हार्ड वर्क, स्मार्ट वर्क

हार्ड नहीं, स्मार्ट वर्क: इन 8 तरीकों से करें बेहतर टाइम मैनेजमेंट

अच्छे टाइम मैनेजमेंट (Time management) से मिलेगी बेहतर प्रोडक्टिविटी, अच्छे नतीजे और दबाव भी कम होंगे। इसके लिए ज़रूरी है कि हम समय का सही तरीके से इस्तेमाल करें।

सोमवार की एक और सुबह। नींद से उठते ही आप सोचते हैं कि अपने सारे काम कर लेंगे। यही नहीं आपको इतना समय भी मिलेगा कि अच्छा खाना बना लेंगे, लेकिन कई बार हम जैसा सोचते हैं, वैसा नहीं हो पाता। सुबह 9 बजने के साथ ही आपने अपना काम शुरू कर दिया है, तभी आपको याद आता है कि आज दोपहर तक आप लगातार मीटिंग (Meeting) में व्यस्त रहने वाले हैं। यह सोचते ही आपका उत्साह फीका पड़ जाता है। आप सोच में पड़ जाते हैं कि चीज़ों को बेहतर तरीके से संभालने के लिए क्या किया जा सकता था? इस समस्या का इकलौता समाधान है टाइम मैनेजमेंट (Time management)।

कम समय में सबसे बेहतर कॉर्डिनेशन (Coordination) और काम को प्लानिंग (Planning) के साथ करना ही अच्छा टाइम मैनेजमेंट है। इससे आप बेहतरीन क्षमता के साथ नतीजे दे सकते हैं। साफ शब्दों में कहें तो इसका मतलब कम समय में ज़्यादा और बेहतर काम है। इसका इस्तेमाल कर आप ज़िंदगी के हर पहलू खासतौर से प्रोफेशनल लाइफ (Professional life) में सबसे ज़्यादा फायदा उठा सकते हैं।

इससे प्रोडक्टिविटी (Productivity) बढ़ाने, बेहतर नतीजे मिलने, तनाव कम करने के साथ ही काम और ज़िंदगी के बीच बैलेंस बनाने में भी मदद मिलती है। दूसरे शब्दों में कहें तो खराब टाइम मैनेजमेंट से प्रोडक्टिविटी कम हो सकती है। इसके साथ ही काम का ढेर, बर्न आउट, ज़्यादा तनाव और खीज भी पैदा हो सकती है। इसलिए अगर आप स्मार्ट तरीके से और कम समय में ज़्यादा काम करना चाहते हैं, तो यहां इसके लिए कुछ टिप्स दिए गए हैं।

टाइमट्रैकर (Time-tracker) का करें इस्तेमाल

टाइम-ट्रैकर एक इफेक्टिव टाइम मैनेजमेंट टूल (Time management tool)  है, जो आपको व्यवस्थित और सही तरीके से काम को मैनेज करने में मदद कर सकता है। इसके ज़रिए ज्यादा चीज़ें करने के साथ ही आप समझेंगे कि अपने काम पर कैसे वक्त दिया जाए। जब लगने लगेगा कि किन कामों में सबसे ज़्यादा वक्त लगता है, तब आपको एहसास होने लगेगा कि उस समय का बेहतर तरीके से इस्तेमाल हुआ या नहीं? इन बातों से आपको जो ज्ञान मिलेगा वह आपकी आंखें खोल देगा। अपनी सोशल मीडिया फीड  को स्क्रॉल करना या बिना सोचे-समझे इंटरनेट पर बैठे रहना कुछ ऐसे काम हैं, जिनपर हम रोज़ काफी वक्त बर्बाद करते हैं। नेट पर ज़्यादा समय देने से बचने के लिए आप रिमाइंडर सेट कर सकते हैं।

दिन की शुरुआत जल्द करें 

आपके पास एक दिन में सिर्फ 24 घंटे हैं, इसलिए उसका सबसे बेहतर तरीके से इस्तेमाल करने की कोशिश करनी चाहिए। बस थोड़ी देर पहले जागने से आपका दिन बड़ा हो जाएगा। अपने जागने के समय से 30 मिनट पहले अलार्म लगाकर इसकी शुरुआत करें। इस अतिरिक्त समय का इस्तेमाल मेडिटेशन, एक्सरसाइज, बागवानी या साइड प्रोजेक्ट्स के लिए किया जा सकता है। इन गतिविधियों से आपको मानसिक और शारीरिक दोनों तरीके से बेहतर महसूस होगा और आप नए रंगत के साथ सुबह की शुरुआत करेंगे। जब आप वर्कप्लेस (Workplace) के बाहर की गतिविधियों के लिए अलग से स्लॉट बनाते हैं, तो यह बेहतरीन तरीके से टाइम मैनेजमेंट में मदद करता है।

हर काम के लिए टाइम लिमिट (Time Limit) तय करें

हर काम के लिए एक टाइम लिमिट (Time Limit) निर्धारित करने से टालमटोल की आदत पर लगाम लगती है। जैसे कि अगर आपको कोई असाइनमेंट (Assignment) पूरा करना हो तो एक ऐसी डेडलाइन बनाएं जिसमें वह काम पूरा हो सके। एक बार जब आपने उस काम पर तय वक्त दे दिया तो दूसरे महत्वपूर्ण काम पर ध्यान दें। जल्द ही आपको लगेगा कि आपकी प्रोडक्टिविटी आसमान छू रही है। इस बेहद आसान लेकिन प्रभावी रणनीति की वजह से आपकी वर्कलिस्ट छोटी होती जाएगी।

