हर इंसान की ज़िंदगी में कुछ पड़ाव होते हैं, जैसे- बचपन के बाद स्कूल लाइफ, फिर कॉलेज, करियर, लव और शादी, बच्चे आदि। हर एक पड़ाव हमारे लिए ज़रूरी होता है और सबके अपने-अपने मायने होते हैं। जहां कॉलेज ज़रूरी है वहां लव लाइफ की भी अपनी अलग अहमियत है। ठीक वैसे ही करियर भी ज़िंदगी का ज़रूरी हिस्सा है। करियर का महत्व भी बहुत बड़ा है। करियर का बीज स्कूल और कॉलेज में हमारे अंदर डाला जाता है और जब हम किसी एक क्षेत्र को चुनकर उसमें काम करने लग जाते हैं, तो वहां से शुरू होता है हमारे करियर रूपी पेड़ का फलना-भूलना। फिर जैसे-जैसे हम अपने काम में तरक्की करते जाते हैं ये पेड़ और भी बड़ा और मजबूत होता जाता है और हम सफल करियर की श्रेणी में आ जाते हैं। लेकिन इस करियर का बीज आखिर होता कैसा है? इस बीज को पेड़ बनाने के लिए लोग क्या करते हैं? तो चलिए इन्हीं सवालों के जवाब सोलवेदा के साथ जानते हैं।
दरअसल हमारे सपने, रुचि, पसंद-नापसंद मिलकर इस बीज का निर्माण करती है। कुछ लोगों को जीव-विज्ञान अच्छा लगता है तो कुछ लोगों को संगीत की तान। कुछ लोग नाचने में माहिर होते हैं तो कुछ लोग एक बेहतर लीडर के गुण रखते हैं। कुछ लोग जहाज बनाना चाहते है तो कुछ उस जहाज को चलाने के सपने देखते हैं। अपनी इन्हीं रुचि और सपनों को सच करने के लिए लोग उसी काम को करियर बना लेते हैं और उसमें आगे बढ़ने के लिए निकल पड़ते हैं। जबकि कुछ व्यक्तियों के लिए अपने सपनों को पहचान पाना ही मुश्किल हो जाता है। उन्हें अपनी मर्जी का काम और करियर चुनने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। तब ऐसे में करियर काउंसलर उन्हें अपने जीवन के लक्ष्य तय करने में मदद करता है। करियर काउंसलर ये पता लगाने में हमारी मदद करता है कि हम कौन हैं? हम अपनी शिक्षा, अपने करियर और अपने जीवन से क्या चाहते हैं? करियर काउंसलर हमें हमारे सपने से मिलवाने में मदद करते हैं। हम करियर काउंसलिंग की मदद लेकर अपने लिए एक बेहतर जीवन का चुनाव कर सकते हैं। आइये आगे जानते हैं कि करियर काउंसलिंग किस तरह से हमारी मदद करती है और कितना अहम है करियर का महत्व।
आप क्या बनना चाहते हैं? (Aap kya banna chahte hain?)
बच्चे के जन्म लेते ही मां-बाप सोच लेते हैं कि, मेरा बेटा या बेटी डाक्टर बनेगा या इंजीनियर बनेगी या हम इसे वकील बनाएंगे। स्कूल में थोड़ी समझदारी आने के बाद, टीचर्स भी बच्चों से पूछने लगते हैं कि, बताओ बच्चों आप बड़े होकर क्या बनोगे? घर में कोई रिश्तेदार या सगा-संबंधी बच्चे की हरकतों को देखकर उनके करियर का अनुमान लगाते फिरते हैं, जैसे अगर बच्चे को रंगों से खेलना पसंद है तो वो कहते हैं कि इसमें तो पेंटर बनने के लक्षण हैं, देखना ये तो पेंटर बनेगा। वहीं अगर बच्चे को किताबें पढ़ना नहीं पसंद तो ये अंदाजा भी लगा लिया जाता है कि ये तो पता नहीं अपने करियर का क्या करेगा। इसका तो कुछ भी बन पाना मुश्किल है।
‘कुछ बनना’ किसी की भी ज़िंदगी का सबसे अहम हिस्सा बन जाता है या यूं कहें तो कुछ बनने पर ही हमारी सारी ज़िंदगी निर्भर करती है। हमें क्या बनना है? ये हमारे करियर और ज़िंदगी का अहम सवाल होता है। ये सवाल हमारी पसंद-नापसंद और रुचि का काम तय करती है। वो काम जो हमें बुढ़ापे तक करना है। इतनी लंबे वक्त तक किसी काम में लगे रहना है तो वो काम भी ऐसा होना चाहिए न जो हमारी इच्छा का हो। जिसे हम बिना बोर हुए करते रहें। नौकरी में कार्य संतुष्टि होना बहुत जरूरी है।
कुछ लोगों के लिए ‘आप क्या बनना चाहते हैं?’ जैसे सवाल का जबाव देना बहुत आसान होता है। पर कुछ लोग खुद को लाख बार खंगालने के बाद भी ये तय नहीं कर पाते कि आखिर उन्हें क्या बनना है? उनका सपना क्या है? वो अपनी ज़िंदगी में क्या करना चाहते हैं? और तब इन सब सवालों के जवाब उन्हें मिलते हैं, करियर काउंसलिंग से। जिसमें काउंसलर उन्हें उनके सपने चुनने में मदद करता है।
ज़िंदगी में करियर का महत्व क्या है? (Zindagi mein career ka mahatva kya hai?)
