मोटिवेशन की भला किसे ज़रूरत नहीं होती है! हममें से हर कोई अपनी ज़िंदगी में कभी-न-कभी हताश या निराश ज़रूर होता है। ऐसे में हम कुछ ऐसा पढ़ना, देखना या सुनना चाहते हैं, जिससे हममें वापस से हिम्मत और जज़्बा आ पाए। इंसान के दिमाग को हर वक्त मोटिवेशन की ज़रूरत पड़ती है।
अब आपको कोई कह दे कि आपको सुबह 5 बजे उठना है। वहीं अगर 5 बजे उठकर आपके पास करने को कुछ नहीं हो, तो आपको तय समय पर उठने में बहुत परेशानी होगी। हालांकि, अगर 5 बजे उठकर आपको किसी ज़रूरी क्लास में जाना हो तो चाहे आप कितनी देर से क्यों न सोए हों, आप उठकर क्लास जाएंगे ही।
हम नौकरी करने के लिए इसलिए तैयार होते हैं क्योंकि पैसे कमाने की मोटिवेशन होती है, हम डाइटिंग करते हैं क्योंकि वज़न कम करने की मोटिवेशन होती है, हम खूब पढ़ाई करते हैं क्योंकि एक अच्छी जॉब मिलने की मोटिवेशन होती है। ज़िंदगी के हर पड़ाव में पहुंचने तक हमें मोटिवेशन की ज़रूरत पड़ती है और उस पड़ाव से आगे जाने के लिए भी मोटिवेशन की ही ज़रूरत होती है।
मात्र चाहने से आप कोई काम आसानी से नहीं कर पाएंगे, लेकिन आपकी चाहत या आपके सपने के पीछे कोई मोटिवेशन हो, तो आप उस सपने को सच करने में लग जाएंगे। आज के समय में कोई स्टूडेंट हो या नौकरी करने वाला युवा या फिर कोई काम करने वाला व्यक्ति हर किसी को मोटिवेशन की ज़रूरत पड़ती ही है।
आपके लिए हम लेकर आएं हैं प्रेरणादायक मोटिवेशनल कोट्स जो आपके कॉन्फिडेंस को करेंगे बूस्ट। नीचे दिए गए मोटिवेशनल कोट्स आपके आत्मविश्वास को जगाने में मदद करेंगे।
10 प्रेरणादायक मोटिवेशनल कोट्स से दें अपनी जिंदगी को नई दिशा (10 prernadayak motivational quotes se dein apni zindagi ko nai disha)
हर जीत की शुरुआत,
शुरुआत करने सेहोती है।
आप जब तक कोई काम करना शुरू ही नहीं करेंगे तब तक वो काम पूरा नहीं होगा। किसी काम को अंजाम देने के लिए, उसकी शुरुआत करना ज़रूरी है। आपने ज़िंदगी में कोई लक्ष्य चुना है और आप उसे पाना चाहते हैं। हर दिन आप सोचते हैं कि आपका लक्ष्य क्या है, मगर आप उसके लिए मेहनत करने की शुरुआत ही नहीं करते तो फिर आपका सपना पूरा कैसे होगा! इसीलिए हर जीत की शुरुआत के लिए बेहद ज़रूरी है कि आप उस जीत तक पहुंचने के लिए अपना पहला कदम उठाएं और बिना रुके आगे बढ़ते जाएं।
इतिहास लिखने के लिए कलम की नहीं,
हौसले की ज़रूरत होती है।
इस कोट को आप सोशल मीडिया के उदाहरण से समझ सकते हैं। न जाने कितने लोग हर दिन सोशल मीडिया पर ऐसे पोस्ट करते हैं जो सच्चाई से काफी दूर होती हैं, जैसे- सुबह जल्दी उठने की, हमेशा खुश रहने की और एक अच्छी ज़िंदगी जीने की। आप खुद सोचें क्या ऐसे लोग कभी कुछ ऐसा कर पाएंगे जिसपर इन्हें गर्व हो? जवाब है नहीं! मगर जिनमें हौसला होता है खुद को स्वीकार करने का, खुद पर काम करने का, सच कहने का, उन्हें इतिहास लिखने से कोई नहीं रोक सकता। आप भी अपने अंदर हौसला जगाकर, इतिहास लिखने की शुरुआत कर सकते हैं।
मेहनत इतनी खामोशी से करो,
कि सफलता शोर मचा दे।
बार-बार सबको कहने से कि आप किसी चीज़ के लिए मेहनत कर रहें हैं, सफलता शायद आप तक न आए। आप अपनी मेहनत अगर हज़ार लोगों के सामने रखते हैं तो उनमें से कई लोग आपसे जलना शुरू करेंगे, कुछ आपके बारे में बुरा सोचेंगे और कुछ आप पर हंसेंगे। इसके बाद अगर किसी कारण से आपको सफलता नहीं मिली तो सब एक साथ मिलकर आपका मज़ाक उड़ाएंगे। इसीलिए बेहतर है कि मेहनत खामोशी से करें, ताकि आपकी सफलता शोर मचा दें। ऐसे में अगर किसी कारण से आप पहली बार में सफल नहीं होते फिर भी आपको कोई कुछ नहीं कहेगा क्योंकि किसी को मालूम नहीं है कि आप किसी चीज़ के लिए मेहनत कर रहें थे।
