जैसलमेर

जानें जैसलमेर के इतिहास और अनोखे पर्यटन स्थलों के बारे में

जैसलमेर को इंडिया का गोल्डन सिटी भी कहा जाता है। यहां का किला सिर्फ एक किला ही नहीं बल्कि पूरा शहर है। कुछ दशक पहले तक यह किला ही पूरा शहर हुआ करता था।

जैसलमेर के बारे में कहा जाता है कि यहां पहुंचना भी मुश्किल है और यहां से लौटना भी मुश्किल है। जैसलमेर को इंडिया का गोल्डन सिटी भी कहा जाता है। यहां का किला सिर्फ एक किला ही नहीं बल्कि पूरा शहर है। कुछ दशक पहले तक यह किला ही पूरा शहर हुआ करता था।

जैसलमेर भारत का तीसरा और राजस्थान का सबसे बड़ा जिला है। इस शहर की स्थापना 12वीं शताब्दी में यदुवंशी भाटी रावल जैसल ने की थी। यहां पर आप राजस्थान की संस्कृति को करीब से देख सकते हैं। किला के मंदिर और हवेलियां यहां की खूबसूरती को बढ़ा देती हैं।

यह शहर अपने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासतों (Cultural heritage) के लिए भी काफी फेमस है। यहां पर पीले बलुआ पत्थर से बना किला, जो सूरज की रोशनी में सोने की तरह चमकता है, जिसके कारण इस शहर को गोल्डेन सिटी भी कहा जाता है।

तो चलिए सोलवेदा की इस यात्रा में हम आपको जैसलमेर के इतिहास के बारे में बताने के साथ ही, यहां के अनोखे और खूबसूरत पर्यटन स्थलों से भी रूबरू करवाते हैं।

राजस्थान में बसे जैसलमेर का इतिहास (Rajasthan mein base Jaisalmer ka itihas)

राजस्थान में बसे जैसलमेर का इतिहास काफी समृद्ध है। राजस्थान के अन्य शहरों की तरह ही यहां का अतीत गौरवशाली रहा है। 1156 ई. में जब रावल ने यहां के किले की नींव रखी थी, तो यह शहर भारत से मध्य एशिया को जोड़ने वाले व्यापारिक रास्ते का काफी अहम हिस्सा था। यह शहर भाटी शासकों की सत्ता का मुख्य सेंटर था।

जैसलमेर किले का इतिहास (Jaisalmer Kile ka itihas)

यह राजस्थान का दूसरा सबसे पुराना शहर है। 250 फीट ऊंचा और सेंट स्टोन के विशाल पत्थरों से बनाए गए, इस किले की दीवार 30 फीट ऊंची है। इस किले में 99 प्राचीर हैं, जिनमें से 92 को 1633 से 1647 के बीच बनवाया गया था।

इस किले में कई हवेलियों के अलावा जैन मंदिर हैं, जिनका निर्माण 12वीं और 15वीं शताब्दी में करवाया गया था। यह किला भारत के प्रमुख फोर्ट में से एक है। अगर आप सर्दियों में यहां जाते हैं, तो यह जगह आपको काफी पसंद आएगी।

इस किले को यूनेस्को ने वर्ल्ड हेरिटेज साइट के रूप में भी चिह्नित करके रखा है। अक्षय पोल, गणेश पोल, सूरज पोल और हवा पोल, इस किले के गेट हैं। सूर्योदय और सूर्यास्त के समय इस किले पर जब सूर्य की रोशनी पड़ती है, तो यह फोर्ट सोने के रंग जैसा दिखाई देता है।

आइए अब जानते हैं इस शहर के उन जगहों के बारे में, जो हर साल कई टूरिस्ट को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।

जैसलमेर के अनोखे पर्यटन स्थल निम्न हैं:

पटवों की हवेली (Patwon ki haveli)

जैसलमेर किला, जिसे सूर्यगढ़ पैलेस भी कहते हैं, उससे 10 किमी की दूरी पर है पटवों की हवेली। यह हवेली टूरिस्ट स्पॉट के रूप में काफी फेमस है। पांच हवेलियों को मिलाकर इसे पटवों की हवेली कहते हैं।

इस हवेली की नक्काशी और बनावट काफी खूबसूरत हैं, जो लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है। इस हवेली में म्यूजियम भी है, जहां काफी दुर्लभ कलाकृतियां रखी हुई हैं। इस विशाल हवेली में 60 बालकनी हैं।

