धन प्रबंधन कैसे बचा सकता है हमें वक्त की बुरी मार से?

ज़िंदगी में जितनी टेक्नोलॉजी बढ़ी है, उतनी ही आधुनिक तरीके से आराम के साथ जीने की इच्छा भी बढ़ी है। इन इच्छाओं के चलते हमें आय से ज़्यादा धन की ज़रूरत पड़ती है।

आज के वक्त में, जितनी हमारी आय है उससे कहीं ज़्यादा खर्चे हैं। बिजली के बिल से लेकर अखबार तक हर चीज़ का भुगतान समय पर करना ज़रूरी होता है। ज़िंदगी में जितनी टेक्नोलॉजी बढ़ी है, उतनी ही आधुनिक तरीके से आराम के साथ जीने की इच्छा भी बढ़ी है। इन इच्छाओं के चलते हमें आय से ज़्यादा धन की जरूरत पड़ती है। ऐसे में हमारी आय तो पहले से ही खत्म हो जाती है और ऊपर से हमारे पास भविष्य की ज़रूरतों के लिए जमा-पूंजी भी नहीं बचती।

इस स्थिति में धन प्रबंधन हमारी मदद कर सकता है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है, जिससे हम अपना धन आसानी से बचा सकते हैं। धन प्रबंधन में सब कुछ आता है जैसे- पैसे को बचाना, पैसे को इंवेस्ट करना, खर्च का हिसाब रखना। धन प्रबंधन को अंग्रेजी में मनी मैनेजमेंट कहते हैं, जिसका सीधा मतलब है पैसे को मैनेज करना। चलिए जानते हैं धन प्रबंधन या मनी मैनेजमेंट किस तरह हमें भविष्य के लिए तैयार कर सकता है और कैसे हमें बुरे वक्त से भी बचा सकता है।

क्या है धन संचय? (Kya hai dhan sanchay?)

धन संचय का मतलब है अपने धन को इस तरह से संचय करना या मैनेज करना कि उससे हमारी सारी ज़रूरतों की पूर्ति हो जाए। पैसे खर्च करने की अच्छी प्लानिंग से, आप अपने कमाए हुए पैसे का सही इस्तेमाल कर सकते हैं, पैसों को सही जगह इन्वेस्ट कर सकते हैं और अपने भविष्य की ज़रूरतों के लिए पहले से ही सतर्क रह सकते हैं। मनी मैनेजमेंट या धन संचय से आप अपनी आमदनी के अनुसार अपने घर और सेविंग को मैनेज कर सकते हैं।

पैसे को मैनेज करना एक तरीका है, जिससे हमें पैसा कब खर्च करना चाहिए, कितना खर्च करना चाहिए, उसके बारे में सीखते हैं। अपनी पूरी आय को ज़रूरतों के हिसाब से बांट देना और जिसकी अभी ज़्यादा ज़रूरत न हो उसमें पैसे बर्बाद न करना मनी मैनेजमेंट के अंदर आता है। आप अपनी आय के कई हिस्से करने के बाद, अगर एक हिस्सा सेविंग के नाम पर रख दें तो वो भविष्य में आपकी अचानक आई किसी ज़रूरत को पूरा करने में मदद करता है।

धन प्रबंधन हमारी भविष्य में कैसे मदद करता है? (Dhan prabandhan hamari bhavishya mein kaise madad karta hai?)

एक बेहतर जीवनशैली पाने की इच्छा हम सब में होती है क्योंकि ये एक सामान्य और स्वाभाविक इच्छा है। हम हमेशा पिछले साल से ज़्यादा खर्चा करने की इच्छा रखते हैं। फिर वो ज़्यादा महंगा घर हो या बेहतर गाड़ी या बढ़िया गहने और कपड़े। हालांकि, इन सबकी पूर्ति पिछली साल की बचत पर निर्भर करती है। अगर हम बीते साल अच्छी सेविंग कर पाने में कामयाब रहे हैं तो इस साल हम अपनी बहुत-सी इच्छाओं को पूरा करने में धन लगा सकते हैं। लेकिन, वहीं अगर सेविंग जीरो है तो इच्छाओं पर धन खर्च करना बहुत मुश्किल है क्योंकि हमारे पास बचत है ही नहीं।

