“जल ही जीवन है!” ये पंक्ति अक्सर आपने सार्वजनिक नलों और दीवारों पर लिखी देखी होगी। पर क्या आप इस पंक्ति को सच्चाई मानते हैं? क्या कभी आपने सोचा है कि हमें जगह-जगह पर ये पंक्ति लिखने की ज़रूरत क्यों पड़ी? और अफसोस इस बात का है कि, लोग आज भी पानी की बर्बादी को हल्के में ले रहे हैं। कोई अपने वाहनों और गलियों की धुलाई के लिए जाने कितने ही लीटर पानी नालियों में बहा रहा है, तो कोई एक बूंद पानी के लिए जाने कितने दिनों से प्यासा बैठा हुआ है।
जिन इलाकों में पानी आसानी से उपलब्ध है, वहां रहने वाले लोग पानी के महत्व को अनदेखा कर देते हैं। वहीं, जहां पानी नहीं है वो लोग पानी के महत्व को अच्छे से समझते हैं। जहां पानी है, अगर वहां के लोग समय रहते पानी की एक-एक बूंद की कीमत समझ लें तो हम बहुत हद तक आगे आने वाली जेनरेशन के लिए पानी की बचत कर सकते हैं। चलिए आगे जानते हैं कि विश्व जल दिवस क्या है और हमें इसकी कितनी ज़रूरत है।
बूंद-बूंद से सागर भरता है (Boond-boond se sagar bharta hai)
हमें पानी की ज़रूरत क्यों है? क्योंकि पानी में ऑक्सीजन की मात्रा होती है और हमारे ज़िंदा रहने के लिए पानी बहुत ज़रूरी घटक है? आप भी शुरुआत में पूछे गए सवाल का जवाब कुछ ऐसे ही देते न? वैज्ञानिकों के अनुसार मानव शरीर 70% पानी से बना है। हमें पानी की ज़रूरत सिर्फ पीने के लिए नहीं होती, बल्कि नहाने-धोने, खाना पकाने और वातावरण में नमी रखने के लिए भी होती है। जहां सालों-साल बारिश नहीं होती है, बंजर जमीन पर सूखा पड़ जाता है, वहां आसमां से टपकती पानी की कुछ बूंदें ही आशा की किरण होती हैं। समंदर का पानी भी एक एक बूंद के मिलने से ही बना है।
अगर हम सोचें कि जल के बिना जीना संभव है तो ये हमारी सबसे बड़ी भूल है, क्योंकि पानी के बिना रहना बहुत मुश्किल है। आपने कभी अपने बाथरूम के नल से टप-टप टपकती पानी की बूंदों पर गौर किया है? अगर आप उसके पीछे एक बाल्टी लगा दें तो देखेंगे कि कुछ घंटों बाद भी वो बाल्टी भर चुकी है। हालांकि, ज़्यादतर लोग उस टपकते नल पर ध्यान ही नहीं देते और न जाने कितनी ही बाल्टी पानी पूरे दिन में बर्बाद होने देते हैं। हमें ऐसे पानी बर्बाद होने से रोकना होगा। इस विश्व जल दिवस पर जल बचाएं और अपने साथ-साथ सभी को जल का महत्व बताएं।
विश्व जल दिवस क्या है? (Vishv Jal Divas kya hai?)
जल दिवस, जल को बचाने के लिए चलाई गई एक मुहिम है। जल या पानी के महत्व को जान लेना काफी नहीं है, इसके साथ ही व्यक्ति को तेज़ी से बढ़ते जल संकट की वजहों को भी समझना होगा, ताकि पानी की बर्बादी को रोका जा सके। इस मामले में पर्यावरण विशेषज्ञों की मानें तो आज के समय में विकास के नाम पर बड़ी-बड़ी इमारतें बनाई जाती हैं। इसके लिए अंधाधुंध पेड़ काटे जा रहे हैं, उनकी तुलना में नए पौधे भी नहीं लगाए जाते। जिससे प्राकृतिक चक्र पर संकट बन आया है, पानी का स्तर सामान्य से घटकर काफी नीचे जाता जा रहा है, और जल स्त्रोत सूखते जा रहे हैं और पर्यावरण खतरे में है।
नदियां कारखानों के कचरे से दूषित हो रही हैं, ग्रामीण क्षेत्रों के निवासी नदियों के पानी से अपना गुज़ारा करते थे, पर प्रदूषित नदियों ने उसकी मुश्किलों को बड़ा दिया है। ये सब भविष्य के लिए खतरे की घंटी है, अगर समय रहते हमें पानी की कद्र नहीं हुई तो हम सब पानी की कमी के चलते एक बहुत बड़ी मुसीबत में पड़ जाएंगे। इसी मुसीबत को समय रहते हल करने के लिए विश्व जल दिवस मनाया जाता है ताकि हम अपने विश्व को एक बहुत बड़े संकट यानी जल की कमी के संकट से बचा सकें।
कब है जल दिवस? (Kab hai Jal Divas?)
हर साल 22 मार्च को विश्व जल दिवस (World Water Day 2023) मनाया जाता है। पानी की बर्बादी को रोकने और लोगों को पानी का महत्व समझाने के लिए ही विश्व जल दिवस मनाया जाता है।
जल दिवस का इतिहास (Jal Divas ka itihas)
साल 1992 में ब्राजील के रियो द जेनेरियो में ‘पर्यावरण तथा विकास का संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन’ आयोजित किया गया था। इसी दिन इस बात की घोषणा की गई कि हर साल 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाया जाएगा। इसके बाद साल 1993 में 22 मार्च को पहला वर्ल्ड वाटर डे (World Water Day) यानी विश्व जल दिवस मनाया गया। तब से हर साल विश्व जल दिवस के रूप में पानी के महत्व और बचाव को सभी व्यक्तियों को समझाया जाता है।
पानी की बचत कैसे करें? (Pani ki bachat kaise karein?)
पानी बचत करना बिल्कुल भी मुश्किल नहीं है। अगर हम सब अपने-अपने स्तर पर कोशिश करें तो ‘जल बचाओ’ मुहिम में अपना आसानी से योगदान दे सकते हैं। इसके लिए हमें कहीं बाहर जाने की ज़रूरत भी नहीं है, हम पानी बचाने की शुरुआत अपने घर से कर सकते हैं। जितना ज़रूरी हो उतना ही पानी बहाएं। अगर घर में किसी नल के बंद होने के बाद भी उससे बूंद-बूंद करके पानी टपकता है, तो ऐसे नल को तुरंत सही करवाएं। अपने आस-पास हरियाली रखें, ज़्यादा से ज़्यादा पेड़ लगाएं और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करें। नदियों आदि में गंदगी और कूड़ा-करकट न फेंकें। अपने बच्चों को पानी की अहमियत शुरू से ही समझा दें ताकि आगे चलकर, इस अच्छी आदत के चलते वो भी पानी की बर्बादी न करें।
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