बातचीत को बेहतर बनाकर रिश्तों को कैसे करीब ला रहें हैं इमोजी?

इमोजी डिजिटल वर्ल्ड की प्राथमिकता बन गए हैं। इमोजी से न केवल हम अपने जज़्बात दूसरों को दिखा पाते हैं, बल्कि उनकी भावनाएं भी समझ पाते हैं। डिजिटल वर्ल्ड में एक-दूसरे को अपनी भावनाएं दिखाने का इमोजी अच्छा ज़रिया हैं।

अगर कोई मुझसे पूछे कि मेरी ज़िंदगी में इमोजी की क्या जगह है? तो जबाव है कि मुझे दिन भर में इमोजी इस्तेमाल करने की इतनी आदत लग चुकी है कि अब बिना इमोजी के चैटिंग करना मेरे तो बस का नहीं है।

अपने दोस्तों से, भाई-बहनों से और कुछ करीबियों से चैटिंग करते वक्त थोड़ी सी देर में मैं इतने ज़्यादा इमोजी इस्तेमाल कर लेती हूं कि बस आपको क्या ही बताऊं। मेरी तरह आप सब भी ज़रूर अपने दोस्तों और परिजनों के साथ चैटिंग के दौरान जाने कितनी बार इमोजी का इस्तेमाल करते होंगे।

इमोजी डिजिटल वर्ल्ड की प्राथमिकता बन गए हैं। इमोजी से न केवल हम अपने जज़्बात दूसरों को दिखा पाते हैं, बल्कि उनकी भावनाएं भी समझ पाते हैं। डिजिटल वर्ल्ड में एक-दूसरे को अपनी भावनाएं दिखाने का इमोजी अच्छा ज़रिया हैं। क्योंकि जब हम एक-दूसरे के सामने नहीं होते, तब चैटिंग पर इमोजी हमारे अपनों को हमारी बातें और भावनाएं समझने में मदद करते हैं। ऐसे ही तो इमोजी हमारी आपसी बातचीत को बेहतर करके, हमारे रिश्तों को करीब लाते हैं।

तो चलिए इमोजी के बारे में थोड़ा विस्तार से जानते हैं।

वर्ल्ड इमोजी डे कब है? (World Emoji Day kab hai?)

फोन पर चैटिंग करते वक्त आप जिन पीले और गोल मटोल स्टीकर का खूब इस्तेमाल करते हैं, उन्हें ही तो इमोजी कहते हैं। पर आपको यह जानकर हैरानी होगी कि आपके खास इमोजी का भी एक दिन मनाया जाता है। जी हां मैं सच कह रही हूं। इमोजी के दिन को वर्ल्ड इमोजी डे कहते हैं, और हर साल 17 जुलाई को वर्ल्ड इमोजी डे मनाया जाता है। आइए वर्ल्ड इमोजी डे (Word Emoji Day) मनाने के पीछे की असली वजह मैं आपको आगे बताती हूं।

वर्ल्ड इमोजी डे की शुरुआत कैसे हुई? (World Emoji Day ki shuruaat kaise hui?)

वर्ल्ड इमोजी डे की शुरुआत की बात करें तो सबसे पहले इमोजी 1990 में ‘शिगेताका कुरीता’ नाम के एक व्यक्ति ने बनाया था।

इमोजी की शुरुआत इतने साल पहले हुई कि हम इस दौरान बने इमोजी को मज़ाक में प्राचीन काल के इमोजी भी कह सकते हैं। कुलीनता जापानी दूरसंचार कंपनी एनटीटी डोकोमो के लिए काम करते थे। उसी दौरान कुरीता ने चित्र शब्दों को उनके पेजर पर एक खासियत के रूप में डिजाइन किया, ताकि इससे युवा पीढ़ी आकर्षित हो जाए।

2007 में जब एप्पल ने अपना पहला आईफोन लॉन्च किया था, तो जापानी बाज़ार का ध्यान अपनी ओर खींचने के लिए फोन में इमोजी कीबोर्ड फीचर को भी डाला। हालांकि, तब इसे अमेरिकी यूजर्स के लिए नहीं बनाया गया था, लेकिन अमेरिका ने भी इसे ढूंढ़ लिया और जल्दी ही इसका इस्तेमाल करना सीख लिया।

2010 में यूनिकोड नाम के एक ग्रुप ने इमोजी को पक्के अधिकारों के साथ मान्यता दी। उसके बाद गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, फेसबुक और ट्विटर जैसी बड़ी कंपनियां अपने खुद के इमोजी बनाने लग गईं।

फिर इमोजी का इस्तेमाल इतना ज़्यादा मशहूर हो गया कि 2013 में इमोजी शब्द को ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में जोड़ दिया गया।

वर्ल्ड इमोजी डे को इमोजीपीडिया के संस्थापक जेरेमी बर्ज ने डिजिटल वार्तालाप पर इमोजी के बढ़ते प्रभावों को देखते हुए, इमोजी का सम्मान करने के लिए 17 जुलाई 2014 की तारीख तय की, और उस दिन वर्ल्ड इमोजी डे मनाया जाने लगा। अब आप अगर इमोजी में कैलेंडर का इमोजी देखें, तो उसमें आपको 17 जुलाई लिखा दिख जाएगा। पूरे विश्व में आज 1800 से ज़्यादा इमोजी सिर्फ़ भावनाओं को ही नहीं बल्कि हमारी ज़िंदगी से संबंधित हर चीज़ को डिजिटल बातचीत के दौरान दिखाने में मदद करते हैं।

रिश्तों को करीब ला रहें हैं इमोजी (Rishton ko kareeb la rahein hain Emoji) 

पिछले दिनों मेरा मेरे एक दोस्त से झगड़ा हो गया। झगड़े की वजह एक-दूसरे की भावनाओं को न समझ पाना था, पर जब हम दोनों को ही अपनी-अपनी गलती का एहसास हुआ तो मैंने चैटिंग पर उसको सॉरी लिखा। सॉरी के साथ मैंने एक दुखी वाला इमोजी भी लगाया ताकि उसे एहसास हो कि मैं सच में अपनी गलती महसूस कर रही हूं।

सामने से जब उसका जवाब आया तो उसने भी ऐसे ही बहुत सारे इमोजी के साथ अपनी बात कही ताकि मैं यह समझ पाऊं कि उसे भी अपनी गलती का एहसास है। इस तरह जब हम दोनों एक-दूसरे के सामने नहीं थे, पर एक-दूसरे को इमोजी के ज़रिए, अपनी भावनाएं कह पाएं। इमोजी हम सब के रिश्तों में ऐसे ही तो करीबी लाते हैं। किसी को आइ लव यू कहना हो या उसे अपनी नाराज़गी ज़ाहिर करनी हो, इमोजी हर भावना को खुल कर दिखाने में हमारी पूरी मदद करते हैं। इमोजी हमारी ज़िंदगी को आसान करके उसमें खुशियों का तड़का लगाने में भी मदद करते हैं। 

आप कौन-सी इमोजी का इस्तेमाल सबसे ज़्यादा करते हैं, हमें कमेंट में ज़रूर बताएं। ऐसे ही और आर्टिकल पढ़ने के लिए सोलवेदा हिंदी पर बने रहें।

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