यह शहर…

जब वह कुछ सोच रही थी, तभी एक नीले रंग की कार उसके सामने आकर रुकी। उसे देखकर गीता घबरा गई। वह वहां से जरा-सा भी हिल नहीं सकती थी। जैसे ही कार का गेट खुला तो उसकी चिंता और बढ़ गई।

आधी रात के समय सुनसान सड़क पर गीता अकेली अपनी कार के पास खड़ी थी। उस वक्त उसे अंधेरे में काफी डर लग रहा था। उस दौरान बैकग्राउंड में क्रिकेट खेलने की आवाज़ के अलावा उसे कुछ भी सुनाई नहीं दे रहा था।

उसने सड़क के किनारे खड़ी अपनी लाल रंग की एसयूवी को देखा। अचानक उसे अपनी डैड की बात याद आ गई, जब वह गाड़ी चलाना सीख रही थी। उस समय उसके डैड ने कहा था- कार खरीदना अलग बात है। इसके साथ उसको मेंटेन रखना भी बेहद ज़रूरी है।

उसने कार की ओर देखा और गुस्से में टायरों पर लात मारी और अपने डैड को फोन करके बताया कि वह कहां है। इससे पहले उसने कभी भी खुद को इतना असहाय महसूस नहीं किया था। उस रात सड़क से गुजरती हर गाड़ियां और उसके ड्राइवर की घुरती आंखें उसके डर को और बढ़ा रही थीं।

उस दौरान सिर्फ अपनी घड़ी को देखने और अपने डैड का इंतजार करने के अलावा वह और कुछ भी नहीं कर सकती थी। उस घड़ी में हर गुजरते मिनट एक न बीतने वाले समय के समान लग रहे थे। मुझे ऑफिस कैब लेनी चाहिए थी। इसके लिए वह खुद को दोषी मान रही थी।

जब वह यही सोच रही थी, तभी एक नीले रंग की कार उसके सामने आकर रुक गई। इसे देख गीता घबरा गई। वह एक कदम भी वहां से इधर-उधर नहीं कर सकती थी। जैसे ही कार का दरवाज़ा खुला, उसकी चिंता और बढ़ गई। वह अपने बैग में कुछ ढूंढने लगी। ऐसा कुछ भी मिले ताकि खुद को सुरक्षित रख सके।

इससे पहले कि वह कुछ समझ पाती, उसे एक जानी-पहचानी आवाज़ सुनाई दी। “तुम हो।” दरअसल, वह गीता की दोस्त ऋचा थी।

गीता की आंखों से आंसू छलक पड़े। “मैं अपने पूरे जीवन में कभी नहीं डरी,” उसने कहा।

“मुझे पता है लेकिन अब सब कुछ ठीक है। चलो, चलते हैं,” ऋचा ने जवाब दिया। “तुम्हारे डैड ने मुझे तुम्हें लेने के लिए भेजा था, क्योंकि मैं पास में ही रहती हूं। वह अभी रास्ते में हैं। वे हमसे घर पर मिलेंगे,” उसने कहा।

“लेकिन कार का क्या करें?” गीता ने पूछा।

“यहीं छोड़ दो। हम लोग कल इसे ले चलेंगे।”

गीता जैसे ही आगे की सीट पर बैठी, उसने राहत की एक लंबी सांस ली। “कल, मैं कार ठीक करवा दूंगी। यह शहर.. (This city) घर जैसा है लेकिन इससे ज्यादा तुम सावधान नहीं रह सकती हो।”

“मुझे पता है,” कार ड्राइव करते हुए  ऋचा ने बीच में टोका।