कैनवास

प्रकृति, एक रंग-बिरंगा कैनवास

बारिश की टिप-टिप, घास पर चलने का एहसास हो या झरने की कलकल, प्रकृति ने हमें कई उपहारों से नवाज़ा है। ऐसा लगता है जैसे किसी ने प्रकृति रूपी कैनवास पर रंग बिखेर दिए हो। आइए, इन्हें करीब से जानें।

पूरी प्रकृति में कुछ न कुछ जादुई है, एक रंग-बिरंगे कैनवास (Nature a colorful canvas) की तरह। ताज़ा हवा के झोंके की आनंददायी खुशबू, विशाल नील गगन, हरी पत्तियों के बीच पीले चमकीले आम, कल-कल बहती नदी की आवाज़ और घने जंगलों में पसरा अर्थपूर्ण सन्नाटा, ये सभी हम पर अपना जादू डालते हुए हमें कुछ देर के लिए उन सब परिस्थितियों से दूर कर देते हैं, जिनसे हम खुश नहीं है।

दुनियाभर में हुई विभिन्न अध्ययन और रिसर्च ने यह साफ कर दिया है कि प्रकृति के साथ वक्त गुजारने से बेचैनी, तनाव और दैनिक जीवन से जुड़े हुए कई तरह के अवसाद गायब हो जाते हैं। मगर जहां एक तरफ हमें यह बात बहुत अच्छी तरह पता है कि पेड़-पौधे हमारे अस्तित्व के लिए बहुत ज़रूरी हैं, क्योंकि वे ऑक्सीजन देकर कार्बन डाइऑक्साइड सोखते हैं, वहीं हम उन छोटी-मोटी खुशियों और जीवनदायी पेड़-पौधों को आसानी से भुला देते हैं जो प्रकृति ने हमें मुफ्त में दे रखा है।

आइए, प्रकृति के उन सबसे शानदार उपहारों के साथ कुछ कदम चलें, जिन्हें आप चाहकर भी दोबारा नहीं बना सकते हैं।

सौंधी-सौंधी खुशबू

मई-जून की भयंकर गर्मी के बाद जब पहली बारिश से धरती की प्यास बुझती है तो एक अनूठी खुशबू आती है, जिसकी तुलना तो आप किसी से कर ही नहीं सकते हैं। आंधी के बाद मिट्टी की यह सौंधी-सौंधी खुशबू, हर किसी में उत्साह का संचार कर देती है। हम कितनी बार सोचते हैं कि उस खुशबू को बोतलबंद कर लें? लेकिन, ऐसा हो नहीं पाता!

घास पर चलना

घास, मिट्टी या रेत पर नंगे पैर चलना जिंदा होने का सबसे बड़ा आनंद है। ओस से भीगी घास पर चलना सेहत के लिए तो फायदेमंद है ही लेकिन कुछ लोग ऐसा इसलिए भी करते हैं क्योंकि उन्हें यह करने में आनंद आता है।

प्रकृति की आवाज़

लहरों का किनारे से टकराना, सूखी पत्तियों की खनक, झींगुर का कलरव, चिड़ियों की चहचहाहट।

शहरीकरण के शोर में खो चुकी यह आवाज़ हमारी जिंदगी में बेहद आवश्यक हैं।

यह इतनी ज़रूरी हैं कि इन आवाज़ों के ऑडियो अब इंटरनेट पर उपलब्ध करवाए गए हैं। यह उन लोगों के लिए हैं, जो इन्हें प्राकृतिक रूप से नहीं सुन सकते।

(डिसक्लेमर: ऑनलाइन आवाज़ असली आनंद नहीं दे सकती।)

प्रकृति की छटा

जंगल में वक्त मानो ठहर जाता है। पहाड़ की चोटी पर या नदी किनारे अथवा समुद्र के किनारे खड़े होने का अहसास कुछ दिव्य अनुभव से कम नहीं होता। मज़बूत पहाड़, बलखाती नदियां और जहां तक नज़र जाए वहां तक पानी ही पानी वाला महासागर- ये सब कुछ ऐसे अनुभव हैं जिनकी जगह कोई भी मानव निर्मित चीज़ नहीं ले सकती, यह प्रकृति का कैनवास है, जहां प्रकृति ने ही सुंदर रंग भरे हैं।

गर्म पानी के झरने

शायद इस धरती को इंसान के आराम के लिए बनाया गया है। यदि ऐसा नहीं होता तो फिर कैसे अपने आप गुनगुने पानी के झरने धरती से फूटते? प्रकृति के इस गीज़र में नहाने के लिए आधा घंटा पहले कोई बटन भी नहीं दबाना पड़ता। विशुद्ध आनंददायक है यह।

लगातार बारिश के बाद एक खुशनुमा धूप से भरा दिन आपके बुरे से बुरे मिज़ाज को भी ठीक कर सकता है या एक बेहद गर्म दिन पर बूंदाबांदी से आप एक ऐसे सफर पर निकल सकते हैं, जो आपके लिए उस पल को हमेशा के लिए यादगार बना सकता है। इसी प्रकार एक ठंडी हवा का झोंका भी हमें तरो-ताज़ा कर सकता है या फिर एक खास खुशबू हमें सबसे खूबसूरत यादों की दुनिया का सफर करा सकती है।

इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता कि प्रकृति हम पर कई स्तरों पर असर डालती है। प्रकृति, एक रंग-बिरंगा प्रेरक कैनवास है। हालांकि इसके शारीरिक और मानसिक लाभ तो हमें दिख जाते हैं, मगर छोटे और बिना किसी कोशिश के जो आनंद हमें प्रकृति देती है वे हमारी नज़रों से छिपे रहते हैं।

प्रकृति हमारी ज़िंदगी को हमेशा ही विस्मयकारी तरीके से प्रभावित करती रहती है। इसके सारे तोहफे हमें एक चांदी की तश्तरी में परोसे हुए मिले हैं, लेकिन यह तश्तरी छुपी हुई है। जिस तरह एक सुंदर कैनवास की चित्रकारी हमारी आंखों को आनंद देती है, प्रकृति का कैनवास भी वही जादू बिखेरता है। हमें केवल यह जानना है कि इसे कहां खोजें।

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