मानव एकता दिवस

मानव एकता दिवस: एकता की ताकत को क्यों है हराना मुश्किल?

एकता की खासियत ये है कि ये केवल इंसानों पर ही नहीं बल्कि अन्य जीव-जंतुओं पर भी बराबर लागू होती है। जैसे- जब पशु झुंड में रहते हैं तब शिकारी पशु, उन पर हमला नहीं करते।

एकता में बल, एकता की शक्ति, जैसी बहुत-सी कहानियां हम बचपन से पढ़ते और सुनते आ रहे हैं। हमें बचपन से ही हमारे बड़े बुजुर्ग और शिक्षक साथ मिलकर रहने की सलाह देते रहे हैं। एकता की ताकत, इस वाक्य के पीछे का विचार ये है कि जब लोग एक साथ काम करते हैं, तो वे अकेले काम करने की तुलना में ज़्यादा शक्तिशाली होते हैं। जब लोगों का समूह एकजुट रहता है, तब वे उस व्यक्ति की तुलना में अधिक मजबूत रहते हैं, जिसे सिर्फ खुद से मतलब होता है।

एकता की खासियत ये है कि ये केवल इंसानों पर ही नहीं बल्कि अन्य जीव-जंतुओं पर भी बराबर लागू होती है। जैसे- जब पशु झुंड में रहते हैं, तब शिकारी पशु उन पर हमला नहीं करते, मगर अकेले को तुरंत धर-दबोचते हैं। तभी तो कहते हैं कि एकता में शक्ति होती है क्योंकि ये आपकी रक्षा भी करती है।

एकता में बल का अगला उदाहरण हम लकड़ी की गठरी को मान सकते हैं, ‘लकड़ी के एक टुकड़े को हाथ से आसानी से तोड़ा जा सकता है, लेकिन अगर आप दो-चार को एक साथ बांध दें, तब मुश्किल बढ़ जाती है।’ यानी मिल-जुलकर रहने से कोई हमारा बाल भी बांका नहीं कर पाता। इसलिए हमें हमेशा मिल-जुलकर एक साथ प्यार से रहना सीख लेना चाहिए। एकता हमें सुरक्षा, शक्ति और साथ देती है और इसीलिए एकता की ताकत को हराना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है।

कब है मानव एकता दिवस? (Kab hai manav ekta divas?)

अंतरराष्ट्रीय मानव एकता दिवस हर साल 20 दिसंबर को मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों के बीच एकजुटता के महत्व को बताने के लिए, गरीबी पर अंकुश लगाना और विकासशील देशों में मानव और सामाजिक विकास को बढ़ावा देना है। संयुक्त राष्ट्र ने 22 दिसंबर 2005 को मानव एकता दिवस मनाने की घोषणा की थी। अंतरराष्ट्रीय मानव एकजुटता दिवस को विश्व एकजुटता कोष और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम से बढ़ावा दिया जाता है, जो दुनिया भर में गरीबी और गरीबों के सहयोग के लिए बने हुए हैं। एक व्यक्ति शिक्षा में योगदान देकर या गरीबों, शारीरिक या मानसिक रूप से कमजोर लोगों की मदद करके, इस दिन में भाग ले सकता है या मानव एकता दिवस के दिन को मना सकता है। इससे सरकार को देश से गरीबी या अन्य मानवीय परेशानियों को दूर करने में मदद मिलती है।

एकता ताकत बनाती है (Ekta taakat banati hai)

‘एकता ताकत बनाती है’ एक आदर्श वाक्य है जिसका उपयोग पूरे इतिहास में विभिन्न राज्यों और संस्थाओं द्वारा किया गया है। इस आदर्श वाक्य का उपयोग डच गणराज्य ने ‘ईंड्राचट माक्ट माच’ के रूप में किया गया था। ये होमर के लिए ज़िम्मेदार एक ग्रीक वाक्य (ισχύς εν τη ενώσει जिसका मतलब है, एकता में निहित है) से लिया गया है, जो लगभग 850 ईसा पहले का है। “जब तक एकजुट नहीं होते तब तक सभी शक्ति कमजोर होती है”, “एकता ताकत बनाती है, संघर्ष बर्बाद करता है” जैसे विचार समय-समय पर इतिहास में दिये जा चुके हैं।

इसके अलावा कुछ और मिलते-जुलते विचार नीचे लिखे हुए हैं:

1685 – ताकत संघ में है

1867 – ताकत एकता में है

1887 – एकता ही ताकत है

1894 – संघ ही शक्ति है

1912 – एकता में ही शक्ति है

इसके अलावा एकता का महत्व समझाने के लिए कुछ और वाक्य भी दिये गये हैं, जैसे- “भाईचारे का प्यार जीवन में सबसे बड़ी भलाई है और अक्सर नम्र लोगों को ऊंचा उठाता है”, “जिस तरह सद्भाव मानवीय मामलों में शक्ति प्रदान करता है, उसी तरह झगड़ालू जीवन लोगों को एकता और प्यार से वंचित कर देता है।

आज के वक्त में एकता हमारी मदद कैसे कर सकती है? (Aaj ke samay mein ekta hmari madad kaise kar skti hai?)

आज लोग मिल-जुलकर नहीं रहना चाहते। लोग अकेले रहना चाहते हैं, न किसी की मदद लेना चाहते हैं और न करना चाहते हैं। यही बात आज की सबसे बड़ी कमजोरी है। यही कारण है कि देश के अंदर ही सब एक-दूसरे से लड़ने को तैयार बैठे हैं। भारत के कई राज्य, भारत से अलग होना चाहते हैं। इससे भारत बस कमजोर हो रहा। हमारी फूट का फायदा अन्य देश उठा रहें हैं। यूं तो एकता हमेशा ही होनी चाहिए, लेकिन अभी के समय में एकता हमारे लिए एक महत्वपूर्ण चीज़ बन गई है।

इस बार मानव एकता दिवस पर खुद से वादा कीजिए कि आप ज़्यादा से ज़्यादा एकता से साथ आगे बढ़ने की कोशिश करेंगे। अगर हर व्यक्ति ऐसा सोच लें तो पूरा देश फिर से एकता के धागे में बंध जाएगा।

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