हमारे सभी सपने और इच्छाएं हमारी कमाई का एक हिस्सा बचाने से ही पूरे हो सकते हैं। इस हिस्से को बचाएं कैसे? इस सवाल का जवाब है धन प्रबंधन। जी हां, धन का सही तरह से मैनेजमेंट या प्रबंधन करके हम अपनी आय का एक हिस्सा बचा सकते हैं। फिर अपनी आय को सही जगह इस्तेमाल करके और जहां ज़रूरत नहीं, वहां पर पैसे खर्च न करके, हम धीरे-धीरे बहुत सारी सेविंग या बचत कर सकते हैं और इसी बचत को भविष्य के लिए संभाल कर रख सकते हैं। धन प्रबंधन से की गई बचत न केवल हमारी इच्छाओं को पूरा करने में मदद करती है बल्कि जीवन की बहुत-सी ऐसी परेशानियों से उबारती है, जिनके लिए हमें अचानक पैसों की ज़रूरत पड़ जाती है। जैसे- बच्चे का स्कूल एडमिशन, किसी बीमारी का इलाज, कोई सड़क दुर्घटना, कहीं दूर की यात्रा या नया घर खरीदना और बनवाना। इस तरह के अचानक आए खर्चे हमारी रोज़ की आमदनी में से पूरे नहीं हो पाते, इसलिए धन प्रबंधन से बचाए हुए पैसों को हम इन परेशानियों या ज़रूरतों को पूरा करने में लगा सकते हैं।

कैसे करें पैसों के प्रबंधन की शुरुआत? (Kaise karein paison ke prabandhan ki suruaat?)

पैसों का प्रबंधन या धन का मैनेजमेंट करना इतना भी मुश्किल नहीं जितना हम सोचते हैं। अपने खर्चो पर नज़र रखकर और सूझबूझ के साथ हम मनी मैनेजमेंट या धन प्रबंधन कर सकते हैं।

धन प्रबंधन के कुछ उपाय जो हमें पैसों का प्रबंधन सिखाने में मदद करेंगे:

बजट बनाएं

बजट बनाना धन प्रबंधन का पहला और सबसे ज़रूरी कदम है। एक बजट बनाने के लिए, अपनी आय, जीवनशैली और इच्छाओं को एक लिस्ट में लिखें। फिर हिसाब लगायें कि किस में कितना पैसा खर्च होगा। जो चीज़ अभी ज़रूरी न हो और उसके बिना भी काम चल सकता है तो उसमें पैसे खर्च न करें, बल्कि उसके पैसों को बचत के नाम पर उठा कर रख दें। फालतू का खर्चा करने से बचें। फालतू खर्च करने से बचत होने की बजाय हमारी आर्थिक स्थिति खराब हो जाती है।

ज़रूरतों को लक्ष्य बनाएं

ज़रूरतों को लक्ष्य बनाकर हम याद रख सकते हैं कि हमें कौन-सी चीज़ चाहिए और उसके लिए हमें कितने पैसों की ज़रूरत है। जब दिमाग को ये पता रहता है कि किसी चीज़ के लिए हमें धन की ज़रूरत है तो हम उसके लिए पैसे बचाना खुद-ब-खुद शुरू कर देते हैं। जिनकी ज़रूरत न हों, ऐसे खर्च करने से पहले रुकें और दो बार ज़रूर सोचें।

बचत राशि को सामने न रखें

बचत राशि को सामने न रखने से मतलब है कि जो धन आपने सारे ज़रूरी कामों में खर्च करने के बाद बचाया है, उसे कहीं संभाल कर रख दें। मन में ठान लें कि जब तक बहुत ज़्यादा ज़रूरी नहीं होगा, आप उसका इस्तेमाल नहीं करेंगे। इस राशि को जल्द ही खर्च करने से बचने के लिए, आप किसी गुल्लक या बैंक लॉकर का इस्तेमाल कर सकते हैं।

कर्ज से रहें दूर

हमें धन प्रबंधन के लिए या अपनी आर्थिक स्थिति को खराब होने से बचाने के लिए, कर्ज लेने से दूर रहना चाहिए। हालांकि, अपनी ज़रूरतें पूरी करने के लिए कर्ज लेना सबसे आसान तरीका है, पर बाद में उसी खर्च का भुगतान हमें मोटी ब्याज के साथ करना पड़ता है। इससे बचत कर पाना तो दूर, उलटा हम दिनचर्या के खर्चे उठा पाने में भी पाई-पाई के लिए मोहताज हो जाते हैं।

ऊपर लिखी इन कुछ बातों को मानकर आप धन प्रबंधन करने की शुरुआत कर सकते हैं और अपने जीवन की सभी ज़रूरतों और अचानक आई परेशानियों का सामना कर पाने के लिए तैयार हो सकते हैं। ऐसे ही और आर्टिकल पढ़ने के लिए सोलवेदा से जुड़े रहें।

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