बीते सालों में हम सबने ही कोराना का भयंकर काल देखा। हम सब अपने-अपने स्तर पर उस भयानक स्थिति से गुज़रे हैं। इस महामारी ने लगभग सभी को अपनी चपेट में ले लिया, बहुत लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी और कई लोगों ने अपने कारीबियों को कोरोना के हत्थे चढ़ते देखा। वाकई वो दौर बहुत दुखद था पर वो लोग खुशनसीब थे, जिन्हें कोरोना छू भी नहीं पाया।
स्वच्छ जीवनशैली और कुछ स्वस्थ आदतें अपना कर बहुत हद तक उन लोगों ने कोरोना को हरा दिया। उस वक्त कोरोना से बचने के उपायों में सबसे ऊपर मास्क लगाना और बार-बार हाथ धोना था। मास्क और हाथों की सफाई से किसी भी वायरस से बहुत हद तक बचा जा सकता है।
अपने हाथों की सफाई करना बहुत ज़रूरी है। विश्व हाथ धुलाई दिवस के रूप में सभी को इस बात को समझाने की एक कोशिश की जाती है। स्कूलों में बच्चों को हाथ धोने के फायदे और सही तरीके बताने के लिए समय-समय पर सेमिनार आयोजित किये जाते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में भी घर-घर जाकर साफ-सफाई और हाथ धोने की जागरूकता फैलाकर विश्व को स्वस्थ बनाए रखने की पहल की जाती है। ये जागरूकता पूरे देश और पूरे विश्व के स्वास्थ्य के लिए बहुत ज़रूरी है। ऐसा करने से हर इंसान किसी भी तरह की बीमारी या वायरस की चपेट में आने से बच पाएगा और स्वस्थ जीवन जी सकेगा।
हैंड वाशिंग डे कब है और इसकी शुरुआत कैसे हुई? (Global Hand Washing Day kab hai aur iski shuruaat kaise hui?)
हर साल 15 अक्टूबर को विश्व हाथ धुलाई दिवस मनाया जाता है। इसको मनाने का उद्देश्य सभी को हाथ धोने के फायदे और कीटाणुओं से बचने के उपायों के बारे में बताना है। 2008 में पहली बार ग्लोबल हैंडवाशिंग डे मनाया गया। इस विशेष दिन को मनाने के लिए, 70 देशों के 120 मिलियन से अधिक बच्चों को साबुन से हाथ धोने के लिए प्रेरित किया गया। तब से, आंदोलन ने गति पकड़ी है और स्कूलों, गैर-सरकारी संगठनों और निजी फार्मों जैसे बहुत जगहों से सहयोग मिला है।
इस दिन का उद्देश्य दुनिया भर के लोगों को बीमारियों और संक्रमण से बचने के लिए साबुन से हाथ धोने के महत्व के बारे में जागरूक करना है। इस अच्छी आदत का चलन सबसे ज़्यादा कोरोना में बढ़ा जो कि अब तक फॉलो किया जा रहा है।
हाथ धुलाई दिवस का महत्व (Hath dhulai divas ka mahtv)
‘हाथ धुलाई दिवस’ दुनिया भर के लोगों को हाथ धोने की आदतों में सुधार करने के लिए, एक अंतरराष्ट्रीय प्रचार अभियान है। दिन में दोनों समय ज़रुरी जगहों पर साबुन से हाथ धोना बहुत ज़रूरी हैं। हाथ धुलाई दिवस हाथों की सफाई के महत्व को बताता है। जितना ज़रूरी रोज़ नहाना और साफ रहना है, उतना ही ज़रूरी, हाथों को बार-बार धोते रहना भी है। हाथ धोना सुनने में एक छोटा-सा काम लग सकता है, लेकिन यह हमें कई गंभीर बीमारियों से दूर रखता है।
बहुत से कीटाणु हाथों के ज़रिए ही शरीर के अंदर पहुंच जाते हैं, जिससे शरीर में बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। कई रोगाणु जो लोगों को बीमार कर सकते हैं, वे तब फैलते हैं, जब हम अपने हाथ साबुन और साफ बहते पानी से नहीं धोते हैं। इसीलिए हाथ धोना बहुत ज़रूरी है, खासकर बाथरूम का उपयोग करने के बाद, खाना बनाते समय, खाने से पहले, खाना खाने के बाद, खांसने, छींकने, नाक या कान साफ़ करने के बाद, यहां तक की घर की साफ-सफाई के बाद भी।
हाथ धोना एक अच्छी आदत है, जिसे हमें अपने जीवन में शामिल कर लेना चाहिए और अपने बच्चों को भी इसकी आदत डलवा देनी चाहिए ताकि वो भी हाथों की सफाई का महत्व समझ जाएं और स्वच्छ और स्वस्थ रहें। बार-बार साबुन से हाथ धोकर हाथों की स्वच्छता रखी जानी चाहिए ताकि हम अपने भविष्य में बेहतर स्वास्थ्य के परिणामों को प्राप्त कर सकें।
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