ऋषिकेश

ऋषिकेश में घूमने के लिए हैं 10 स्थान, कैंपिंग-ट्रैकिंग का भी लें आनंद

वैसे तो मेरा ऋषिकेश ट्रिप सिर्फ तीन दिनों का ही था, मगर मेरे मन में ये शहर ताउम्र के लिए बस चुका है। इस शहर में एक बार आपने कदम रखा तो वापस जाने का आपका मन नहीं होगा। समझ लें कि ये जगह किसी पवित्र किताब की तरह है, जो ईश्वर से जुड़ने के साथ-साथ आपको जिंदगी के कई रूप दिखाती है।

दिल्ली में कुछ दिन ठहरने के कारण मुझे ऋषिकेश जाने का मौका मिला। इस जगह को ‘योग की नगरी’, ‘साधुओं की भूमि’, ‘आस्था और आध्यात्म का शहर’ और न जाने कितने नामों से जाना जाता है। यह शहर चार धाम की यात्रा करने वालों भक्तों के लिए एक जादुई दरवाजे की तरह है, जहां से होकर चारों धाम की यात्रा की जा सकती है। उत्तराखंड में बसा ये शहर हर साल हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है। लेकिन, दूसरी तरफ एडवेंचर के शौकीन हजारों लोग भी हर साल ऋषिकेश की तरफ खिंचे चले आते हैं। इसका कारण है, यहां आध्यात्म के साथ-साथ कई एडवेंचर्स एक्टिविटी के भी ऑप्शन का होना।

वैसे तो मेरा ऋषिकेश ट्रिप सिर्फ तीन दिनों का ही था, मगर मेरे मन में ये शहर ताउम्र के लिए बस चुका है। इस शहर में एक बार आपने कदम रखा, तो वापस जाने का आपका मन नहीं करेगा। समझ लें कि ऋषिकेश किसी पवित्र किताब की तरह है, जो ईश्वर से जुड़ने के साथ-साथ आपको जिंदगी के कई रूप दिखाती है। इस शहर की एक छोर पर शांति है और दूसरे छोर पर एडवेंचर। आइए, आपको ले चलती हूं भारत देश के आध्यात्मिक शहर ऋषिकेश में।

आध्यात्मिक जुड़ाव के लिए ये जगह है बेस्ट

गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम है त्रिवेणी घाट

त्रिवेणी घाट का नाम गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम के कारण पड़ा है। ये तीन पवित्र नदियां इस घाट पर आकर मिल जाती हैं। जितना खूबसूरत इनका संगम है, उतना ही खूबसूरत त्रिवेणी घाट का नजारा। मैं सर्दी के वक्त ऋषिकेश गई थी, उस वक्त यहां का नजारा देखने लायक था। पहाड़ों से उठता धुआं, बादलों से घिरा आकाश, नदी की लहरें और चारों ओर फैली हरियाली, इनका संगम भी दिल में उतर जाने वाला था। हर शाम त्रिवेणी घाट पर आरती भी की जाती है, जिसे देखने के लिए यहां भारी भीड़ उमड़ती है। शाम की ये आरती आपके दिल को सुकून पहुंचाती है।

ऋषिकुंड में दिखती है मां सीता-भगवान राम की छवि

अगर आप त्रिवेणी घाट तक पहुंच जाएं, तो वहां से आप कुछ मिनटों में पैदल चलकर ही ऋषिकुंड तक पहुंच सकते हैं। आध्यात्म प्रेमी लोगों के लिए, ऋषिकेश का ऋषिकुंड सबसे महत्वपूर्ण जगहों में से एक माना जाता है। यहां पानी का कुंड बना हुआ है, यानि एक तालाब जिसमें ठंड के दिनों में भी पानी गर्म ही रहता है। इस कुंड के माध्यम से आपको रघुनाथ मंदिर के दर्शन भी होंगे। दरअसल, जब आप पानी में होंगे, तो आपको माता सीता और भगवान राम की मूर्तियों की छवि पानी में नजर आएगी। यह बिल्कुल ऐसा लगता है, जैसे भगवान खुद प्रकट होकर हमें दर्शन दे रहें हों

स्वर्ग आश्रम के नजदीक है मधुबन आश्रम

जैसा इस जगह का नाम है, वैसा ही है यहां का एहसास। स्वर्ग आश्रम धार्मिक स्थलों से भरा हुआ है। माना जाता है कि कई ऋषि-मुनियों ने तपस्या कर के यहां स्वर्ग की प्राप्ति की है। जब मैंने यहां कदम रखा तो मेरा मन इस जगह में पूरी तरह खो गया। यहां का एहसास कुछ ऐसा है कि आपको लगेगा कि भगवान यहां के हर कण-कण में बसे हैं। देखा जाए तो, धरती पर होकर भी इस आश्रम का एहसास बिल्कुल स्वर्ग जैसा है। यहीं से आप मधुबन आश्रम के दर्शन भी कर सकते हैं।

