क्या आप जानते हैं बेजुबान जानवरों के इंसानों जैसे 6 अधिकार?

जानवरों के लिए बने पशु अधिकार इस बात पर ज़ोर देते हैं कि उनके साथ दया और सम्मान का व्यवहार हो। जानवर बेजुबान होते हैं, पर उन बेज़ुबानों का कहा सुनना हमारी ज़िम्मेदारी है।

इंसानों की सुरक्षा के लिए हमारे देश में बहुत से कानून और अधिकार बने हुए हैं ताकि कोई दूसरा व्यक्ति पहले व्यक्ति पर किसी भी तरह का अत्याचार न कर सके। पर क्या आपको पता है कि हमारे देश में जानवरों को भी उनके अधिकार मिले हुए हैं, ताकि वो भी किसी मानवीय हिंसा का शिकार न हों, और अगर जानवरों के साथ ऐसा होता भी है तो दोषी को सज़ा मिल सके। 

आज कल जानवरों के साथ दिन प्रति दिन क्रूरता बढ़ती ही जा रही है। जानवरों के खिलाफ होने वाली घटनाएं इस बात पर ज़ोर देती हैं कि हमें जानवरों के हित में बने अधिकारों की बहुत ज़रूरत है। जानवरों के लिए बने पशु अधिकार इस बात पर ज़ोर देते हैं कि उनके साथ दया और सम्मान का व्यवहार हो। जानवर बेजुबान होते हैं, पर उन बेज़ुबानों का कहा सुनना हमारी ज़िम्मेदारी है। पशु अधिकारों का पालन और उनका प्रचार करना भी हमारी ही ज़िम्मेदारी है। पर इस ज़िम्मेदारी को निभाने से पहले हमें खुद उन पशु अधिकारों का पता होना चाहिए। 

तो आइये जानते हैं उन पशु अधिकारों के बारे में और साथ ही ये भी कि पशु अधिकार दिवस कब मनाया जाता है।

कब है पशु अधिकार दिवस? (Kab hai Pashu Adhikar Divas ?)

पशु अधिकार दिवस (Animal rights in hindi) हर साल 10 दिसंबर को मनाया जाता है। यह दिन खास तौर पर पशुओं के अधिकारों और उनके साथ अच्छा व्यवहार करने के लिए मनाया जाता है, ताकि जानवर भी अपनी ज़िंदगी सुकून और खुशी (Happiness) से जी सकें।

क्यों मनाते हैं पशु अधिकार दिवस? (Kyun manate hai Pashu Adhikar Divas?)

पशु अधिकार दिवस मनाने के पीछे का मकसद जानवरों के साथ अच्छा व्यवहार करने की जागरूकता बढ़ाना है। यह दिन पशुओं पर हो रहे शोषण, जैसे शिकार, प्रयोगशालाओं में परीक्षण, और अवैध व्यापार के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है। पशु हमारे पर्यावरण और पारिस्थितिकी तंत्र यानी इकोसिस्टम का खास हिस्सा हैं। उनका संरक्षण हमारी ज़िम्मेदारी है। यही बल्कि खुद की सुरक्षा और जानवरों का संरक्षण एक-दूसरे से जुड़ा है। प्रकृति के संतुलन को बनाए रखने के लिए भी उनकी देखभाल करना ज़रूरी है। पशु अधिकार दिवस के दिन लोग पशु क्रूरता के खिलाफ रैलियां निकालते हैं, शाकाहारी खाना खाने पर ज़ोर देते हैं। 

तो चलिए पशु अधिकार दिवस पर हम अपने आस पास के पशुओं की रक्षा का वादा करें। आइए अब जानते हैं बेजुबानों के अधिकार।

ये हैं पशुओं के 6 अधिकार (Ye hain pashuon ke 6 adhikaar)

भारत में जानवरों के लिए कई पशु अधिकार (Animal rights in hindi) बनाये गए हैं, जिनमें से 6 निम्न हैं:

पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960

यह कानून जानवरों के साथ किसी भी प्रकार की क्रूरता को रोकने के लिए बनाया गया है। किसी जानवर को मारना, घायल करना, भूखा रखना, या किसी और तरीके से परेशान करना, अपराध है, और ऐसा करने वाले को सख्त सज़ा मिलती है।

मनोरंजन में इस्तेमाल होने वाले जानवरों के अधिकार

सर्कस या अन्य मनोरंजन के कार्यक्रमों में जंतु जानवरों का इस्तेमाल गैर-कानूनी है। अगर कोई ऐसा करता है या उनके साथ गलत व्यवहार करता है तो उसके लिए भी सज़ा निर्धारत है।

भारतीय दंड संहिता

धारा 428 और 429 के मुताबिक पालतू जानवरों को नुकसान पहुंचाने या मारने पर सज़ा मिलना तय है। दोषियों पर आर्थिक जुर्माना लगाया जा सकता है और वे जेल में बंद किये जा सकते हैं।

पर्यावरण संरक्षण अधिनियम

यह अधिनियम जानवरों के प्राकृतिक आवासों की सुरक्षा के लिए लागू है। वनों और जल क्षेत्रों में रहने वाले जानवरों को इस अधिकार से सुविधाएं दी जातीं हैं।

सार्वजनिक स्थानों पर आवारा जानवरों के अधिकार

आवारा जानवरों को उनके पर्यावरण में रहने का अधिकार है। उन्हें वजह कारण हटाना या नुकसान पहुंचाना कानूनन अपराध है, जिसके लिए सज़ा मिलना तय है।

पशु-परिवहन नियम 

जानवरों को ट्रांसपोर्ट करते समय उनके साथ दुर्व्यवहार या अमानवीय व्यवहार करने पर प्रतिबंध है। गाड़ियों में जानवरों की संख्या और आराम का ध्यान रखना ज़रूरी है।

क्या आप जानवरों के इन अधिकारों के बारे में जानते हैं तो हमें कमेंट में ज़रूर बताएं। ऐसे ही और आर्टिकल पढ़ने के लिए सोलवेदा हिंदी पर बने रहें।

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