गड़ीसर झील (Gadisar jheel)

शहर के बाहरी इलाके में स्थित गड़ीसर झील काफी खूबसूरत पर्यटन स्थल है। यहां पर आप अपनों के साथ सुकून का पल गुज़ार सकते हैं। इस झील में आप नाव की सवारी भी कर सकते हैं। साथ ही दर्शन के लिए, इस झील के पास कई मंदिर भी हैं। पक्षियों की मधुर आवाज़ के बीच यहां का मनोरम वातावरण पर्यटकों को बहुत लुभाता है।

अमर सागर झील (Amar Sagar Jheel)

अमर सागर झील जैसलमेर से छह किलोमीटर दूर स्थित है। यहां का शांत और मनोरम माहौल लोगों को काफी आकर्षित करता है। इस झील में हमेशा पानी भरा रहता है। झील के आस-पास शिव मंदिर और जैन मंदिर हैं, जहां आप दर्शन करने जा सकते हैं।

तनोट माता मंदिर (Tanot Mata Mandir)

तनोट माता का मंदिर यहां के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। इसे चमत्कारिक मंदिर के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध के दौरान पाकिस्तान ने इस मंदिर पर कई बम गिराए थे, लेकिन मंदिर को कोई नुकसान नहीं हुआ। यह मंदिर शहर से 118 किमी दूर है।

सैम सैंड ड्यून्स (Sam Sand Dunes)

जैसलमेर का सबसे मशहूर टूरिस्ट स्पॉट सैम सैंड ड्यून्स है। चारों ओर से थार रेगिस्तान से घिरा यह स्थान पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यहां से आप सूर्योदय और सूर्यास्त का नज़ारा देख सकते हैं, जो कि काफी सुंदर दिखता है।

यहां पर आप कैमल सफारी का भी आनंद ले सकते हैं। साथ ही आप रात में स्थानीय लोक नृत्य के साथ-साथ संगीत और राजस्थान की संस्कृति से भी रूबरू हो सकते हैं। इसे देखा बिना आपकी जैसलमेर की यात्रा अधूरी है, इसलिए ट्रिप के दौरान यहां ज़रूर पहुंचे।

डेजर्ट नेशनल पार्क (Desert National Park)

राजस्थान के सबसे बड़े वन्य जीवन अभ्यारण्य में एक है डेजर्ट नेशनल पार्क। यहां आप कई प्रकार के वन्य जीव और पक्षियों को देख सकते हैं। जंगली जानवरों से प्रेम करने वालों के लिए यह जगह किसी स्वर्ग से कम नहीं है। यहां काफी संख्या में पर्यटक देश और विदेश से आते हैं।

बड़ा बाग (Bada Bagh)

जैसलमेर में छोटी-सी पहाड़ियों पर स्थित बड़ा बाग यहां के शाही परिवार के मकबरे हैं। यहां पर पार्क भी है, जिसमें कई छतरियां हैं, जो यहां आने वाले टूरिस्ट को काफी पसंद आती हैं। यहां का शांत माहौल सुकून से समय गुज़ारने वालों को काफी पसंद आता है।

कुलधरा गांव (Kuldhara Goan)

यहां गांव जैसलमेर जिले में है और काफी डरावना है। इस गांव को लेकर कई सारे रहस्य प्रचलित हैं। यह गांव करीब 160 सालों से खंडहर के रूप में है। एक कहानी के अनुसार यहां पर ब्राह्मण रहते थे, जो 19वीं सदी में एक दिन रातों-रात गायब हो गए। सूर्य के डूबने के बाद इस गांव में कोई भी आना-जाना नहीं चाहता है।

इन जगहों के अलावा भी राजशाही राज्य राजस्थान के जैसलमेर में काफी सारे ऐसी जगहें हैं, जो टूरिस्ट स्पॉट हैं। जैसलमेर का कल्चर काफी समृद्ध है। यहां आकर आप भारत को एक नए नज़रिए से देख सकते हैं और महसूस कर सकते हैं। सोलवेदा हिंदी की जैसलमेर की यात्रा हम यहीं खत्म कर रहे हैं।

हमारे साथ इस तरह के और भी सफर पर चलने के लिए पढ़ते रहें सोलवेदा हिंदी।

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