मान लिया तो हार है,
और ठान लिया तो जीत।
ज़िंदगी में आपने जब हार मान ली तब ही असल में आप हारेंगे। लेकिन, अगर आप आपने हार के बाद भी ये ठान लिया कि आप जीतकर ही रहेंगे, तो पहली जीत आपकी ऐसा सोचने के वक्त ही हो जाती है। हमारी हार, जीत कोई दूसरा तय नहीं करता बल्कि हम खुद ही करते हैं। इसीलिए ठान लें कि आप हार कभी नहीं मानेंगे।
ज़िंदगी का हर बड़ा मकसद,
एक बड़ा त्याग मांगता है।
जितना बड़ा मकसद होगा, उतना आपको त्याग करने की ज़रूरत पड़ेगी। हम अपना समय बचाते हैं ताकि ज़्यादा पढ़ सके और एक अच्छी नौकरी कर सके। हम खूब मेहनत करते हैं ताकि किसी दौड़ में जीत सकें। इसी तरह आपका मकसद जितना बड़ा होता जाएगा, वो आपसे अधिक त्याग की मांग करेगा। यही त्याग कल को आपको आपके मकसद के पास ले जाएगा।
कहने वाले कहते रहेंगे,
जिस दिन आप कुछ कर दिखाएंगे, उस दिन सब चुप रहेंगे।
ताने हम सब को मिलते हैं, हर दिन हमें जज किया जाता है। लेकिन, सिर्फ तब तक जब तक हम कुछ बड़ा हासिल न कर लें। जिस दिन हमने कुछ कर दिखाया फिर वही ताने देने वाले लोग खामोश हो जाते हैं। इसीलिए किसी को चुप कराना चाहते हैं तो चुप रहें और मेहनत करें। आपकी मंज़िल उन्हें खुद चुप करा देगी।
ज़रूरी नहीं सारी दुनिया खिलाफ होतो आप गलत हैं,
हो सकता है आप उनसे अलग हैं।
हो सकता है कि किसी फैसले में सब आपके खिलाफ हों। मगर उस वक्त खुद को गलत मानने की जगह एक बार सोचें कि क्या सच में आप गलत हैं। कई बार सही करना समाज के लिए बहुत मुश्किल होता है, इसीलिए समाज गलत के साथ चलता है। ऐसे में हो सकता है आप एकलौते हों जो सही के साथ हों, मगर आप अकेले भी हों। खुद पर शक करने से पहले, अपने फैसले के बारे में एक बार ज़रूर सोचें। गलत होने से बेहतर है अलग होना।
पीठ पीछे आपकी बात हो तो घबराएं नहीं,
अक्सर बात उन्हीं की होती है, जिनमें कोई बात होती है।
जब आप कुछ अलग करेंगे तो पीठ पीछे बात होना लाज़मी है, जब आप कुछ ऐसा करेंगे जो दूसरों की बस की नहीं है तो भी बात होना लाज़मी है। ऐसे में अपना मन छोटा न करें कि लोग पीठ पीछे आपकी बात करते हैं। असल में वो ऐसा इसीलिए करते हैं क्योंकि वो न आपकी दिक्कतों को समझ सकते हैं और न कभी आपके जैसे बन सकते हैं। अगर आप सही हैं, तो पीठ पीछे होने वाली बातों को पीठ के पीछे ही रहने दें, दिल से न लगाएं।
किसी से अपनी तुलना न करें,
चांद और सूरज के भी चमकने का समय अलग-अलग है।
सबका वक्त होता है। तय समय पर ही सबको उनकी मंज़िल मिलती है, तय समय पर ही सबको उनकी मेहनत का फल मिलता है। इसीलिए किसी से भी अपनी तुलना करना छोड़ दें। जब चांद और सूरज भी अपने तय वक्त पर चमकते हैं तो हम और आप तो फिर भी इंसान है। सबके चमकने का वक्त एक होना संभव नहीं है।
एक अच्छी किताब,
सौ दोस्तों के बराबर होती है।
कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपके पास दोस्तों का एक बड़ा ग्रुप नहीं है या फिर आपके ज़्यादा दोस्त नहीं है। अगर आपके पास एक अच्छी किताब है तो वही आपके लिए सौ दोस्तों से बढ़कर है। किसी से दोस्त से ज़्यादा एक किताब हमें ज़िंदगी जीने का सलीका सिखाती है, हम अच्छे-बुरे का फर्क समझाती है और अपने दोस्त के प्रति वफादार रहने के तरीके भी बताती है। किताबों को अपना दोस्त बनाकर देखें, वे दोस्ती कभी नहीं तोड़ती हैं।
ऊपर दिए मोटिवेशनल कोट्स हमारे अंदर एक जज़्बा पैदा करते हैं, एक उम्मीद जगाते हैं और खुद पर यकीन करने की हिम्मतदेते हैं। आगे बढ़ने के लिए बहुत ज़रूरी है मोटिवेटेड रहना। सही रास्ता चुनें और खुद को मोटिवेटेड रखकर आगे बढ़ते जाएं। मोटिवेशन से भरे आर्टिकल पढ़ते रहें सोलवेदा हिंदी पर।