देश का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर

देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर का एक रुख

इंदौर अपनी साफ-सफाई और स्वच्छ हवा के लिए पूरे भारत में मशहूर है। इंदौर को भारत की वीर पुत्री ‘अहिल्या बाई की नगरी’ भी कहा जाता है। इंदौर में लोग उच्च शिक्षा और व्यवसायिक कामों के लिए आते-जाते रहते हैं।

भारत के मध्यप्रदेश राज्य का एक महानगर है इंदौर। मेरी खुशकिस्मती है कि मुझे पिछले महीने ही इंदौर जाने का मौका मिला। यह एक बिजनेस ट्रिप थी, पर काम खत्म होते ही मैंने इंदौर की गलियों को भी खूब घूम लिया।

इंदौर दो छोटी नदियों, सरस्वती और खान के तट पर बसा एक शहर है। ये छोटी नदियां शहर के केंद्र में जाकर मिलती हैं। इंदौर के इसी संगम के पास संगमनाथ या इंद्रेश्वर का अठारहवीं सदी पुराना एक छोटा मंदिर है। कहते हैं, इंदौर का नाम इसी देवता के नाम पर रखा गया था। इंदौर अपनी साफ-सफा और स्वच्छता के लिए पूरे भारत में मशहूर है। इंदौर को भारत की वीर पुत्री ‘अहिल्या बाई की नगरी’ भी कहा जाता है। 

इंदौर में लोग उच्च शिक्षा और व्यवसायिक कामों के लिए आते-जाते रहते हैं। ये शहर लोगों से भरा हुआ है, पर फिर भी यहां की हवा को लोग दूषित नहीं करते। अपने राजवाड़ा इतिहास के साथ-साथ अच्छे खाने और बहुत से महलों और मंदिरों से भरा ये शहर वाकई बहुत खूबसूरत है। इंदौर में घूमने लायक ढेरों जगह हैं और करने के लिए भी काफी एक्टिविटीज़ हैं। ऐसे में खुद से कुछ खास विकल्प चुन कर इंदौर घूमना थोड़ा मुश्किल ज़रूर है, पर नामुमकिन नहीं। 

अपनी इंदौर यात्रा का अनुभव मैं आप सबके साथ आज शेयर करने वाली हूं। जी हां! सोलवेदा के साथ मिलकर मैं आपको बताऊंगी कि, इंदौर में कौन-सी जगहें हैं खास?, और आप इंदौर शहर जाकर कौन-सी जगहों को घूम सकते (Indore Tourist Places) हैं। तो फिर चलिए आगे जानते हैं स्वच्छ हवा-पानी के लिए मशहूर शहर इंदौर घूमना कैसे सही रहेगा।

इंदौर में घूमने लायक जगहें (Indore mein ghumne layak jaghein)

इंदौर यूं ही थोड़े ही ‘मिनी मुम्बई’ कहा जाता है। जैसे मुंबई में बहुत से लोग अपने सपने साकार होने की उम्मीद से आते हैं, वैसे ही इंदौर भी बहुत से सपने अपने आंखों में समेटे हुए लोगों से भरा है। यहां उद्योग, शिक्षा और ऐतिहासिक जगहों की भरमार है। इंदौर में बहुत-सी ऐसी जगहें हैं, जहां जाकर आप इंदौर शहर की यादें अपने मन में बसा सकते हैं। तो चलिए करते इंदौर शहर की उन्हीं गलियों का रुख।

बहुत पुराना है राजबाड़ा पैलेस (Bahut purana hai Rajwada Palace)

एक ऐतिहासिक इमारत जो कभी मराठा साम्राज्य की ‘होलकर वंशीय’ व्यक्तियों की थी। आज राजवाड़ा पैलेस इंदौर की सबसे पुरानी इमारतों में से एक है। अपनी इसी प्राचीनता के लिए रजवाड़ा पैलेस “ओल्ड पैलेस” भी कहा जाता है। दो शताब्दी पहले बना ये सात मंजिला महल मुगल, मराठा और फ्रांसीसी वास्तुकला शैलियों का अनोखा संगम है। मेरी मानें तो यहां जाने के लिए शाम का समय बिल्कुल सही वक्त होता है, जब यहां लाइट एंड साउंड शो होता है। अभिनेता अमिताभ बच्चन की की आवाज़ में यहां लाइट एंड साउंड शो के ज़रिए राजवाड़ा का सुनहरा इतिहास सुनने को मिलता है। आप भी इंदौर जाएं तो राजवाड़ा पैलेस के इस खास प्रोग्राम का लुत्फ ज़रूर उठाएं।

शाही लालबाग पैलेस की खासियत (Shahi Laalbaag Palace ki khasiyat)

खास नदी के तट पर स्थित लालबाग पैलेस इंदौर में घूमने के लिए 10 सबसे अच्छे स्थानों में गिना जाता है। यह पैलेस मराठा शासकों की जीवनशैली, कला और वास्तुकला का एक कभी न खत्म होने वाला सबूत है। यह तीन मंजिला इमारत जो कभी होलकर वंशियों का निवास स्थान हुआ करती थी, अब एक संग्रहालय है। इसमें भारतीय और इटालवी पेंटिंग, भव्य झूमर, रीजेंसी और शुरूआती जॉर्जियाई शैली से संबंधित फर्नीचर, फारसी कालीन और एक बहुत ही सुन्दर बॉलरूम के साथ अनोखे रूप से डिजाइन किए गए अंदरूनी भाग शामिल हैं। ये पैलेस इतना शाही अंदाज़ में बना हुआ है कि इसके अंदर जाते ही मुझे ऐसा लगने लगा जैसे कि मैं कोई राजकुमारी हूं और यह मेरा पैलेस है। सच कहूं तो एक बार इस पैलेस के अंदर जाकर, यहां से बाहर निकलने का तो मन ही नहीं करता। अगर आप भी इस शाही खूबसूरती को महसूस करना चाहते हैं तो इंदौर के लालबाग पैलेस ज़रूर जाएं।

