शांति से एक साथ रहने पर समाज में दिखेंगे ये 10 बड़े बदलाव

आज भी लोगों को उनके गोरे या काले रंग के आधार पर परखा जाता है। समाज की इन बुराइयों और नफरतों की दीवारों को गिराने के लिए ही शांति से एक साथ रहने का अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है।

हम एक ऐसे समाज में रहते हैं, जहां बहुत-सी जाति, धर्म, रूप-रंग और संस्कृति के लोग एक साथ मिलकर रहते हैं। उनमें से बहुत से लोग ऐसे हैं, जो दूसरों के लिए कोई भी भेदभाव या घृणा की भावना अपने मन में नहीं रखते और शांति से अपने जीवन में व्यस्त रहते हैं। वहीं इस समाज में बहुत-सी बुराइयां भी मौजूद हैं। यहां लोग एक-दूसरे को उसके रंग, जाति और संस्कृति के आधार पर नफरत भरी निगाहों से देखते हैं, ऊंच-नीच के बड़े से दलदल में आज भी हमारे पैर फंसे हुए हैं। आज भी लोगों को उनके गोरे या काले रंग के आधार पर परखा जाता है। समाज की इन बुराइयों और नफरतों की दीवारों को गिराने के लिए ही शांति से एक साथ रहने का अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है। शांति से एक साथ रहने का अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य समाज में सभी लोगों को प्यार और शांति से साथ मिलकर रहने के लिए प्रेरित करना है। आइए हम सोलवेदा के साथ जानते हैं कि कैसे हम शांति से एक साथ मिलकर (Living Together In Peace) रहकर, अपने समाज में बड़े बदलाव कर सकते हैं।

शांति से एक साथ रहने का अंतरराष्ट्रीय दिवस क्यों मनाया जाता है? (Shanti se ek sath rahne ka Antarashtriya Divas kyun manaya jata hai?)

जब दूसरा विश्व युद्ध हुआ और उसमें खूब तबाही हुई, तब भविष्य में आने वाली पीढ़ियों को युद्ध जैसी परेशानियों से बचाने के लिए संयुक्त राष्ट्र की नींव रखी गई थी। जिससे अंतरराष्ट्रीय समस्याओं को हल करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग मिल सके। संयुक्त राष्ट्र की नींव रखने की खास वजह थी, जाति, लिंग, भाषा या धर्म के भेदभाव के बिना सभी के लिए मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देना।

1997 में, जनरल-असेंबली ने अपने संकल्प 52/15 द्वारा साल 2000 को ‘शांति की संस्कृति के लिए अंतर्राष्ट्रीय वर्ष’ के रूप में घोषित किया। 1998 में, 2001-2010 की अवधि को ‘विश्व के बच्चों के लिए शांति और अहिंसा की संस्कृति के लिए अंतर्राष्ट्रीय दशक’ के रूप में घोषित किया।

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अपने प्रस्ताव 72/130 में, शांति, सहिष्णुता (Tolerance), मिलकर रहना, समझ और एकजुटता को बढ़ावा देने की अंतरराष्ट्रीय समुदाय की कोशिशों को जोड़ने के लिए हर साल 16 मई को शांति से एक साथ रहने का अंतर्राष्ट्रीय दिवस घोषित किया। शांति से एक साथ रहने का अंतर्राष्ट्रीय दिवस का मकसद शांति, एकजुटता और सद्भाव की एक नई दुनिया बसाने के लिए दुनिया भर में फैली विभिन्नता और नफरतों को दूर करके शांति से एक साथ रहना है।

लिविंग टुगेदर इन पीस डे कब है? (Living Together in Peace day kab hai?)

शांति से एक साथ रहने का अंतर्राष्ट्रीय दिवस हर साल 16 मई को मनाया जाता है।

एक साथ मिलकर रहने से समाज में होंगे ये 10 बदलाव (Ek sath milkar rahne se samaj mein honge ye 10 bade badlav)

शांति से एक साथ रहने के अंतर्राष्ट्रीय दिवस के मौके पर हम अपने समाज में फैले भेदभाव और घृणा की भावनाओं को खत्म करके, शांति से एक साथ रहकर, दुनिया बदल सकते हैं, जिससे हमें हमारे समाज में 10 बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे।

लड़ाईयां कम होंगी

जब हम अपने समाज में मिल-जुलकर शांति से रहेंगे तो इससे आपसी संबंध मजबूत होंगे। फालतू के लड़ाई-झगड़े नहीं होंगे और न ही कभी विश्व युद्ध जैसे हालात बनेंगे।

बढ़ेगा भाईचारा

समाज में शांति से एक साथ मिलकर रहने से भाईचारे की भावना बढ़ेगी। हम सब एक दूसरे के साथ प्यार से रह पाएंगे। शांति से एक साथ रहने का अंतर्राष्ट्रीय दिवस भी हमें एक-साथ मिलकर रहने के लिए प्रेरित करता है।

ज़रूरत पड़ने पर मिलेगी मदद

जब हम अपने समाज में शांति से एक साथ मिलकर रहेंगे, तो हम सब ज़रूरत पड़ने पर एक-दूसरे से मदद मांग सकते हैं और एक-दूसरे के काम आ सकते हैं।

प्यार और शांति की भावना

शांति से मिल-जुलकर रहने से एक-दूसरे के लिए प्यार, सम्मान और अपनेपन की भावना पैदा होगी, जिससे यह समाज आगे आने वाली पीढ़ी के लिए भी सुकून भरा बन जाएगा।

कोई गैर हम पर हावी नहीं होगा

जब हम सब में एकता होगी, तो कोई अन्य समाज या देश आकर, हमारा फायदा नहीं उठा पाएगा, क्योंकि हम हर कदम पर एक-दूसरे के साथ खड़े होंगे।

कोई भी अकेला नहीं होगा

मिल-जुलकर रहने से मन के अंदर का अकेलापन दूर होगा, क्योंकि हमारे पास अन्य बहुत से लोग होंगे जिनके साथ हम अपने मन की बातें साझा कर सकते हैं।

किसी का शोषण नहीं होगा

अगर हम सब मिल-जुलकर रहेंगे, तो किसी भी वर्ग का शोषण नहीं होगा। हम ऊंच-नीच, जाति-धर्म, गरीब-अमीर की बातों से ऊपर उठकर एक शांत और खुशहाल जीवन जी पाएंगे। समाज में सबको एक समान तरीके से जीने का हक मिलेगा।

व्यापारिक संबंध बेहतर होंगे

अगर हम सब एक साथ शांति से रहेंगे, तो देश-विदेशों के आपस में संबंध मजबूत होंगे, जिससे व्यापारिक विस्तार होगा और बहुत से लोगों को रोज़गार मिलेगा।

एक बेहतर भविष्य की कल्पना

हमारे मिलकर रहने से हमारी आने वाली पीढ़ियां एक शांत वातावरण में रह पाएंगी, हर तरफ खुशियां होंगी और मन शांत होगा।

देश तरक्की करेगा

जब हर तरफ अमन और चैन बिखर जाएगा, तो लोग शिक्षा की तरफ ध्यान देंगे, जिससे सब लोग शिक्षा का महत्व समझेंगे और हमारा समाज पढ़-लिख कर तरक्की करेगा।

खुद भी शांति से एक साथ रहें और औरों को भी रहने के लिए प्रेरित करें। ऐसे ही और आर्टिकल पढ़ने के लिए सोलवेदा हिंदी से जुड़े रहें।