फर्स्ट हाफ तक निपटाएं सबसे महत्वपूर्ण काम

टाइम मैनेजमेंट का एक और सबसे अहम तरीका यह है कि सबसे ज़रूरी काम को फर्स्ट हाफ में पूरा करना। अपने काम की लिस्ट बनाते समय उसे महत्व के हिसाब से छांटे। उन टास्क की पहचान करें, जिनपर तुरंत ध्यान देने के साथ ही उसे तय वक्त में पूरा करना है। इन्हें ज़रूरत की बजाय महत्व के हिसाब से देखें। इससे आप अपना समय और कोशिश उन गतिविधियों पर ज़्यादा लगा पाएंगे, जिससे बिजनेस के लक्ष्य हासिल किए जा सकें। ध्यान रखें कि अर्जेंट गतिविधियां हमेशा ज़रूरी नहीं होती।

मन को ना भटकने दें

आज सोशल मीडिया (Social media) से लेकर स्मार्टफोन और गपशप तक कई चीज़ें रोज़ हमारा ध्यान भटकाती हैं। बेसेक्स की एक स्टडी के मुताबिक ऑफिस में ध्यान भटकने से रोज़ाना औसतन करीब 2.1 घंटे बर्बाद होते हैं। इन चीज़ों से थोड़ी सख्ती से निपटकर आप टाइम मैनेजमेंट कर सकते हैं। जिस टैब पर आप काम कर रहे हैं, उसके अलावा सभी को बंद कर दें। सोशल मीडिया के नोटिफिकेशन को बंद कर दें। अपनी शिफ्ट खत्म करने के बाद ही पर्सनल कॉल करें। पता करने की कोशिश करें कि कौन सी चीज़ें सबसे ज्यादा ध्यान भंग करती हैं। उनको खत्म करने के लिए ज़रूरी उपाय करें। ऐसा करने से आपका ध्यान काम पर लगेगा और प्रोडक्टिविटी बेहतर करने में मदद मिलेगी।

रेगुलर ब्रेक (Regular Break) के साथ दिमाग को करें तरोताज़ा

स्मार्ट टाइम मैनेजमेंट (Smart time management) का मतलब हमेशा कुछ करना नहीं होता है। इसका मतलब अपने दिमाग और शरीर को आराम देना भी है। इसके लिए समय निकालना ज़रूरी है। आराम भी उतना ही ज़रूरी है जितना काम। इसलिए जब आप दिन के लिए शेड्यूल तैयार कर रहे हों, तो उसमें ब्रेक को ज़रूर शामिल करें। यह आपको रीचार्ज करने का समय देता है, जिससे जब आप काम पर लौटते हैं, तो टास्क पर  ज़्यादा ध्यान दे पाते हैं। थोड़ा टहलें, चार-पांच फास्ट स्ट्रेच करें, ध्यान करें या संगीत सुनें। सबसे ज़रूरी बात अपना लंच ब्रेक कभी न छोड़ें। एक सर्वे के मुताबिक कर्मचारी अगर एक साथ लंच ब्रेक लेते हैं, तो इससे उनकी खुशी, काम से लगाव और प्रोडक्टविटी पर अच्छा असर पड़ता है।

मल्टीटास्किंग (Multitasking) से बचें

कई बार लोग अपना काम जल्दी खत्म करने के लिए मल्टीटास्किंग (Multitasking) का सहारा लेते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इससे प्रोडक्टविटी बढ़ने की बजाय कम हो जाती है। एक साथ कई काम करने से आप न सिर्फ अपना समय बल्कि अपना फोकस भी खो देते हैं। ऐसा लग सकता है कि आप ज़्यादा काम कर रहे हैं, लेकिन यकीन मानिए ऐसा नहीं है। मल्टीटास्किंग वास्तव में आपकी स्किल और प्रदर्शन को कम करता है। अपनी किताब ‘द मिथ ऑफ मल्टीटास्किंग: हाउ “डुइंग इट ऑल” गेट्स नथिंग डन’ में डेविड क्रेंशॉ कहते हैं, जब कई लोग मल्टीटास्किंग की बात करते हैं, तो वे वास्तव में स्विच टास्किंग के बारे में बात कर रहे होते हैं। कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे इसे कैसे करते हैं, दो चीज़ों के बीच तेज़ी से स्विच करना बहुत आसान नहीं है।

जो प्लान करें, उसे पूरा करें

शेड्यूल बनाना एक बात है और उसके तहत काम करना दूसरी बात। अगर आप यह सीखना चाहते हैं कि काम के दौरान टाइम मैनेजमेंट कैसे करें, तो अपनी प्लानिंग को लेकर गंभीर रहें। अपने काम की लिस्ट को लगातार फॉलो करते रहें। ऐसा करने से आपकी चीज़ों पर नज़र रहेगी। इससे आपका ध्यान नहीं भटकेगा और बिना किसी परेशानी के आप अपने काम कर सकेंगे। अगर आप चाहते हैं कि आपका प्रोजेक्ट सफल हो तो आपको इसमें पूरी तरह से डूब जाना होगा। किसी चीज़ में सिर्फ शामिल होना काफी नहीं है, आपको इसके लिए पूरी तरह से समर्पित होना होगा।

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