बनारस की गलियां और अस्सी घाट, जहां दिखता है संस्कृति का संगम

विश्व का सबसे पुराना शहर कहे जाने वाले बनारस (Banaras) की कई खासियत हैं। यहां की गलियां, लोगों के बातचीत का तरीका, गंगा किनारे बने घाट, मंदिर, पान आदि।

कई बार हम यात्रा की योजना बनाते हैं, लेकिन जा नहीं पाते हैं। वहीं, कई बार हम अचानक ही यात्रा पर निकल पड़ते हैं। यह सफर हमें ज़िंदगी भर याद रह जाता है। बनारस के बारे में दोस्तों से सुनकर वहां जाने की ललक पैदा हुई। आखिरकार एक दिन दिल्ली से बनारस की ट्रेन पकड़ ली। विश्व का सबसे पुराना शहर कहे जाने वाले बनारस की कई खासियत हैं। यहां की गलियां, लोगों के बातचीत का तरीका, गंगा किनारे बने घाट, मंदिर, पान आदि।

इस यात्रा में मैं कभी बनारस की गलियों से गुजरा, तो कभी वहां के स्वादिष्ट ज़ायके का आनंद लिया। सुबह गंगा के किनारे उगते सूर्य का आनंद लिया, तो शाम को गंगा किनारे होने वाली विश्वप्रसिद्ध आरती में भी शामिल हुए। बनारस को घाटों का शहर भी कहा जाता है। इसका मुख्य कारण है यहां गंगा नदी के किनारे बने 84 अलग-अलग घाट। सभी घाटों का अपना अलग महत्व है, लेकिन सबसे ज्यादा महत्व दशाश्वमेध घाट, मणिकर्णिका और अस्सी घाट का है। पुराणों के अनुसार दशाश्वमेध घाट पर ब्रह्मा जी ने कई बार अश्वमेध यज्ञ किए थे। दशाश्वमेध घाट पर ही स्नान कर श्रद्धालु प्रसिद्ध विश्ननाथ मंदिर में दर्शन करने और पूजा करने जाते हैं। वहीं, मणिकर्णिका घाट की अपनी अहमियत है। मणिकर्णिका घाट के बारे में कहा जाता है कि यहां जिनका भी अंतिम संस्कार होता है वे सीधे स्वर्ग जाते हैं। यहां हमेशा चिता जलती रहती है। वहीं, अस्सी घाट को बनारस का दिल भी कहते हैं, यहां पर असली बनारस बसता है। क्योंकि यहां बनारस के सभी रंग देखने को मिलते हैं।

बनारस की गलियां और जायके (Banaras ki galiyan aur jayke) 

जिस तरह बनारस के मंदिर और गंगा किनारे बने घाट फेमस हैं, उसी तरह यहां की गलियां और ज़ायके भी काफी प्रसिद्ध हैं। यहां की भूल भुलैया वाली गलियों में जो कुल्हड़ वाला दूध, अलग-अलग फ्लेवर वाली लस्सी, दहीबड़े और रबड़ी मिलती है, वो कहीं और नहीं मिलता है। इनका स्वाद अपने आपमें अनोखा है। वहीं, सुबह के नाश्ते में मिलने वाली कचौड़ी, सब्जी और जलेबी की बात ही निराली है।

मंदिरों का शहर (Mandiron ka shahar)

बनारस में हर चौक-चौराहे पर कोई ना कोई मंदिर ज़रूर दिख जाता है। यहां के मंदिर अपनी अलग-अलग पहचानों की वजह से भी जाने जाते हैं। यहां का सबसे प्रसिद्ध मंदिर है विश्वनाथ मंदिर। इसके अलावा संकट मोचन मंदिर, दुर्गा मंदिर, त्रिदेव मंदिर, तुलसी मानस मंदिर भी धार्मिक आस्था का प्रमुख केंद्र हैं।

गंगा आरती (Ganga Aarti)

बनारस में मुख्य रूप से तीन घाटों पर गंगा आरती होती है। इसमें दशाश्वमेध घाट, अस्सी घाट और राजेंद्र घाट शामिल हैं। हालांकि, दशाश्वमेध घाट पर होने वाली आरती सबसे भव्य मानी जाती है। लेकिन अस्सी घाट पर होने वाली आरती भी अपनी मनमोहक दिव्यता के लिए विश्वप्रसिद्ध हैं।

बनारस की शान है पान (Banaras ki shaan hai paan)

बनारस में पान उगाया नहीं जाता है, लेकिन यहां का पान पूरे विश्व में फेमस है। यहां पर पान खुशियों और आतिथ्य सत्कार का प्रतीक माना जाता है। बनारस के सभी चौक-चौराहों और गलियों में पान की दुकान मिल जाएंगी। इन दुकानों में अलग-अलग तरह के पान मिलते हैं, जो अपने स्वाद से लोगों का दिल जीत लेते हैं। यहां पर कई प्रकार के पान मिलते हैं, जिसमें बनारसी मीठा पान, सादा पान, पंचमेव पान आदि प्रमुख हैं।