सिर्फ एक दिन या साल नहीं पूरी बल्कि ज़िंदगी बर्बाद कर सकता है तनाव

एक सर्वे के मुताबिक भारत की लगभग 27 प्रतिशत आबादी स्ट्रेस या तनाव में रहती है। ये सर्वे कोरोना के बाद भारतीयों के स्ट्रेस लेवल को मापने के लिए किया गया था। अब आप इससे अंदाज़ा लगा सकते हैं कि हम किस हद तक तनाव को अपनी ज़िंदगी में जगह दे चुके हैं।

तनाव ने हमारे जीवन में कुछ ऐसे जगह बना रखी है, जैसे कि वो ज़िंदा रहने के लिए बहुत ज़रूरी चीज़ है। पर असल में ये हमारे जीवन के लिए बहुत घातक है। हम अपने जीवन की हर छोटी-बड़ी परेशानी को तनाव का कारण बना लेते हैं।

एक सर्वे के मुताबिक भारत की लगभग 27 प्रतिशत आबादी स्ट्रेस या तनाव में रहती है। ये सर्वे कोरोना के बाद भारतीयों के स्ट्रेस लेवल को मापने के लिए किया गया था। अब आप इससे अंदाज़ा लगा सकते हैं कि हम किस हद तक तनाव को अपनी ज़िंदगी में जगह दे चुके हैं। परिवारिक तनाव, करियर की चिंता, काम का स्ट्रेस, निजी ज़िंदगी के तनाव, बच्चों में स्कूल के काम भार या कोई ऐसा अनुभव जिसने हमें बहुत दुखी किया हो आदि मिलकर एक इंसान के जीवन को चारों ओर से घेर लेते हैं। जिससे इंसान को अपनी ज़िंदगी व्यर्थ लगने लगती है।

तनाव एक ऐसा जहर है जो इंसान को धीरे-धीरे करके खत्म करता जाता है। मानसिक तनाव किसी दीमक की तरह धीरे-धीरे शरीर को खोखला कर देता है। तनाव से कई बीमारियां बिन बुलाए मेहमान की तरह आकर हमसे चिपक जाती हैं। ये मानसिक स्वास्थ्य पर भी बहुत गहरा असर डालती हैं। मनोवैज्ञानिकों की मानें तो, तनाव से हमारे दिमाग की कोशिकाएं सिकुड़ने लगती हैं। यानी जो इंसान जितने तनाव का शिकार होगा, उसकी मस्तिष्क कोशिकाएं उतनी ही संकुचित होती जाएंगी। तनाव किसी भी व्यक्ति के लिए बहुत खतरनाक अनुभव है। तनाव अच्छी खासी ज़िदंगी को नर्क बना देता है।

आइये हम सोलवेदा के साथ मिलकर तनाव को बेहतर तरीके से जानें और इसके प्रभाव से बचने की कोशिश करें।

क्या होता है तनाव? (Kya hota hai tanav?)

हम तनाव को किसी ऐसे शारीरिक, रासायनिक या भावनात्मक कारक के रूप में समझ सकते हैं, जो शारीरिक तथा मानसिक बेचैनी पैदा करे। जब लोग अपने आस-पास होने वाली किसी घटना से तनाव ग्रस्त महसूस करते हैं, तो उनके खून में कुछ रसायन मिलकर अपनी प्रतिक्रिया देते हैं, जो व्यक्ति को बेचैन कर देते हैं और चिंता से भर देते हैं। हम में से बहुत लोग रोज़ के जीवन में घटने वाली बहुत-सी घटनाओं से बेचैनी, मानसिक दबाव और घबराहट महसूस करते हैं, जो कि असल में तनाव है। तनाव किसी ऐसी घटना के प्रति की गई प्रतिक्रिया है, जिससे हमें परेशानी होती हो। ये प्रतिक्रिया हमारे शरीर में बहुत-सी बीमारियों की वजह बन जाती है।

तनाव का असर (Tanav ka asar)

तनाव या स्ट्रेस का हमारे शरीर पर नाकारात्मक असर पड़ता है। तनाव को सही वक्त पर रोका न जाए तो ये इंसान के लिए जानलेवा हो सकता है। तनाव व्यक्ति के सोचने समझने की शक्ति पर असर डालता है, जिससे व्यक्ति सही-गलत को पहचानने में दिक्कत महसूस करता है। तनाव के कारण ध्यान केंद्रित करने में भी तकलीफ होती है। यही नहीं बल्कि तनाव के कारण फैसले करते वक्त भी इंसान परेशानी महसूस करता है। तनाव से हमारे अंदर आत्मविश्वास की कमी हो जाती है। तनावग्रस्त व्यक्ति चिड़चिड़ा हो जाता है या उसे हर छोटी-बड़ी बात पर गुस्सा आने लगता है। तनाव शरीर को कमजोर बना देता है, जिससे काम करने की इच्छा खत्म हो जाती है।

अक्सर तनाव के कारण व्यक्ति बेवजह चिंता करता है, असहजता और डर को महसूस करता है। कभी-कभी तनाव इतना ज़्यादा बढ़ जाता है कि हम अपने अंदर घबराहट का दौरा भी अनुभव कर सकते हैं। इसके अलावा शरीर में बहुत-सी बीमारियां हो जाती हैं। हाई ब्लड प्रेशर, दिल का दौरा और दिल से संबंधित बहुत-सी बीमारियां तनाव की वजह से ही होती हैं। तनाव हमें मानसिक रूप से भी प्रभावित करता है, तनाव गहरे डिप्रेशन का रूप भी ले सकता है। तनाव से भूलने की बीमारी, और बहुत-से खतरनाक मानसिक रोग होने का खतरा बना रहता है।

कितने प्रकार के होते हैं तनाव? (Kitne prakar ke hote hain tanav?)

