सबकुछ अद्भभुत है

सब कुछ अद्भुत है

सामान्‍य आदमी केवल किसी अनोखी घटना का अनोखापन देख पाता है, बुद्धिमान वह है जो साधारण घटनाओं में भी अद्भुतता को देख ले।

1957 में रूस ने पहला अंतरिक्ष-यान स्पूतनिक अंतरिक्ष में भेजा था। अमेरिका ने 12 अप्रैल, 1981 को अंतरिक्ष-यान कोलंबिया दो आदमियों के साथ भेजा। वह इस प्रकार बनाया गया कि लगभग सौ बार अंतरिक्ष-यात्रा के लिए प्रयोग किया जा सके।

कोलंबिया यान का वज़न 75 टन है। इसे बनाने में लगभग दस अरब डॉलर ख़र्च हुए और वह नौ वर्ष में बनकर तैयार हुआ। कोलंबिया अपने दो यात्रियों को लेकर अंतरिक्ष में रवाना हुआ। इसकी गति 26 हज़ार मील प्रति घंटा थी। वह 54 घंटे अंतरिक्ष में रहा। उसने धरती के 36 चक्‍कर लगाकर 10 लाख मील की दूरी तय की और फिर 14 अप्रैल को वापस आ गया। वापसी के समय विशेष रॉड और रॉकेट के द्वारा उसकी गति को घटाकर 345 किलोमीटर प्रति घंटा किया गया। जब उसने वायुमंडल में प्रवेश किया तो वह हवा की रगड़ से गर्म होकर सुर्ख़ ईंट की तरह हो गया। उस समय उसका बाहरी तापमान 11,500 डिग्री सेंटीग्रेड था, लेकिन कोलंबिया की भीतरी दिशाओं में हर ओर गर्मी रोकने वाले टाइल 31 हज़ार की संख्‍या में लगाए गए थे। इसी कारण उसके अंदर के दोनों यात्री सुरक्षित रहे।

कोलंबिया को अमेरिकी राज्‍य कैलिफोर्निया के एक सुनसान हवाई मैदान में उतारा गया। वह केवल 10 सेकंड के अंतर से अपने ठीक समय पर उतर गया। लगभग दो लाख लोग उसके उतरने के दृश्‍य को देखने के लिए जमा थे। इसके अतिरिक्‍त विभिन्‍न देशों के करोड़ों लोगों ने इस घटना को टेलीविज़न पर देखा।

कैलिफोर्निया के मरुस्थल में 20 ट्रक और कई हवाई जहाज़ और अन्‍य सामान उपस्थित थे, ताकि उतरने के बाद वह कोलंबिया की हर आवश्यकता को पूरा कर सकें। कोलंबिया रॉकेट के स्तंभीय रूप में ऊपर गया। वह एक अधीन नक्षत्र की तरह धरती के इर्द-गिर्द घूमा और फिर बिना इंजन के जहाज़ (Glider) की तरह धरती पर उतर गया।

कोलंबिया के दो या‍त्रियों में से एक मिस्‍टर यंग थे। उनकी आयु उस समय 50 वर्ष थी। 54 घंटे भारहीन (Weightless) हालत में रहने के बाद जब वे इस आश्‍चर्यजनक अंतरिक्ष-यात्रा से वापस आकर कैलिफोर्निया पहुँचे तो अचानक उनकी ज़ुबान से निकला—

“What a way to come to California.”

मिस्‍टर यंग अंतरिक्ष-यात्रा पूरी करके कोलंबिया द्वारा कैलिफोर्निया में उतरे तो यह बात उन्हें बहुत अद्भुत प्रतीत हुई, लेकिन वास्तविकता यह है कि इस ब्रह्मांड की हर चीज़ अद्भुत है। कोई यात्रा चाहे पैदल हो या सवारी के द्वारा, इसमें इतने अनगिनत ब्रह्मांडीय संसाधन सम्मिलित होते हैं कि इंसान उनके बारे में सोचे तो साधारण यात्रा भी उसे आश्‍चर्यजनक प्रतीत हो और वह पुकार उठे, मेरा अपने पैरों से चलकर एक स्‍थान से दूसरे स्‍थान पर पहुँचना भी इतना ही अद्भुत है, जितना कोलंबिया के द्वारा अंतरिक्ष-यात्रा करके कैलिफोर्निया के सुनसान मैदान में उतरना। सामान्‍य आदमी केवल किसी अनोखी घटना का अनोखापन देख पाता है, बुद्धिमान वह है जो साधारण घटनाओं में भी ऐसी अद्भुतता को देख ले।

मौलाना वहीदुद्दीन खान इस्लामी आध्यात्मिक विद्वान हैं, जिन्होंने इस्लाम, आध्यात्मिकता और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व पर लगभग 200 से अधिक पुस्तकें लिखी हैं।

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