बेस्ट फ्रेंड

क्या दोबारा मेरे बेस्ट फ्रेंड बनोगे?

निशांत और काजल की दोस्ती की कॉलेज में मिसाल दी जाती थी। लेकिन, ऐसा क्या हुआ, जो ये बेस्ट फ्रेंड अलग हो गए?

मैनेजमेंट कॉलेज में एमबीए 2012-14 की बैच का आखिरी दिन था। सभी छात्र एक-दूसरे से भविष्य में मिलने का वादा कर रहे थे। सब आपस में करियर की बातें कर रहे थे। इन सबके बीच काजल खामोशी (Khamoshi) से एक तरफ बैठी थी। उसके दोस्त उसे कई बार बुलाकर गए, लेकिन वह अपने ही ख्यालों में खोई हुई थी। वह मन ही मन खुद को कोस रही थी कि आखिर उसने अपने दिल की बात उसे क्यों बताई? वह अंदर से बहुत बेचैन महसूस कर रही थी। थोड़े समय के बाद वह घर चली गई। ऑटो में बैठने से लेकर घर पहुंचने के दरमियान उसका रूमाल लगभग भींग चुका था।

काजल और निशांत हाईस्कूल से बेस्ट फ्रेंड (Best friend) थे। दोनों ने साथ में ग्रेजुएशन किया और फिर वे साथ में एमबीए भी करने लगे। दोस्ती इतनी पक्की कि घर से लेकर कॉलेज तक मिसाल दी जाती थी। एक कॉलेज न आए, तो दूसरे का दिन नहीं कटता था। एक-दूसरे से लड़ना और एक दूसरे के लिए लड़ना उनके लिए आम बात थी। दोनों आपस में कितना भी हंसी मजाक कर ले, लेकिन मजाल है कि कोई और उन्हें कुछ कह दे। लेकिन, अब दोनों साथ नहीं थे। निशांत और काजल अलग हो चुके थे।

निशांत, काजल को अपना बेस्ट फ्रेंड मानता था। लेकिन, वह काजल के लिए बेस्ट फ्रेंड से भी ज्यादा था, शायद एक तरफा प्यार! काजल, निशांत का ध्यान एक मां की तरह रखती थी। सिर्फ वह इस इंतजार में थी कि कभी न कभी निशांत को उसके प्यार का एहसास होगा और वह अपने दिल की बात उसे बताएगा। इस इंतजार से बारहवीं कक्षा से दोनों ग्रेजुएशन में आ गए और अब ग्रेजुएशन पूरा कर एमबीए में।

काजल के सालों के सब्र का बांध अब टूटने की कगार पर था। क्योंकि, कॉलेज खत्म होते ही दोनों को जॉब के लिए अलग-अलग शहरों में जाना पड़ सकता था या दोनों को अलग-अलग कंपनियों में नौकरी करनी पड़ सकती थी। यह सोच कर काजल ने निशांत को प्रपोज करने का प्लान बनाया। वह वैलेंटाइन डे का बेसब्री से इंतजार करने लगी। उसने न जाने कितनी बार अपने दिल की बात कहने की रिहर्सल तक कर ली। आखिर उसका इंतजार खत्म हुआ और वैलेंटाइन डे आ ही गया।

काजल सुर्ख लाल रंग की पोशाक पहन कर और बैग में चॉकलेट्स और गुलाब का फूल लेकर कॉलेज पहुंची। निशांत अपने दोस्तों के साथ बात करने में मशगूल था। काजल ने उसे दो से तीन बार आवाज लगाई, लेकिन उसने नजरअंदाज कर दिया। काजल ने उसका हाथ पकड़ कर खींचा और उसे सीढ़ियों की तरफ लेकर गई। निशांत चिल्लाया, “ये क्या हरकत है काजू? मैं बात कर रहा था ना दोस्तों के साथ। अच्छा बोलो क्या बात है?” काजल ने अपने बैग से चॉकलेट और फूल निकालते हुए कहा कि, “निशू ये तुम्हारे लिए है।”

निशांत शरारत में भौंहें ऊपर करते हुए बोला, “ओहो! तो मैडम इस वैलेंटाइन डे (Valentine Day) भी सिंगल ही रह गईं। इसलिए ये सब अपने बेस्ट फ्रेंड को दे रही हैं।” काजल ने उसका हाथ पकड़ते हुए कहा, “नहीं निशू, मैं तुमसे प्यार करती हूं। मैं हमारी दोस्ती को एक नया नाम देना चाहती हूं। तुम मुझे आज से नहीं बल्कि स्कूल टाइम से ही अच्छे लगते हो।” इतना सुनते ही निशांत के चेहरे का रंग उड़ गया। उसके चेहरे पर कोई भाव नहीं था, मानो वह सुन्न पड़ गया हो। काजल ने उसे झंकझोरते हुए कहा, “क्या हुआ? कुछ तो बोलो।”

निशांत ने खुद को संभालते हुए कहा, “काजू, तुम मेरी बेस्ट फ्रेंड हो और मैंने तुम्हें कभी उस नजर से नहीं देखा।” काजल थोड़ा शरारती अंदाज में बोली, “तो अब देख लो।” निशांत चिढ़ते हुए बोला, “नहीं देख सकता, क्योंकि मुझे तुम में इंटरेस्ट नहीं है।” काजल का चेहरा उतर गया, “क्या तु… तुम्हारा इंटरेस्ट किसी और लड़की में है?” काजल के इस सवाल पर निशांत झल्ला गया। वह काजल का हाथ झटकते हुए बोला, “मुझे न ही तुम में इंटरेस्ट है और न ही किसी भी लड़की। यूं कह लो कि मुझे लड़कियों में इंटरेस्ट है ही नहीं।” काजल चौंकते हुए कहती है, “तो क्या तुम…?” निशांत धीमी आवाज में कहता है, “हां काजू, तुम सही समझ रही हो। हो सके तो मुझे माफ कर देना।”

