उम्र बढ़ने के साथ मैं एक चीज़ पर ज़्यादा फोकस करने लगा हूं, वो है मेडिटेशन, मतलब ध्यान लगाने का अभ्यास। थोड़ी देर के लिए ही सही मगर मैं हर दिन मेडिटेशन करता हूं। कुछ महीनों पहले मैं मेडिटेशन नहीं करता था। इन दो समय में बहुत ही खास फर्क समझ आया।
भारत में बहुत पहले के समय से ध्यान लगाने की परंपरा है। हज़ारों सालों से लोग अलग-अलग वजहों से मेडिटेशन करते आ रहे हैं, कभी आध्यात्मिक तो कभी दार्शनिक और कई बार धार्मिक कारणों से। लेकिन पिछले कुछ दशकों से वैज्ञानिकों ने इसके बारे में ढंग से स्टडी किया है और साइंटफिक तरीकों से टेस्ट किया है। इन स्टडी के नतीजे काफी चौंकाने वाले हैं। रिसर्च में मेडिटेशन करने वालों के दिमाग, स्वास्थ्य और ज़िंदगी में कई तरह के बदलाव देखे गए।
तो ऐसा क्या बदल जाता है मेडिटेशन करने वालों के दिमाग में और इसको करने के पीछे साइंस क्या है, ये सब हम समझेंगे सोलवेदा हिंदी के इस आर्टिकल में। साथ ही हम जानेंगे कि कैसे मेडिटेशन बन सकता है आपका पेनकिलर और क्या है ध्यान का महत्व और प्रकार?
मेडिटेशन क्या है? (Meditation kya hai?)
ध्यान लगाने की प्रक्रिया को मेडिटेशन कहते हैं। इसमें एक जगह शांत बैठकर लंबी और गहरी सांस लेना होता है और ध्यान को किसी एक चीज़ पर केंद्रित करना होता है। जब हम किसी भी एक चीज़ पर अपना पूरा ध्यान लगा रहे होते हैं तो इससे तनाव काफी कम होता है। ध्यान लगाने से मेंटल हेल्थ (Mental Wellbeing) सही होता है। साथ ही मेडिटेशन से एकाग्रता भी बढ़ती है, जो स्वस्थ शरीर और मन के लिए काफी लाभदायक होता है।
ध्यान का महत्व (Dhyan ka mahatva)
ध्यान का महत्व बहुत बड़ा है। मेडिटेशन का उपासना के क्षेत्र में काफी ज़्यादा महत्व है। ध्यान, आत्मा, तन और मन के बीच लयात्मक संबंध बनाता है। लगातार मेडिटेशन करने से आत्मिक शक्ति और मानसिक शांति दोनों एक साथ मिलती है। आज के समय में वैज्ञानिक तौर पर भी ध्यान के कई फायदे को स्वीकार किया गया है।
ध्यान के प्रकार (Meditation ke prakar)
अगर आप ध्यान का महत्व समझते हैं तो आपका यह जानना ज़रूरी है कि कई लोगों को लगता है कि ध्यान सिर्फ आंख बंद करके शांत रहने को कहते हैं। जबकि ये बिल्कुल गलत है। आंखें बंद करके शांत रहना और अपनी सांसों पर फोकस करना मात्र ध्यान का एक छोटा सा हिस्सा है। ध्यान के प्रकार कई तरीके के होते हैं जैसे कि माइंडफुल मेडिटेशन, आध्यात्मिक मेडिटेशन, इंद्रियों और मंत्र से जुड़ा मेडिटेशन और भी बहुत कुछ।
जैसे हम बचपन से पढ़ना शुरू करते हैं और फिर सालों बाद जाकर पढ़ाई से जुड़े किसी एक क्षेत्र में मुकाम हासिल कर पाते हैं, ठीक वैसा ही मेडिटेशन भी है। आप हर दिन थोड़ा-थोड़ा प्रयास करेंगे, तभी जाकर ध्यान में महारत हासिल कर पाएंगे। शुरू-शुरू में मुझे भी ध्यान लगाने में दिक्कत आती थी, मगर यकीन मानें प्रयास से यह संभव हो जाता है।
मेडिटेशन करने के फायदे (Meditation karne ke fayde)
मेडिटेशन करने के काफी लाभ हैं। ध्यान लगाने से जो सबसे बड़ा फायदा होता है, वो है तनाव में कमी। इससे मन को शांति मिलती है। जब आप शांत माहौल में बैठते हैं और स्थिर रहते हैं, तो आपका हार्ट रेट कम होता है और दिमाग नेगेटिव सोच को दूर कर देता है।
