चंद्रशेखर वेंकटरमन किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। वो भारत के महान वैज्ञानिक और भौतिकशास्त्री थे। उन्हें नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। उनका जन्म तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में सात नवंबर 1888 को हुआ था। उनके पिता का नाम चंद्रशेखर अय्यर और माता का नाम पार्वती अम्माल था। वहीं, उनकी पत्नी का नाम त्रिलोकसुंदरी था। उन्होंने एक प्रभावशाली खोज किया था, जिसे रमन प्रभाव कहा जाता है। उन्होंने अपनी खोज से भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में साइंस को एक नई दिशा दी।
सीवी रमन की खोज की याद में हर साल मनाया जाता है नेशनल साइंस डे (CV Raman ki khoj ki yaad mein har saal manaya jata hai National Science Day)
महान वैज्ञानिक चंद्रशेखर वेंकटरमन, जिन्हें सीवी रमन भी कहा जाता है। उनकी विज्ञान के क्षेत्र में खोज की याद में हर साल भारत में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस भी मनाया जाता है। यह दिवस 28 फरवरी को मनाया जाता है और इसकी शुरुआत साल 1986 से हुई। सीवी रमन ने कोलकाता के प्रयोगशाला इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्विटेशन ऑफ साइंस में काम करने के दौरान रमन प्रभाव की खोज 1930 में की थी। तो चलिए सोलवेदा हिंदी के इस आर्टिकल में उनके कुछ कोट्स से आपको रूबरू करवाते हैं, जिनको पढ़ने आप ज़िंदगी में गिरकर संभलना सीख जाएंगे।
सीवी रमन के कोट्स (CV Raman quotes)
किसी भी नाकामयाबी के ज़िम्मेदार आप स्वंय हैं। अगर आप नाकामयाब नहीं होते, तो इतना सब कुछ कैसे सीख पाते।
कोई जन्म से हर चीज़ सीखकर नहीं आता है। किसी भी चीज़ को सीखने के लिए कड़ी मेहनत करनी होती है। इस दौरान हर इंसान दो-चार असफलता का सामना करता है और फिर धीरे-धीरे अपनी गलतियों से सीखते हुए कामयाबी की ओर बढ़ता है। सीवी रमन ने भी अपने इस कोट के माध्यम से यही समझाने का प्रयास किया है कि नाकामयाब आप तभी होते हैं, जब आप प्रयास करते हैं और जब आप प्रयास करते हैं और आप कुछ न कुछ नया ज़रूर सीखते हैं।
आप अपनी लाइफ में यह नहीं चुन सकते हैं कि आपकी लाइफ में कौन आता है, लेकिन आप सबक सभी से ले सकते हैं।
ज़िंदगी में हम हर दिन बहुत सारे लोगों से मिलते हैं। इन सभी में कुछ अच्छी और कुछ गलत आदतें होती हैं। इन्हें हम अपनी लाइफ में अपने च्वाइस से नहीं लाते हैं। लेकिन, ये सभी हमें कुछ ना कुछ सीखा के ज़रूर जाते हैं। चंद्रशेखर वेंकटरमन ने अपने कोट में यही बताने का प्रयास किया है कि जीवन में हर कोई कुछ ना कुछ सबक देकर जाता है, वो अच्छा सबक भी हो सकता है और गलत भी हो सकता है, लेकिन हम सीखते हर किसी से हैं।
किसी भी काम में दमदार समर्पण से कामयाबी को प्राप्त सकते हैं।
जीवन में कामयाबी पाने के लिए सबसे ज़रूरी चीज़ होती है, उसके पीछे लगाया गया समय और मेहनत। इन दो चीज़ों से हम अपने लक्ष्य को बहुत ही आसानी से पा सकते हैं। क्योंकि हम जब तक किसी भी काम के लिए समर्पित नहीं होंगे, तब तक उसे कंप्लीट नहीं कर पाएंगे। इसलिए सकारात्मक सोच रखते हुए समपर्ण के लिए हमेशा तैयार रहें।
अगर आपको किसी से कुछ प्राप्त करना है, तो आप अच्छे से पेश आएं और अगर आप ढंग से पेश नहीं आ सकते हैं, तो आपको कुछ नहीं मिल सकता।
किसी ने सही कहा है कि आपके शब्द आपको कामयाब भी बना सकते हैं और आपका एक शब्द आपके रिश्ते को बिगाड़ भी सकता है। जुबां से निकला हर शब्द बहुत ही कीमती होता है। ये शब्द आपको कामयाबी दिलाने में बहुत मदद करते हैं। आप जितना मीठा बोलेंगे, आपका उतनी ज़्यादा इज्ज़त और तरक्की मिलेगी। जीवन में सफल होने के लिए सिर्फ ज्ञान की ही ज़रूरत नहीं होती है बल्कि उसके लिए यह भी ज़रूरी है कि आप कितना अच्छा बोलते हैं। सीवी रमन ने भी अपने इस कोट में यही चीज़ समझाने का प्रयास किया है।
किसी भी आविष्कार में कठिन परिश्रम और लगन की ज़रूरत होती है, किसी उपकरण की नहीं।
आविष्कार और खोज के लिए उपकरण तो ज़रूरी होता ही, लेकिन उससे ज़्यादा ज़रूरत होती है उसके पीछे किए गए परिश्रम की। कठिन परिश्रम और लगन से हम किसी भी लक्ष्य को बहुत ही आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।
अगर कोई आपको जज करता है, तो स्वंय का दिमाग खराब कर रहा है, लेकिन सबसे अच्छी बात है कि यह उनकी समस्या है।
कोई आपको जज कर रहा है या फिर आपकी कमियां निकाल रहा है, तो उससे परेशान होने की ज़रूरत नहीं है। लोगों का काम है जज करना। आपको इनसे घबराने की ज़रूरत नहीं है बल्कि आप इन चीज़ों को पीछे छोड़ते हुए जीवन में अपने लक्ष्य पर फोकस करें और आगे बढ़ते रहें, तभी आप कामयाबी को प्राप्त कर सकते हैं। आप कामयाब हो जाएंगे तो जज करने वाले खुद पीछे हट जाएंगे। और जो आपको जज कर रहें हैं, वो ऐसा करके अपना समय व्यर्थ कर रहें हैं।
किसी भी देश की तरक्की के लिए उस देश के युवक और युवतियों के परिवार उनके अंतरआत्मा में निहित होने चाहिए।
इंसान के जीवन में परिवार का सबसे ज़्यादा महत्व होता है। परिवार हमारे साथ सुख और दुख दोनों समय में खड़ा रहता है। इसलिए जीवन में परिवार से अलग होकर कोई भी कामयाब नहीं हो सकता है। चंद्रशेखर वेंकटरमन ने भी अपनी इन लाइनों में यही बताया है कि जब हमारा परिवार हमारे अंतरआत्मा में निहित होता है, तो हम बहुत बेहतर तरह से किसी भी काम को कर पाते हैं। यही परिवार जब बढ़ता है, तो वो देश का रूप लेता है।
इस आर्टिकल में हमने सीवी रमन के बारे में तो बताया ही। साथ ही हमने उनके कोट्स के माध्यम से जीवन को समझाने का भी प्रयास किया। यह आर्टिकल आपको कैसा लगा, हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं और पढ़ते रहें सोलवेदा हिंदी।