सेल्फी प्वाइंट है राम और लक्ष्मण झूला

स्वर्ग आश्रम के नजदीक ही राम और लक्ष्मण झूला है, जो कि आज सेल्फी प्वाइंट के रूप में काफी मशहूर है। राम झूला और लक्ष्मण झूला ऋषिकेश के एक छोर को दूसरे छोर से जोड़ता है। इसे पार करते वक्त आपको गंगा का भव्य और मनोरम रूप देखने का मौका मिलेगा, जो यहां के सबसे सुंदर नजारों में से एक है।

पहाड़ी पर है नीलकंठ महादेव मंदिर

5500 मीटर ऊंची पहाड़ी पर स्थित नीलकंठ महादेव मंदिर यहां की सबसे महत्वपूर्ण जगहों में से एक है। यह मंदिर स्वर्ग आश्रम की पहाड़ी पर है। इस मंदिर में चारों तरफ हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां बनी हैं, जिन्हें देखकर ऐसा लगता है मानो ये मूर्तियां अभी बोल पड़ेंगी। भारत में ऐसे तो कई मंदिर हैं, लेकिन इस मंदिर में आकर मुझे एक ऐसी शांति का एहसास हुआ, जिसे बयां करने के लिए शब्द कम पड़ जाएंगे।

ऋषिकेश की पांच गुफा है खास, यहां लेते हैं योग की शिक्षा

नीलकंठ मंदिर से पांच किलोमीटर की दूरी पर झिलमिल गुफा, गणेश गुफा, हनुमान गुफा और अन्य दो गुफा मौजूद हैं। ये सभी गुफा एक-दूसरे से आकार में अलग हैं। खासतौर पर झिलमिल गुफा में हर साल कई देशवासी और विदेशी, साधुओं और योगियों से योग की शिक्षा लेने आते हैं। ये सभी गुफा बाहर से किसी रहस्यमयी जगह की तरह नजर आते हैं।

ईश्वर में आस्था रखने वालों लोगों के लिए ऋषिकेश का सफर एक कभी न खत्म होने वाले सफर के जैसा है। आप बार-बार घूमकर भी यहां के मंदिरों पर और घाटों पर वापस आना चाहेंगे। ऊपर दिए गए जगहों के अलावा, आप यहां भरत मंदिर, गीता भवन, कैलाश निकेतन मंदिर आदि जगहों पर भी घूम सकते हैं।

एडवेंचर के लिए ऋषिकेश में घूमने की जगह

मैगी प्वाइंट पर राफ्टिंग

यहां आने वाले लोगों का मानना है कि राफ्टिंग के बिना ऋषिकेश की ट्रिप अधूरी है। यहां के साफ पानी में राफ्टिंग करते वक्त आप अपनी सारी परेशानियां भूल जाएंगे। राफ्टिंग के लिए आप बुकिंग ऑनलाइन या फिर ऑफलाइन भी कर सकते हैं। मैगी प्वाइंट पर राफ्टिंग के साथ-साथ क्लिफ जम्पिंग भी होती है, जिसे लोग काफी पसंद करते हैं।

नीलकंठ के रास्ते से कैंपिंग

मैगी प्वाइंट में राफ्टिंग करने के बाद मैं भी कैंपिंग के लिए निकल गई थी। यहां पूरे रास्ते में कैंप बने होते हैं। ऐसा लगता है मानो कैंप का एक छोटा सा शहर हो। आप चाहे तो किसी आलीशान कॉटेज में भी रुक सकते हैं या फिर टेंट में भी। वैसे मैंने टेंट चुना था, जिसका अनुभव कमाल का रहा। कई बार चीजें साधारण हों, तो वे ज्यादा अच्छी लगती हैं।

बंजी जम्पिंग

आपने सोशल मीडिया पर, सिर्फ एक रस्सी के भरोसे लोगों को पहाड़ से छलांग लगाते हुए देखा होगा। जी हां, ये ऋषिकेश में भी होता है और काफी पॉपुलर है। हालांकि, मुझमें इतनी हिम्मत तो नहीं है, मगर मैंने लोगों को ऊंचाई से छलांग लगाते हुए जरूर देखा। अगर आपके अंदर हिम्मत है, तो आप भी इसे ट्राई कर सकते हैं।

पटना और नीर गढ़ वाटरफॉल है बेहद खूबसूरत

यहां एक गांव है पटना, जिसके नजदीक ‘पटना वाटरफॉल’ है। पानी की तेज बहती धारा भला किसे पसंद नहीं होती, खासकर जब धारा का पानी आध्यात्म और भक्ति के शहर से जुड़ा हो। ये झरना आपकी आंखों से होकर दिल में उतर जाएगा। इसे देखकर लगता है, मानो पहाड़ अपने हाथों से धरती पर दूध की धारा गिरा रहा हो, जो नीचे आकर जादू से नदी बन जाती है। जहां गंगा की एक छोर पर पटना वाटरफॉल है, वहीं दूसरी छोर पर नीर गढ़ वाटरफॉल है। नीर गढ़ वाटरफॉल भी देखने में बेहद खूबसूरत है।

भारत की नई-नई जगहों के अनुभव के बारे में जानने के लिए पढ़ते रहें सोलवेदा हिंदी।

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