वैसे तो तनाव हमारे लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं है, पर कम मात्रा में मानसिक दबाव और थोड़ा-सा तनाव कभी-कभी फ़ायदेमंद होता है। जैसे, कोई प्रोजेक्ट या असाइन्मेंट पूरा करते समय हल्का दबाव महसूस करने से हम अपना काम अच्छी तरह से पूरा कर पाते हैं और काम करते वक्त हमारा उत्साह भी बना रहता है। इसके आधार पर हम तनाव को दो श्रेणियों में रख सकते हैं: यूस्ट्रेस (eustress – सकारात्मक तनाव) और डिस्ट्रेस (distress – नकारात्मक तनाव)। यूस्ट्रेस यानी ऐसा तनाव जो हमारे काम पूरे करने में मदद करता है और दूसरा डिस्ट्रेस यानी ऐसा तनाव जो हमारे जीवन के लिए बहुत खतरनाक होता है।

इसके अलावा तनाव दो और प्रकार के होते हैं, जिनके बारे में हम नीचे लिख रहे हैं:

तीव्र तनाव (Teevra Tanav)

यह तनाव अल्पकालिक तनाव है जो जल्दी ही दूर हो जाता है। अल्पकालिक तनाव यानी कम वक्त के लिए किसी छोटी-सी घटना पर पैदा हुआ तेज तनाव, तीव्र तनाव है। ऐसे तनाव को अक्सर हम अपने साथी के साथ झगड़ा होने पर या ऑफिस में आए अचानक किसी काम के दबाव की वजह से महसूस कर सकते हैं। ऐसा तब भी होता है जब हम कुछ नया या रोमांचक करते हैं। सभी लोगों को कभी-न-कभी तीव्र तनाव का सामना करना पड़ता है।

चिर तनाव (Chir Tanav)

यह एक ऐसा तनाव है, जो लंबे समय तक बना रहता है। अगर हमें पैसों की समस्या है, विवाह में बाधा है, काम में परेशानी या कोई ऐसी घटना जिसने हमपर बहुत गहरा असर डाला है, तो हमें दीर्घकालिक तनाव हो सकता है। किसी भी प्रकार का तनाव या चिंता जो हफ्तों या महीनों तक चलता है, दीर्घकालिक या चिर तनाव है। हम दीर्घकालिक तनाव के इतने आदी हो सकते हैं कि हमें पता ही नहीं चलता कि ये एक समस्या है। अगर हम ऐसे तनाव से मुक्ति पाने के तरीके नहीं ढूंढते हैं तो हमें तनाव के कारण बहुत-सी शारीरिक और मानसिक बीमारियों का सामना करना पड़ता है।

तनाव के कारण क्या हैं? (Tanav ke karan kya hain?)

यूं तो तनाव के कारण कई हो सकते हैं। अलग-अलग व्यक्ति को अलग-अलग कारण से तनाव हो सकता है। मगर कई बार लोग छोटी-छोटी परेशानी को भी तनाव का कारण बना लेते हैं।

तनाव के कारण कई हैं जैसे कि किसी तरह की कोई घटना या दुर्घटना, जीवन में अकेलापन, पढ़ाई में पीछे रह जाना, पारिवारिक कारण, किसी तरह की शर्म का शिकार होना, किसी खास तरह की असहजता, पैसे की दिक्कत आदि। तनाव के कारण की लिस्ट लंबी है, जिसमें कई छोटी-बड़ी बातें शामिल हैं। हालांकि, तनाव के कारण चाहे जो भी हों उनसे छुटकारा पाया जा सकता है। आइए जानते हैं कैसे?

स्ट्रेस से कैसे बचें? (Stress se kaise bachein?)

जैसा कि हम जान चुके हैं तनाव किसी के भी जीवन का सिर्फ एक दिन या एक साल नहीं बल्कि पूरी की पूरी ज़िंदगी ही बर्बाद कर देता है। तो ऐसे में हमें इस तनाव को दूर करना भी तो आना चाहिए। हम कुछ ज़रूरी बातों का ख्याल रख कर अपने आप को तनाव के पंजों से छुड़ा सकते हैं।

तनाव से छुटकारा पाने के तरीके:

तनाव की स्थिति महसूस होने पर रिलेक्स करना ज़रूरी है।

जो बात आपके तनाव का कारण है उसे अनदेखा करें। उसपर ध्यान न दें।

अच्छा सोचने की कोशिश करें और नकारात्मकता विचारों को खुद पर हावी न होने दें।

रिलेक्स करने के लिए आप ध्यान और योग का सहारा ले सकते हैं

सुबह की दौड़ और किसी हरी घास पर चलना आपके तनाव को कम करने में मदद कर सकता है।

कभी-कभी थोड़ा वक्त खुद के लिए निकालें और अपना पसंदीदा काम करें।

बाहर घूमना, दोस्तों के साथ मौज-मस्ती करना भी आपके तनाव को काफी हद तक कम कर सकता है।

अपने करीबियों से मन की बात कहना भी आपको फायदा दे सकता है।

हेल्दी डाइट अपनाएं और किताबों से दोस्ती करें। 

दिनचर्या में ये छोटे-छोटे बदलाव आपको तनाव से मुक्ति दिलाने में पूरी मदद करेंगे।

उम्मीद है आपको ये आर्टिकल उपयोगी लगा होगा। ऐसे ही और आर्टिकल आप सोलवेदा पर पढ़ सकते हैं।

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