उन दोनों की ये बात सीढ़ी के नीचे खड़े उसके क्लास के लड़के सुन रहे थे। फिर क्या था! यह बात पूरे क्लास में आग की तरह फैल गई। क्लास के सभी लड़के निशांत से किनारा करने लगे। कुछ ने तो यहां तक कह डाला कि हमें अपनी इज्जत बहुत प्यारी है और हमारी तो गर्लफ्रेंड भी है। निशांत को ये बातें कांटे की तरह चुभने लगीं। उसे लगा कि उसने काजल का प्रपोजल नहीं माना, इसलिए उसने पूरे कॉलेज को उसके बारे में बता दिया। उसने काजल से दूरी बना ली।

काजल ने कई बार निशांत से बात करने की कोशिश की, लेकिन उसने काजल को हर जगह से ब्लॉक कर दिया था। धीरे-धीरे आठ साल बीत गए। काजल एक मल्टीनेशनल कंपनी में बतौर मैनेजर काम करने लगी। उसे मीटिंग के सिलसिले में एक शहर से दूसरे शहर जाना पड़ता था। इसी तरह की एक बिजनेस मीटिंग थी मुंबई में, जिसमें देश की कई कंपनियां हिस्सा ले रही थी।

मुंबई के ट्रैफिक के कारण एयरपोर्ट से मीटिंग वाले स्थान पर आने में काजल को थोड़ी देर हो गई। मीटिंग हॉल में जब काजल एंट्री करती है, तो हॉल की सभी लाइट्स बंद रहती है। क्योंकि मीटिंग में एक व्यक्ति प्रोजेक्टर पर प्रेजेंटेशन दिखा रहा था। काजल एक कुर्सी पर बैठ जाती है और प्रेजेंटेशन देखने लगती है। प्रेजेंटेशन पेश करने वाले आदमी की आवाज उसे जानी पहचानी सी लग रही थी। वह बार-बार उसका चेहरा देखने की कोशिश कर रही थी, लेकिन अंधेरा होने के कारण कुछ दिखाई नहीं देता। तभी तालियां बजने लगती हैं और लोगों की आवाज आती है, “वेलडन मिस्टर निशांत! इट्स इम्प्रेसिव।”

‘निशांत’ सुन कर काजल आठ साल पीछे चली जाती है, क्योंकि आंखों के सामने आज उसका बेस्ट फ्रेंड निशांत खड़ा था। मीटिंग खत्म होने के बाद काजल हॉल से बाहर निकलती है और लंच के स्टॉल की तरफ जाती है। तभी पीछे से आवाज आती है, “ओए काजू!” काजल मुस्कुरा कर झट से पीछे मुड़ी। “और मैडम! काफी बड़ी आदमी बन गईं… हम्म!” निशांत ने उसी अंदाज में कहा, जैसा कॉलेज में कहा करता था। उसकी बातें सुन कर काजल हैरान थी कि मानो कुछ हुआ ही न हो। “कॉफी पर चलें?” निशांत ने मुस्कुरा के पूछा। काजल ने हां में सिर हिला दिया।

दोनों एक कैफे में जाते हैं और फिर कॉलेज के किस्से कहानियां और दोस्तों के ओहदे की बातें शुरू होती हैं। अचानक से बातें बंद हो गईं, एक सन्नाटा छा गया। काजल ने उस सन्नाटे को चीरते हुए कहा, “मैंने तुम्हारे बारे में किसी को कुछ नहीं बताया था। मुझे नहीं पता कि सभी को ये बात कैसे पता चली!” निशांत ने काजल के हाथों पर अपना हाथ रखते हुए कहा, “मुझे पता है। कॉलेज खत्म होने के एक साल बाद यह बात समझ में आई कि जो हुआ था अच्छे के लिए हुआ था। मैं उस शख्स का शुक्रिया अदा करना चाहूंगा, जिसने पूरे कॉलेज में मेरे बारे में बताया। इसके बाद ही तो मैं अपनी जिंदगी को खुलकर जी पाया। मैं दुनिया को खुल कर बता पाया, जो मैं हूं। मैं खुद को स्वीकार कर पाया। देखो आज मैं खुश हूं।”

निशांत के चेहरे पर खुशी और कॉन्फिडेंस दोनों साफ दिखाई दे रहा था, जिसे काजल अपलक देख रही थी। काजल की आंखों के सामने निशांत ने चुटकी बजाते हुए कहा, “क्या हुआ?” काजल मुस्कुराई और सिर हिलाकर इशारा किया कि कुछ नहीं। फिर कॉफी पीकर दोनों कैफे से बाहर निकलते हैं। काजल अचानक से निशांत के गले लग जाती है। निशांत कुछ कह पाता, उससे पहले काजल बोल पड़ती है, “क्या तुम दोबारा मेरे बेस्ट फ्रेंड बनोगे?” निशांत के मुस्कुराते ही दोनों खिलखिलाकर हंस पड़ते हैं।

X

आनंदमय और स्वस्थ जीवन आपसे कुछ ही क्लिक्स दूर है

सकारात्मकता, सुखी जीवन और प्रेरणा के अपने दैनिक फीड के लिए सदस्यता लें।

A Soulful Shift

Your Soulveda favorites have found a new home!

Get 5% off on your first wellness purchase!

Use code: S5AVE

Visit Cycle.in

×