मानव आत्मा दिवस: हमसे हमारी आत्मा कितनी दूर है?

मानव आत्मा दिवस के रूप में हम, हमारे पास जो कुछ है,उसके लिए हम सबसे बड़ी शक्ति को शुक्रिया कह सकते हैं। मानव आत्मा दिवस आमतौर पर हमारे जीवन में मानसिक शांति और संतुष्टि के महत्व को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है, ताकि हम जान सकें कि हमारी आत्मा हमसे इतनी भी दूर नहीं है जितना हम समझते हैं।

आपने कभी किसी कठिन परिस्थिति में खुदको दो विकल्पों में से एक चुनने में मुश्किल महसूस की है? कभी किसी स्थिति में आप ये तय नहीं कर पाएं कि क्या सही है और क्या ग़लत। ऐसी स्थिति में हमें अक्सर वो फैसला लेने के लिए कहा जाता है, जिसकी आवाज़ हमारी अंतरात्मा से आ रही हो। तब क्या आप अपनी अंतरात्मा की आवाज़ पहचान लेते हैं? अगर नहीं। तो चलिए मैं आपको बताती हूं कि आप कैसे अंतरात्मा की आवाज़ पहचान सकते हैं।

अंतरात्मा यानी हमारी आत्मा (Soul) के अंदर से महसूस होने वाले संकेत। जीवन की हर अच्छी और बुरी घड़ी में हमारी आत्मा हमें सही और गलत के बीच फर्क करने में हमारी मदद करती है। कहते हैं, जिस काम के होने से पहले ही मन में एक अजीब सी नाकारात्मकता आ जाए तो समझ लेना चाहिए कि वो रास्ता जो हमने चुना है वो सही नहीं है। जहां रास्ता सही होता है, वहां हमारी आत्मा भी बिल्कुल शांत रहती है। हमारी आत्मा हमारे शरीर का एक अटूट हिस्सा है, जो जीवन भर हमें एक अच्छा या बुरा इंसान बनाए रखती है।

मानव आत्मा दिवस(World Human Spirit day), सामाजिक दबाव के बीच भी जमीन से जुड़े रहने में औरआध्यात्मिक या आंतरिक आवाज़ के साथ रिश्ता मजबूत करने में हमारी मदद करना चाहता है। मानव आत्मा दिवस अंदर से संतुष्टि की खोज करने और इस बात को मान लेने का दिन है कि हमारे पास हर सवाल का जवाब नहीं हैं और हर परिस्थिति हमारे हाथ में नहीं होती।

मानव आत्मा दिवस के रूप में हम, हमारे पास जो कुछ है,उसके लिए हम सबसे बड़ी शक्ति को शुक्रिया कह सकते हैं। मानव आत्मा दिवस आमतौर पर हमारे जीवन में मानसिक शांति और संतुष्टि के महत्व को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है, ताकि हम जान सकें कि हमारी आत्मा हमसे इतनी भी दूर नहीं है जितना हम समझते हैं। हमारी आत्मा तो हमारे जीवन का अहम हिस्सा है। हमारी आत्मा ही हमारे लिए आध्यात्मिक शांति का रास्ता बनाती है।

विश्व मानव आत्मा दिवस का इतिहास (Vishvmanav aatma divas ka itihas)

विश्व मानव आत्मा दिवस या मानव आत्मा दिवस की शुरुआत 2003 में माइकल लेवी ने रचनात्मक, शांत और प्यार से भरा जीवन जीने वाली मानवीय भावना को बढ़ावा देनेवाले दिन के रूप में की गई थी। मानव आत्मा दिवस इस बात पर विश्वास करता है कि मानव की आत्मा शांति और सकारात्मकता को बढ़ावा देती है, जो हमारे दबाव से भरे समाज से बचने के लिए ज़रूरी है। इसका उद्देश्य है ध्यान के माध्यम से सचेतनता को प्रोत्साहित करना ताकि हम अपने समाज में संतुष्ट महसूसकर सकें

मानव आत्मा दिवस का उद्देश्य (Manav aatma divas ka uddeshya)

विश्व मानव आत्मा दिवस हर 17 फरवरी को मनाया जाता है। मानव आत्मा दिवस लोगों को उन सरल तरीकों से मिलवाने के लिए मनाया जाता है, जिनके आधार पर हम हर दिन खुद को सशक्त बना सकते हैं। यह हमारे पास क्या है और क्या नहीं है, इससे जागरूक कराने और सच्चाई से मिलवाने के लिए, एक आध्यात्मिक शक्ति को धन्यवाद देने का दिन है। मानव आत्मा दिवस हमें आशा देता हैकि, हम खुद को सकारात्मक रखें, आध्यात्मिक रूप से जुड़े और ध्यान का महत्व समझ पाएं। विश्व मानव आत्मा दिवस उन आसान तरीकों की याद दिलाता है जिनसे हम हर दिन खुद को सशक्त बना सकते हैं।

मानव आत्मा दिवस पर दुनिया भर के लोगों को प्राचीन समय के अनुसार दिन के तीसरे पहर 3 बजे 2 मिनट का मौन रखने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, ताकि हममें से हर एक के भीतर रहने वाली स्वतंत्रता और शांति की सच्ची भावना को खोजने के लिए ध्यान किया जा सके। जब लोग मानव आत्मा दिवस पर दो मिनट का मौन रखेंगे तो उन्हें एक-दूसरे के बीच संबंध का एहसास होगा। यह एक बहुत ही शक्तिशाली मौन ध्यान होगा और जितने अधिक लोग इसमें भाग लेंगे, यह विश्व शांति और सद्भाव लाने के लिए उतना ही अधिक शक्तिशाली हो जाएगा, और हम एक दूसरे से एकता की भावना के साथ जुड़ पाएंगे।

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