकॉन सिटी के नाम से जाना जाता है। यहां पर काफी संख्या में ईसाई समाज के लोग रहते हैं। इसके अलावा यहां पर भी कई चर्च ऐसे हैं जो सालों पुराने हैं। आप दिसंबर में यहां आकर न केवल उन चर्चों को देख सकते हैं, बल्कि इस सेलिब्रेट को भी खूब इंज्वाय कर सकते हैं। यहां रम के साथ प्लम केक मिलता है, जिसका टेस्ट काफी लाजवाब होता है। बेंगलुरु के कमर्शियल स्ट्रीट, जॉनसन मार्केट और कॉक्स टाउन को क्रिसमस के समय में खूब साज सज्जा की जाती है। यही कारण है कि यहां पर स्थानीय लोगों के साथ सैलानी भी इस सीजन में घूमने के लिए आते हैं। इसके अलावा इस सीजन में यहां के ऑरियन मॉल के साथ कई खास जगहों पर सजा दिया जाता है। इन तमाम कारणों की वजह से यह घूमने के लिए खास जगहों में से एक है।

दिल्ली के चॉइर कॉन्सर्ट में होता है खास आयोजन (Delhi ke chior concert mai hota hai khas ayojan) 

देश की राजधानी दिल्ली में सभी समुदायों और क्षेत्रों के लोग रहते हैं। यहां क्रिसमस की काफी धूम रहती है। दिल्ली का दिल कहे जाने वाले कनॉट प्लेस के सेक्रेड हार्ट कैथेड्रल की रौनक पर्व के दिनों में खूब रहती है। यहां की सजावट के साथ यहां होने वाले आयोजन में शिरकत करने के लिए देश-दुनिया से लोग जुटते हैं। इसके अलावा आप चाहें तो कैपिटल सिटी मिनस्टरेल चॉइर कॉन्सर्ट में जा सकते हैं। वहीं सेंट अल्फोंसा चर्च, सेंट जेम्स चर्च और अन्य गिरिजाघरों में जाकर त्योहार सेलिब्रेट कर सकते हैं।

शिमला में सज जाते हैं चर्च (Shimla main saj jate hai Church) 

ठंड में शिमला की खूबसूरती देखते ही बनती है। वहीं यहां पर भी क्रिसमस सेलिब्रेट करने के लिए देश-दुनिया से लोग जुटते हैं। यहां लंबे पाइंस और हिमालय के मनोरम दृश्य के बीच आप क्रिसमस सेलिब्रेट कर सकते हैं। यहां पर क्राइस्ट चर्च, जाखू मंदिर, रिज और जॉर्ज महल जैसे जगहों पर जाकर आप खूबसूरती निहारने के साथ क्रिसमस के दिनों में इंज्वाय भी कर सकते हैं।

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