अन्नपूर्णा देवी को समर्पित मंदिर (Annapurna Devi ko samarpit Mandir)

भक्तों और पर्यटकों, दोनों का पसंदीदा, अन्नपूर्णा मंदिर अपनी वास्तुशिल्प सुंदरता के लिए बहुत पसंद किया जाता है। जैसा कि नाम से पता चलता है, यह मंदिर भोजन की देवी, देवी अन्नपूर्णा को समर्पित है। आप यहां शिव और हनुमान जैसे अन्य देवताओं को समर्पित मंदिर भी देख सकते हैं। यह जगह श्रद्धा और सुंदरता का अनोखा संगम है। यहां जाकर मेरी तरह आपको भी बहुत सुकून मिलेगा।

जैन धर्म का कांच मंदिर (Jain dharm ka Kanch Mandir)

जैन समुदाय के मुख्य नेताओं में से एक, सेठ हुकम चंद ने 1903 में एक जैन मंदिर बनवाया जिसे हम ‘कांच मंदिर’ के नाम से भी जानते हैं। इंदौर के बहुत सारे आकर्षणों में कांच मंदिर एक और आकर्षण है। जैसा कि नाम से पता चलता है, ये मंदिर कांच और शीशों से बना है। अंदरूनी सजावट के लिए यहां चीनी ग्लास लैंप का इस्तेमाल किया गया है, जिससे यह भक्तों के साथ-साथ कला प्रेमियों के लिए एक पसंदीदा स्थान बन जाता है। यहां की सुंदरता के दर्शन करने एक बार तो आपको भी ज़रूर जाना चाहिए।

पुरानी धरोहर संभाले बैठा है इंदौर संग्राहालय (Purani dharohar sambhale baitha hai Indore Sangrahalaya)

इंदौर शहर के बीच में बना केंद्रीय संग्रहालय है, जिसे ‘इंदौर संग्रालय’ भी कहा जाता है, इतिहास प्रेमियों के लिए स्वर्ग है। 1929 में स्थापित किया गया संग्रहालय प्रागैतिहासिक युग और आधुनिक काल दोनों की कलाकृतियों और अवशेषों को सुरक्षित रखा गया है। यहां बहुत-सी मूर्तियां, सिक्के, पत्थर की मूर्तियां, बाबर, जहांगीर और हुमायूं द्वारा इस्तेमाल की गई तोपें और प्राचीन काल के युद्धों में इस्तेमाल किए गए कवच रखे हुए हैं। अगर आप सम्पन्न क्षेत्रीय इतिहास की खूबसूरती देखना चाहते हैं तो ये संग्रालय आपके लिए ही है। 

कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय (Kamla Nehru Prani Sangrahalaya)

कमला नेहरू प्राणि संग्रहालय जिसे नेहरू पार्क, इंदौर चिड़ियाघर नाम से भी जाना जाता है। यह चिड़ियाघर मध्य प्रदेश के सबसे पुरानी जगहों में से एक है। इस चिड़ियाघर में पार्क में सफेद बाघ, एशियाई हाथी, मोर और भालू सहित बहुत से जंतु-जानवरों मौजूद हैं। इस चिड़ियाघर में टट्टू और घोड़े की सवारी भी की जाती है। वैसे तो यह सवारी खासतौर पर बच्चों के लिए है, पर मुझे लगता है कि हमें अपने फायदे के लिए किसी जानवर को तकलीफ नहीं देनी चाहिए।

बड़ा गणपति मंदिर भी है खास (Bada Ganpati Mandir bhi hai khas)

इस मंदिर को रानी अहिल्याबाई होलकर ने बनवाया था। ये मंदिर बहुत पुराना है और यहां गणेश जी की बहुत बड़ी मूर्ति है। ये मूर्ति गणेश की 25 फीट ऊंची मूर्ति है। यह मूर्ति देश के अलग-अलग पवित्र स्थानों की ईंटों, चूना पत्थर, गुड़ और मिट्टी से मिलकर बनी हुई है। यहां बहुत से श्रद्धालु और पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है। आप अपनी इंदौर यात्रा पर इस मंदिर के दर्शन कर सकते हैं। 

होलकर स्टेडियम क्रिकेट का इतिहास (Holkar Stadium Cricket ka itihaas)

होलकर स्टेडियम में 2006 में पहला अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेला गया था। इंदौर के होलकर स्टेडियम में कई अंतरराष्ट्रीय मैच खेले जा चुके हैं। लेकिन, अब भविष्य को देखते हुए यह  जगह छोटी पड़ने लगी है, यहां 27 हज़ार लोगों के बैठने की जगह है। यह इंदौर का सबसे पहला स्टेडियम है, पर आज-कल ये क्रिकेट खेलने के लिए नहीं बल्कि पर्यटन स्थल के रूप में देखा जाता है। आप यहां आकर अपने भारत के सबसे पसंदीदा खेल क्रिकेट के इतिहास को देख सकते हैं।

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