मेडिटेशन भावनात्मक रूप से भी लाभकारी है। हर दिन मेडिटेशन करने से शरीर में स्ट्रेस हार्मोन (कोर्टिसोल) का लेवल कम होता है। इसके साथ ही शरीर रिलैक्स रहने के साथ ही शांत स्थिति में रहता है, जिससे बढ़िया नींद आती है। रिसर्च के अनुसार ध्यान करने से पुराना दर्द भी ठीक होता है। अगर हर दिन मेडिटेशन करते हैं, तो पुराना दर्द जो आपको लंबे समय से परेशान कर रहा है, वो ठीक हो सकता है। इससे हाई ब्लड प्रेशर का असर भी कम होता है। वहीं, एंग्जाइटी अटैक भी कम होता है और इम्यून सिस्टम भी बेहतर होता है।
2011 में एक रिसर्च में पता चला कि ध्यान करने से दर्द के एहसास को कम किया जा सकता है। इससे 11 से 70 प्रतिशत तक दर्द को कम करने में सफलता मिलती है, जो पेनकिलर के उपयोग को कम करता है। मेडिटेशन करने से शारीरिक स्वास्थ्य भी सही रहता है।
कैसे लगा सकते हैं ध्यान? (Kaise laga sakte hain dhyan?)
ध्यान लगाने के लिए एकांत और समय की ज़रूरत होती है। लेकिन आज के बिज़ी लाइफस्टाइल में लोग ध्यान करने के लिए समय नहीं निकाल पाते हैं। ऐसे में हम आपको कुछ टिप्स दे रहे हैं, जिससे आप बिजी लाइफ में भी ध्यान करने के लिए समय निकाल पाएंगे।
काम करते हुए मेडिटेशन
आप लगातार काम कर रहे हैं, तो इसी बीच में कुछ देर का समय निकालें। आप अपनी कुर्सी पर ही अपनी कमर को सीधा करें और दोनों पैर को फर्श पर टिकाएं। घुटने को 90 डिग्री के एंगल पर रखें। ध्यान रखें कि इस दौरान सिर और गर्दन रीढ़ की हड्डी की सीध पर रहे। अपने हाथों को जांघ के पास टिकाएं। इसके बाद दोनों आंख बंद करके कुछ मिनटों के लिए आप मेडिटेशन कर सकते हैं।
खड़े होकर भी कर सकते हैं मेडिटेशन
आप अगर पूरा समय बैठकर अपना काम करते हैं, तो आप खड़े होकर मेडिटेशन करेंगे, तो बहुत ही ज़्यादा आराम महसूस करेंगे। इसके लिए अपने पैरों को कंधे के सीध में रखकर खड़े हो जाएं और घूटनों को थोड़ा झुकाएं। अपने दोनों हाथ को पेट पर टिकाएं। इससे सांसों के मूममेंट को फील कर सकते हैं।
इसके अलावा अगर ऑफिस में हैं तो किसी भी खिड़की के पास जाकर सीधे खड़े हो जाएं और आंखें बंद कर लें। इसके बाद अपना ध्यान बाहर से आ रही आवाज़, खुशबू आदि पर लगाएं। आप चाहे तो गिन सकते हैं कि कितनी तरह की आवाज़ आप ध्यान लगाकर सुन पा रहें हैं।
घुटनों के बल बैठकर और लेटकर भी लगा सकते हैं ध्यान
आप अपने पंजों को ज़मीन पर टिकाते हुए घुटनों के बल बैठ जाएं। अपनी कमर को सीधा रखें और दोनों आंखों को बंद करते हुए हाथों को अपनी जगह पर समेट लें। इसके बाद गहरी सांस लें। वहीं, लेटकर ध्यान लगाना सबसे आरामदायक अवस्था है। इसके लिए आराम से ज़मीन पर सीधे होकर लेट जाएं और अपने हाथों और पैरों को फैलाएं। इसके बाद आप ध्यान लगा सकते हैं।
इस आर्टिकल में हमने ध्यान लगाने को लेकर बात की। यह पढ़कर आपको कैसा लगा, हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं। इसी तरह की और भी जानकारी के लिए पढ़ते रहें सोलवेदा हिंदी।