करियर सिर्फ अपने लिए एक नौकरी खोजना नहीं है बल्कि करियर का महत्व इससे कहीं बड़ा है। ये वास्तव में जीवन भर चलने वाली एक ऐसी प्रक्रिया है, जो हमारी ज़िंदगी का अहम हिस्सा बनकर रहता है। हम बदलेंगे, परिस्थितियां बदलेंगी और हमें लगातार करियर और जीवन के फैसले लेने होंगे। करियर हमारी ज़िंदगी में हमारी इच्छाओं, सपनों और पसंद के आधार पर चुना गया एक ऐसा क्षेत्र है जो हमें अपनी ज़िंदगी में काबिल बनाती है। जैसा कि मैंने ऊपर कहा, करियर हमारे जीवन में उतना ही मायने रखता है जितना की बाकी चीज़ें।
करियर हमारे व्यक्तित्व को निखार और संतुष्टि देता है। व्यक्तिगत संतुष्टि के अलावा, करियर वित्तीय स्थिरता और सुरक्षा (financial stability and protection) भी देता है। बिना अच्छे करियर के एक व्यक्ति कुछ नहीं है। उसे अगर अपने जीवन के लक्ष्यों में उपलब्धि चाहिए और दुनिया में बेहतर इंसान के रूप में और नौकरी में तरक्की करनी है तो उसे एक स्थिर करियर चुनना ही होगा। अगर वक्त पर हम करियर का महत्व समझ लेते हैं तो ये हमारी पूरी ज़िंदगी संवार सकता है।
करियर काउंसलिंग कैसे करती है मदद? (Career counseling kaise karti hai madad?)
स्कूल खत्म करते ही बच्चे इस बात से परेशान हो जाते है कि किस क्षेत्र में करियर बनाया जाये। जहां माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा साइंस ले, लेकिन बच्चा कॉमर्स या आर्ट्स पढ़ना चाहता है। इससे बच्चे कंफ्यूज हो जाते हैं कि क्या चुनें। ऐसी स्थिति में उन्हें करियर काउंसलर की ज़रूरत होती है, जो उनका सही मार्गदर्शन कर सके। छात्रों को उनके करियर की राह चुनने से लेकर उनके सफल भविष्य बनाने तक करियर काउंसलर उनका साथ देते हैं।
एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार करीब 32 करोड़ छात्रों के लिए लगभग 15 लाख करियर काउंसलर की भर्ती होनी है। इस रिपोर्ट से पता चलता है कि देश में करियर काउंसलर की काफी ज़रूरत है। आइए हम करियर काउंसलर के बारे में सारी बातें जानते हैं। करियर काउंसलिंग एक ऐसा व्यक्ति होता है जिससे छात्र अपने विचारों, भावनाओं, अपने करियर और शैक्षिक विकल्पों को लेकर चिंताओं के बारे में खुल कर बात कर सकते हैं। जो उनके विचारों और भावनाओं को समझने, सुलझाने और व्यवस्थित करने में मदद करता है। इसके साथ ही करियर काउंसलर, करियर में तरक्की करने के तरीकों के बारे में बताता है और हमारी रुचियों, क्षमताओं और लक्ष्यों को साधने में सहायता करता है।
करियर काउंसलर एक ऐसा व्यक्ति होता है जिसे करियर बनाने के बहुत से क्षेत्रों और विकल्पों की जानकारी होती है और उसी जानकारी के आधार पर वो करियर जानकारी के संसाधनों और स्रोतों का सही ज्ञान हम तक पहुंचाता है। हमें कौन-सा क्षेत्र चुनना चाहिए, जो हमारे व्यक्तित्व के लिए सही है, और कौन-सा काम हमारी पसंद का है, इन सबको समझने में काउंसलिंग बहुत उपयोगी होती है। अगर आप खुद अपने लिए करियर चुनने में परेशानी का सामना कर रहें हैं या आपके बच्चे अपने को समझ नहीं आ रहा कि उसे किस क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहिए तो आप करियर काउंसलिंग की मदद ले सकते हैं। करियर काउंसलर आपके जीवन और करियर का सही मार्गदर्शन करेंगे।
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